कश्मीर फ्रीडम फाइटर आतंकी ग्रुप ने ली पूरन कृष्ण भट्ट की हत्या की जिम्मेदारी, पढ़ें दस बड़े अपडेट्स
जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में शनिवार को आतंकवादियों ने एक कश्मीरी पंडित की गोली मारकर हत्या कर दी। पूरन कृष्ण पर दक्षिण कश्मीर जिले के चौधरी गुंड इलाके में उनके आवास के निकट हमला किया गया।
जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में शनिवार को आंतकियों ने एक बार कश्मीरी पंडित को निशाना बनाया है। आतंकियों ने दक्षिण कश्मीर जिले के चौधरी गुंड इलाके एक कश्मीरी पंडित पूरन कृष्ण भट्ट की गोली मारकर हत्या कर दी है। कश्मीरी पंडित की हत्या की जिम्मेदारी कश्मीर फ्रीडम फाइटर (KFF) ने ली है। केएएफ एक आतंकवादी ग्रुप है। आंतकियों ने पूरन कृष्ण भट्ट के आवास के निकट हमला किया था। इसके बाद जख्मी भट्ट को शोपियां अस्पताल में उपचार के लिए ले जाया गया जहां, डॉक्टरों ने उन्होंने मृत घोषित कर दिया।
पूरन कृष्ण भट्ट की हत्या के बाद सैकड़ों की संख्या में कश्मीरी समुदाय के लोग सड़क पर उतर गए विरोध प्रदर्शन करने लगे हैं। सैकड़ों की संख्या में कश्मीरी पंडित कर्मचारियों ने अपने समुदाय के सदस्य की हत्या के विरोध में जम्मू-अखनूर हाइवे को भी अवरुद्ध कर दिया था। पूरन पर हमले के बाद सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी है और आतंकवादियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। घटना से जुड़े ये टॉप टेन अपडेट जान लें।
- घटना को लेकर डीआईजी ने बताया है कि शुरुआती जांच में पता चला है कि एक आतंकी ने भट्ट पर फायरिंग की थी। उन्होंने कहा कि उनके क्लस्टर में सुरक्षा व्यवस्था भी है। हम चूक की जांच कर रहे हैं। वे स्कूटर पर बाहर गए थे तुरंत की घर लौटे थे।
- शोपियां के डिप्टी कमिश्नर सचिन कुमार वैश्य ने कहा है कि भट्ट के पार्थिव शरीर को जम्मू ले जाया जाएगा जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
- घटना के कुछ देर बाद ही सैकड़ों की संख्या में कश्मीरी पंडित समुदाय के लोग सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने लगे हैं। प्रदर्शन के दौरान समुयाद के लोगों ने आतंकवादियों के खिलाफ नारेबाजी भी की।
- दूसरी ओर से राष्ट्रीय बजरंग दल के कार्यकर्ता भी प्रदर्शनकारियों में शामिल हो गए और घाटी में आतंकवादियों द्वारा लगातार टारगेट किलिंग की निंदा करने के लिए पाकिस्तान का पुतला फूंका। घाटी में पिछले साल भी कश्मीरी पंडित की हत्या हुई थी। इसके साथ-साथ कई प्रवासी श्रमिकों को भी निशाना बनाया गया था।
- केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा समेत राजनीतिक दलों ने इस हत्या की निंदा की। सिन्हा ने ट्विटर पर लिखा, शोपियां में आतंकवादियों द्वारा पूरन कृष्ण भट्ट पर हमला कायरतापूर्ण कृत्य है। शोक संतप्त परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। मैं लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि अपराधियों और आतंकवादियों की सहायता और उकसाने वालों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी।'
- नेशनल कांफ्रेंस ने भी हमले की निंदा की है। नेका ने ट्वीट किया, 'हम शोपियां में पूरन कृष्ण भट्ट पर निर्लज्ज, कायरतापूर्ण हमले की स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं, जिसमें उनकी जान चली गई। उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति हमारी संवेदनाएं। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।'
- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के महासचिव (संगठन) अशोक कौल ने भी कृष्ण की हत्या की निंदा की है। कौल ने एक बयान में कहा ''यह कश्मीरी पंडितों पर एक और कायरतापूर्ण हमला है। राष्ट्र विरोधी तत्व अपने गलत कार्यों में कभी सफल नहीं होंगे।'
- कश्मीर पंडित लंबे समय से घाटी में अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। हालांकि, सरकार की ओर से उनको जरूरी सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है। 1990 के दशक में जब घाटी में आतंकवाद अपने चरम पर था तब करीब दो लाख कश्मीरी पंडित वहां से निकल गए थे।
- सरकार के पुनर्वास योजना के अंतर्गत साल 2010 के बाद से कई हजार कश्मीर पंडित अपने घर लौटे हैं। जिन्हें सरकार की ओर से नौकरी और आवास उपलब्ध कराया गया है।
- मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता एम वाई तारिगामी ने कहा कि सरकार को घाटी में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, पूरन कृष्ण भट्ट के जीवन को छिन्न-भिन्न करने वाले घृणित हमले से बेहद दुखी हूं।
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