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आतंकी लंबू के 3 आईफोन खोलेंगे बड़े राज, जैश सरगना मसूद अजहर से था लिंक

भारतीय खुफिया एजेंसियां, सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस हाल ही में मारे गए आतंकी मुहम्मद इस्माइल अल्वी उर्फ ​​लम्बू के पास से बरामद किए गए तीन आईफोन की फॉरेंसिक जांच कर रही हैं। इससे उन...

आतंकी लंबू के 3 आईफोन खोलेंगे बड़े राज, जैश सरगना मसूद अजहर से था लिंक
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीMon, 02 Aug 2021 02:06 PM

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भारतीय खुफिया एजेंसियां, सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस हाल ही में मारे गए आतंकी मुहम्मद इस्माइल अल्वी उर्फ ​​लम्बू के पास से बरामद किए गए तीन आईफोन की फॉरेंसिक जांच कर रही हैं। इससे उन लिंक्स का पता लगाया जाएगा, जो आतंकवादी के जैश-ए- मोहम्मद (JeM) के बहावलपुर मुख्यालय और जम्मू और घाटी के ओवरग्राउंड वर्कर के साथ थे। कहा जा रहा है कि लंबू सीधे तौर पर जैश के सरगना मसूद अजहर से लिंक थे। इन आईफोन्स की जांच से इस दिशा में कोई बड़ा खुलासा हो सकता है।

एनकाउंटर साइट पर मिले थे हथियार

31 जुलाई को मेजर जनरल राशिम बाली के नेतृत्व में विक्टर फोर्स ने पुलवामा के त्राल के हंगलमर्ग वन क्षेत्र में आतंकवादियों के ठिकाने पर जवाबी कार्रवाई की। मुठभेड़ स्थल से एक यूएस एम-4 असॉल्ट राइफल, एक एके-47, एक ग्लॉक पिस्टल और एक पिस्टल सहित हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया।

खुफिया सूचनाओं के आधार पर पूरा ऑपरेशन केवल सात मिनट में समाप्त हो गया था और दोनों आतंकवादियों को मार गिराया गया था। इस्माइल अल्वी, समीर डार (मारे गए अन्य आतंकवादी) के साथ, 2019 के पुलवामा हमले के मुख्य अपराधी भी थे।

अजहर का खून का रिश्तेदार था अल्वी

सुरक्षाबलों के मुताबिक वैश्विक आतंकी सरगना मसूद अजहर का खून का रिश्तेदार इस्माइल अल्वी लगातार अपने छोटे भाई मुफ्ती अब्दुल रऊफ अजहर के संपर्क में था, जो भारतीय सुरक्षा बलों में 'मारा' कोडनेम से जाना जाता है। iPhone की जांच की जा रही है, लेकिन प्रारंभिक फोरेंसिक स्कैनिंग से पता चला है कि अल्वी 'मारा' और JeM के अन्य उच्च श्रेणी के आतंकवादियों के संपर्क में था।

बता दें मसूद अजहर भारत के खिलाफ आतंकी हमलों में शामिल अपने पूरे परिवार के साथ बहावलपुर में एक आतंकी साम्राज्य चलाता है।  संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित किए जाने के बाद, अजहर, जमीन पर अपने आतंकी लेफ्टिनेंटों के साथ सीधे संवाद नहीं करता है। उसका छोटा भाई रऊफ अजहर पाकिस्तान में स्थित इस आतंकी संगठन के पूरे ऑपरेशन को संभालता है। 1999 के कंधार में IC-814 अपहरण के बाद से  मसूद अजहर का तालिबान लिंक साफ है।

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