पीडीपी नेता वहीद पारा जमानत पर छूटने के कुछ देर बाद ही अरेस्ट, महबूबा बोलीं LG करें हस्तक्षेप
जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से पीडीपी के युवा नेता वहीद पारा की रिहाई के तुरंत बाद ही गिरफ्तारी के मामले में...
जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से पीडीपी के युवा नेता वहीद पारा की रिहाई के तुरंत बाद ही गिरफ्तारी के मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। राष्ट्रीय जांच ब्यूरो यानी एनआईए की विशेष अदालत ने शनिवार को पीडीपी के युवा नेता वहीद उर रहमान पारा को जमानत पर छोड़ा था लेकिन कुछ ही देर बाद पारा को काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर (सीआईके) ने गिरफ्तार कर लिया।
पारा को एनआईए ने हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों के साथ उनके कथित संबंधों को लेकर डेढ़ महीने तक हिरासत में रखने के बाद जमानत पर रिहा किया था।
महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया, 'कोर्ट की प्रक्रिया पूरी करने के बाद NIA की विशेष अदालत से बेल मिलने के बावजूद वहीद पारा को जम्मू में सीआईके ने गिरफ्तार कर लिया। किस कानून के तहत और किस गुनाह के लिए यह गिरफ्तारी की गई है? यह न्यायालय की अवमानना है। मनोज सिन्हा से निवेदन है कि वह हस्तक्षेप करें ताकि न्याय हो।'
Despite NIA Court granting bail to @parawahid after thorough court proceedings, he has now been detained by CIK in Jammu. Under what law & for what crime has he been arrested? This is brazen contempt of court. Request @manojsinha_ ji to intervene so that justice is served.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) January 9, 2021
क्यों हुई थी गिरफ्तारी?
अधिकारियों के मुताबिक, हाल ही में दक्षिण कश्मीर के अपने गृह नगर पुलवामा जिले से जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव जीतने वाले पारा को एनआईए अदालत में पेश किया गया। जिसने उसे एक लाख रुपए की जमानत राशि पर जमानत दी। उन्हें पिछले साल 25 नवंबर को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा गिरफ्तार किया गया था। यह गिरफ्तारी गुपकर घोषणा पत्र गठबंधन (पीएजीडी) के उम्मीदवार के तौर पर उनके द्वारा नामांकन पत्र दाखिल करने के कुछ दिनों बाद हुई थी। एनआईए ने कहा था कि पारा को अन्य आरोपी व्यक्तियों के साथ साजिश करके हिजबुल मुजाहिदीन का समर्थन करने के लिए नवीद बाबू-दविंदर सिंह मामले में गिरफ्तार किया गया था। पीडीपी द्वारा इस आरोप से इनकार किया गया था और पार्टी ने उनकी गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित करार दिया था।