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आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज कराने पहुंची प्रसूता का बनाया बिल, बवाल

आदित्यपुर। आदित्यपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत साई नर्सिंग होम में आयुष्मान भारत के तहत इलाज कराने पहुंचे मीरूडीह निवासी मंगल गोप की पत्नी लक्खी देवी को आपरेशन के बाद पुत्र को जन्म दिया। लेकिन अस्पताल में...

आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज कराने पहुंची प्रसूता का बनाया बिल, बवाल
हिन्दुस्तान टीम,आदित्यपुरSat, 03 Nov 2018 01:56 AM
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आदित्यपुर थाना क्षेत्र के साई नर्सिंग होम में आयुष्मान भारत के तहत इलाज कराने पहुंचीं मीरूडीह निवासी मंगल गोप की पत्नी लक्खी देवी ने ऑपरेशन के बाद पुत्र को जन्म दिया। लेकिन अस्पताल में उसे इस योजना का लाभ नहीं दिया और पीड़ित को अस्पताल में बंधक बना लिया गया। इस सूचना के बाद आदित्यपुर नगर निगम के डिप्टी मेयर अमित सिंह के नेतृत्व में भाजपाई अस्पताल पहुंचे। अस्पताल प्रबंधन ने अस्पताल की क्षमता कम होने की दुहाई देते हुए इस योजना के तहत इलाज कराने से इनकार कर दिया। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार क्षमता कम होने का पत्र जिला सिविल सर्जन को दे दिया गया है।

वहीं, इस मामले को लेकर डिप्टी मेयर द्वारा अस्पताल में आयुष्मान योजना के तहत इलाज नहीं होने का नोटिस नहीं लगाने को लेकर अस्पताल को कटघरे में खड़ा किया। बाद में अस्पताल और मरीज के पक्ष में आये भाजपाइयों में समझौता हुआ और अस्पताल ने बकाया बिल माफ कर दिया।

मामले को लेकर डिप्टी मेयर ने सिविल सर्जन और अस्पताल पर इस योजना को लेकर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। डिप्टी मेयर ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा अस्पताल को योजना की लॉगिन आईडी और पासवर्ड उपलब्ध कराने के बाद पत्र लिखा गया कि इस योजना के तहत संसाधन के अभाव में योजना में शामिल नहीं हो सकते। जबकि इन योजना संबंधित अस्पताल में सारी प्रक्रिया का अनुपालन कर सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया था। अस्पताल इस योजना का लाभ गरीबो को नहीं देगा इसका सूचना न तो सिविल सर्जन और न ही लाभुकों को दी गई। मरीज को गम्हरिया स्वास्थ्य केंद्र से साईं नर्सिंग होम भर्ती किया गया था। इस दौरान आदित्यपुर मंडल अध्यक्ष कृष्ण मुरारी झा, पार्षद रंजन सिंह, रंजन दास आदि उपस्थित थे।

फीस करायी माफ : अस्पताल से रेफर होने के उपरांत परिजनों ने अस्पताल में 5 हजार जमा करा दिया। वहीं शुक्रवार को प्रसूति से 17 हजार और बकाया की मांग की जा रही थी। लेकिन डिप्टी मेयर की पहल पर फीस माफ कर दी गयी।

 रजिस्ट्रेशन कैसे हुआ इसकी जांच हो : मामले को लेकर डिप्टी मेयर अमित सिंह ने कहा कि आयुष्मान भारत के तहत जिन अस्पतालों को टैग किया गया है, उसकी लिस्ट सिविल सर्जन द्वारा जारी की गयी है। प्रक्रिया के तहत अस्पताल द्वारा रजिस्ट्रेशन कराया जाता है। इसके बाद केंद्र सरकार द्वारा आईडी व पासवर्ड जारी किया जाता है। अस्पताल का आईडी पासवर्ड जारी कर दिया गया है, लेकिन एमओयू नहीं किया गया।

 अस्पताल द्वारा आयुष्मान भारत के तहत काम नहीं करने का पत्र दिया गया। अस्पताल को बोर्ड लगाना चाहिए था। मामले की जांच की जा रही है। दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी: सिविल सर्जन, सरायकेला-खरसावां।

 

 

 

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