डायवर्सन के बहने से रुकी जीवन की रफ्तार
सरायकेला-खरसावां जिले के करीब 250 गांव बरसात आते ही टापू में तब्दील हो जाते हैं और जीवन की रफ्तार पर रुक जाती है। गांजिया गांव स्थित खरकई नदी पर बने पुल के महज तीन साल में बह जाने के बाद 10 वर्षों से...
सरायकेला-खरसावां जिले के करीब 250 गांव बरसात आते ही टापू में तब्दील हो जाते हैं और जीवन की रफ्तार पर रुक जाती है। गांजिया गांव स्थित खरकई नदी पर बने पुल के महज तीन साल में बह जाने के बाद 10 वर्षों से नदी पार बसे लोगों के लिए बरसात का मौसम अभिशाप बनकर आता है। गम्हरिया प्रखंड के पांच समेत राजनगर की करीब 10 पंचायतों को मिलाकर 250 गावों के लोगों के लिए नदी पर बनाए गए डायवर्सन भी 3 जुलाई को बरसात की भेंट चढ़ गए। नदी में अचानक तेज बहाव से डायवर्सन बह गया। मार्ग पर आवागमन पूरी तरह से बाधित होने से आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में काम करनेवाले सैकड़ों मजदूरों की रोजीरोटी, बच्चों की शिक्षा, रोजमर्रा की सामग्री खरीदने पर संकट हो गया है। प्रखंड से दूरी 5 के बजाय 50 किलोमीटर बढ़ गई है। नाले से पानी ओवरफ्लो होने की शिकायत : गम्हरिया के मोतीनगर मोहल्ला में एक साल पहले बने नए नाला की ऊंचाई ज्यादा होने से बारिश के दिनों में पानी ओवरफ्लो होने लगता है। इसकी शिकायत को लेकर नगर पर्षद के पूर्व पार्षद सोनू सिंह के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने कार्यपालक पदधिकारी दीपक सहाय को ज्ञापन सौंपा। इसमें बताया गया कि एक साल पहले बने नाले की ऊंचाई एक फुट होने के कारण शंकर शर्मा और अन्य लोगों के मकानों में बारिश का पानी प्रवेश कर जाता है। इससे काफी समस्याएं होती हैं। प्रतिनिधिमंडल में राकेश कुमार सीनी, राजकुमार शर्मा, कौशल किशोर पांडेय, गौतम शर्मा, पंकज कुमार आदि उपस्थित थे।