अधिकारी ने विद्यालयों की अतिक्रमित भूमि की जांच करने से किया इनकार
भू-माफिया के खौफ से विद्यालयों की अतिक्रमित जमीन की जांच करने से बीईईओ ने इनकार कर दिया है। जांच से इनकार के बाद प्रशासनिक महकमे में खलबली मच गयी है। जिले में संभवतः यह पहला मौका है, जब किसी...
भू-माफिया के खौफ से विद्यालयों की अतिक्रमित जमीन की जांच करने से बीईईओ ने इनकार कर दिया है। जांच से इनकार के बाद प्रशासनिक महकमे में खलबली मच गयी है। जिले में संभवतः यह पहला मौका है, जब किसी पदाधिकारी ने अपने वरीय अधिकारियों को भू-माफिया के आतंक का हवाला देते हुए इस तरह की जांच के लिए जिला स्तर पर टीम गठित करने का अनुरोध किया है।
बीईईओ कानन पात्रा ने जांच से इनकार करने का कारण जमीन माफिया का आतंक बताते हुए जानमाल पर क्षति पहुंचाने की आशंका जताई है। पत्र में बीते दिनों रंजीत बेज एवं बुद्धेश्वर कुंभकार की हत्या का उदाहरण दिया गया है। पत्र में कहा गया है कि भू-माफिया की ओर से जांच अधिकारी को फंसाने के लिए हर हथकंडा अपनाया जाता है, लिहाजा उनके आगे स्वयं को लाचार एवं बेबस भी बताया गया है। पत्र में बताया गया है कि ऐसे कई विद्यालय है, जहां भू-माफिया का कब्जा है।
क्या है प्रधान सचिव का पत्र : शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव अमरेंद्र प्रताप सिंह ने उपायुक्तों को पत्र भेजकर सरकारी विद्यालयों की जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराने का निर्देश दिया है। राज्य सरकार के संज्ञान में कई ऐसे मामले आये हैं, जिसमें अधिग्रहित विद्यालयों की भूमि, परिसंपत्ति एवं भवनों पर मालिकाना हक दिखाकर अवैध कब्जा का प्रयास किया जा रहा है। इस पत्र के आलोक में पूरे राज्य में सरकारी विद्यालयों की अवैध तरीके से अतिक्रमण जमीन की जांच करायी जा रही है। सरायकेला- खरसावां जिला प्रशासन ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को सरकारी विद्यालयों के भू-खंडों की जांच का निर्देश दिया है।
जांच अधिकारी सह बीईईओ कानन पात्रा का पत्र प्राप्त हुआ है। पत्र में उन्होंने भू-माफिया का जिक्र करते हुए जांच में असमर्थता जतायी है। उनके पत्र को उच्चाधिकारियों के पास भेजकर दिशा-निर्देश मांगा गया है। चूंकि यह अति गंभीर मामला है, लिहाजा उच्चाधिकारियों के निर्णय एवं दिशा-निर्देश के बाद ही कार्रवाई होगी।
शिवेंद्र कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी।