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नेपाल के होटलों में 200 करोड़, विदेशी नेताओं से भी संबंध; कौन संभाल रहा था अमन साहू के आतंक का साम्राज्य

  • मंगलवार को अमन साहू के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद नई-नई जानकारी सामने आ रही है। ऐसे में एक सवाल उठ रहा है कि आखिर रंगदारी से वसूले गए पैसें का अमन कहां निवेश करता था।

Mohammad Azam लाइव हिन्दुस्तान, रांचीWed, 12 March 2025 08:08 AM
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नेपाल के होटलों में 200 करोड़, विदेशी नेताओं से भी संबंध; कौन संभाल रहा था अमन साहू के आतंक का साम्राज्य

अमन साहू को जिस केस में रांची में पेश करने के लिए एटीएस की टीम रांची ला रही थी, उस केस की जांच में हाल ही में खुलासा हुआ था कि रंगदारी के पैसों से उसके सगे भाई आकाश साहू ने जमीन में निवेश किया था, वहीं महंगी गाड़ियां भी खरीदी थीं। ऐसे में सवाल उठता है कि रंगदारी से मिलने वाले अथाह पैसे को अमन साहू कहां निवेश करता था और उसके आतंक का साम्राज्य कौन संभाल रहा था...

रंगदारी में वसूले गए पैसों के बैंक खातों में ट्रांजेक्शन के साक्ष्य भी राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) ने जुटाए थे। वहीं एनआईए ने बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद आकाश साहू के हस्ताक्षर का सैंपल भी लिया था, हस्ताक्षर मिलान के बाद एनआईए ने जनवरी माह में लातेहार के तेतरियाखाड़ कोलियरी में आगजनी केस में आकाश साहू पर भी चार्जशीट दायर की है। एनआईए की जांच में खुलासा हुआ था कि आकाश साहू को अमन साहू गैंग के विकास आनंद ओझा उर्फ अभिषेक, अजय तुरी ने पैसे भेजे थे। एनआईए ने इस संबंध में कई लोगों की गवाही ली, साथ ही बैंक खातों की स्क्रूटनी भी की थी। जिससे एनआईए को जानकारी मिली कि तेतरियाखाड़ फायरिंग केस के आरोपियों ने आकाश साहू को अपने अन्य सहयोगियों के जरिए पैसे भेजे थे।

कहां निवेश करता था रंगदारी के पैसे

झारखंड पुलिस पहले भी अमन साहू गैंग के कई शूटरों को पकड़ चुकी है। जांच में नेपाल कनेक्शन सामने आया था। यह भी पता चला था कि अमन का नेपाल के कई बड़े गैंगस्टर, हवाला कारोबारियों और राजनेताओं से संबंध है। उसने रंगदारी में वसूले गए पैसे का बड़ा निवेश काठमांडू के कई होटलों और रियल एस्टेट कारोबार में कर रखा है। साहू ने करीब 200 करोड़ रुपये नेपाल के रॉयल इंपावर बुटिक होटल, होटल डायनेस्टिक और टिप टॉप होटल काठमांडू में निवेश किया है। ये पैसे व्यवसायियों से रंगदारी में वसूले गए हैं।

रंगदारी से मिली रकम का निवेश भी क्रिप्टोकरेंसी के साथ साथ जमीन और होटल कारोबार में किया गया था। बीते दिनों एटीएस ने जांच में पाया था कि अमन साहू ने अपने करीबी सहयोगी नारायण थापा के जरिए नेपाल में पैसों का निवेश किया था। रंगदारी के पैसों को बाहर भेजने के लिए हवाला ऑपरेटिव की मदद भी गिरोह के द्वारा ली जाती थी। सिंगापुर के बाद अमन साहू के गैंग के सुनील मीणा ने अजरबैजान को ठिकाना बनाया था, जहां दिसंबर 2024 में उसकी गिरफ्तारी हो गई थी। लेकिन सुनील की गिरफ्तारी के बाद भी मयंक सिंह के नाम से लगातार कारेाबारियों को धमकी भरे कॉल किए जा रहे थे।

आकाश साहू के बैंकिंग ट्रांजेक्शन गैंग के शंकर यादव के साथ भी मिला था। शंकर यादव को आकाश साहू के द्वारा 17 लाख देने की पुष्टि भी जांच में हुई थी। एनआईए ने जांच में पाया था कि आकश साहू ने रंगदारी के पैसों का बिहार व झारखंड में चल व अचल संपत्ति के तौर पर निवेश किया। एनआईए ने मौखिक व ड्राक्यूमेंटी साक्ष्य पाया था। एनआईए ने अमन साव के रांची स्थित आवास से एक फार्च्यूनर गाड़ी जब्त की गई थी।

जांच के क्रम में यह बात सामने आयी कि शंकर यादव ने यह कार ओरमांझी के हैरिटेज टोयटा शोरूम से खरीदी थी। जांच के क्रम में एनआईए ने शोरूम से सारी जानकारी ली, तो पता चला था कि खरीद के बाद इस महंगी कार को आकाश साहू ने रिसिव किया था। कार रिसिविंग के दौरान की गई हस्ताक्षर की कॉपी भी एनआईए ने जब्त की। इसके बाद इस हस्ताक्षर से आकाश साहू के हस्ताक्षर के मिलान के लिए सैंपल लिया गया था। तेतरियाखाड़ केस में एनआईए अबतक दो दर्जन से अधिक आरोपियों पर चार्जशीट दायर कर चुकी है। एनआईए ने आकाश साहू पर तीसरा सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर किया था।

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