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नक्सल प्रभावित गांव झुझका में पुलिस ने खोला बाल पुस्तकाल

महज 14 साल की उम्र में स्कूल के लिए घर से निकला रामप्रसाद मार्डी जैसा लड़का गलत दिशा में जाने की वजह से आज सचिन नाम का ईनामी नक्सली बन गया है। गांव में दूसरा कोई सचिन पैदा न हो इसके लिए जिला पुलिस की...

नक्सल प्रभावित गांव झुझका में पुलिस ने खोला बाल पुस्तकाल
हिन्दुस्तान टीम,आदित्यपुरThu, 04 Jul 2019 01:42 AM
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महज 14 साल की उम्र में स्कूल के लिए घर से निकला रामप्रसाद मार्डी जैसा लड़का गलत दिशा में जाने की वजह से आज सचिन नाम का ईनामी नक्सली बन गया है। गांव में दूसरा कोई सचिन पैदा न हो इसके लिए जिला पुलिस की ओर से रोटरी क्लब जमशेदपुर की मदद से पुस्तकालय का शुभारंभ किया गया। अब यहां के बच्चे भी शहरी बच्चों की तरह पढ़ाई कर सकेंगे। पुस्तकों की कमी तो दूर होगी ही ऑडियो-वीडियो विजुअल के माध्यम से भी ज्ञान अर्जित कर सकेंगे।

यह बातें बुधवार को पटमदा के झुंझका स्थित नक्सली सचिन के गांव पहुंचे जिले के एसएसपी अनूप बिरथरे ने उत्क्रमित मध्य विद्यालय भवन में बाल पुस्तकालय के उद्घाटन के मौके पर ग्रामीण बच्चों को संबोधित करते हुए कहीं।

कहा, पहले इस गांव को लोग 5 लाख के ईनामी नक्सली सचिन के गांव के नाम से जानते थे, लेकिन जिला पुलिस का प्रयास है कि इस गांव के बच्चे भी विभिन्न सेवा क्षेत्रों में जाकर गांव का नाम रोशन करें। एसएसपी इस गांव के बच्चों व अन्य ग्रामीणों से दूसरी बार मुखातिब थे। इससे पूर्व पिछले साल 6 जून को सामुदायिक पुलिसिंग के तहत एक दिवसीय निःशुल्क चिकत्सिा शिविर में बतौर मुख्य अतिथि भाग लेने पहुंचे थे।

उस दौरान नक्सली सचिन के घर जाकर उसके माता- पिता व भाई-बहन से मिलकर उसे आत्मसमर्पण हेतु संदेश देने की सलाह दी थी। उन्होंने गांव में रहने वाले जोड़सा पंचायत के मुखिया रूपेन सिंह, ग्राम प्रधान व अन्य लोगों से भी सचिन को सरेंडर कराने हेतु अपील की थी। इससे पहले स्कूल व क्षेत्र के बच्चों के बीच पेंसिल किताब कॉपी जोमेट्री बॉक्स बांटे गए । यह आयोजन जमशेदपुर पुलिस और रोटरी क्लब के संयुक्त तत्वाधान में किया गया था। कार्यक्रम में ग्रामीण एसपी पीयूष पांडे, एएसपी प्रणवानंद झा के अलावा एसएसपी अनूप बिरथरे की पत्नी अरुणा दीक्षित, रोटरी क्लब के सदस्य व अन्य लोग मौजूद थे।

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