jammu kashmir separatist leader Syed Ali Shah Geelani dead body draping from Pakistani flag Police registered FIR जम्मू और कश्मीर: अलगाववादी नेता सैयद शाह गिलानी की डेड बॉडी को पाकिस्तानी झंडे में लपेटा, केस दर्ज, Jammu-and-kashmir Hindi News - Hindustan
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जम्मू और कश्मीर: अलगाववादी नेता सैयद शाह गिलानी की डेड बॉडी को पाकिस्तानी झंडे में लपेटा, केस दर्ज

अलगाववादी नेता सैयद शाह गिलानी के मृत शरीर को पाकिस्तानी झंडे में लपेटने के मामले में पुलिस ने अब एफआईआर दर्ज की है। बुधवार को सैयद शाह गिलानी का निधन हुआ था। इस मामले में बडगाम पुलिस ने एक...

Nishant Nandan लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 4 Sep 2021 10:25 PM
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जम्मू और कश्मीर: अलगाववादी नेता सैयद शाह गिलानी की डेड बॉडी को पाकिस्तानी झंडे में लपेटा, केस दर्ज

अलगाववादी नेता सैयद शाह गिलानी के मृत शरीर को पाकिस्तानी झंडे में लपेटने के मामले में पुलिस ने अब एफआईआर दर्ज की है। बुधवार को सैयद शाह गिलानी का निधन हुआ था। इस मामले में बडगाम पुलिस ने एक एफआईआर दर्ज की है। पुलिस ने शनिवार को बताया कि अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। बुधवार की रात सैयद शाह गिलानी का हैदरपोरा स्थित उनके आवास पर निधन हो गया था। वो लंबे समय से बीमार चल रहे थे। बताया जा रहा है कि एक मस्जिद के नजदीक स्थित कब्रिस्तान में उनके शव को दफनाने से पहले उनके शरीर पर पाकिस्तानी झंडा लपेटा गया था।  

दरअसल सैयद शाह गिलानी के अंतिम संस्कार से पहले एक वीडियो भी सामने आया था। इस वीडियो में नजर आ रहा था कि गिलानी के शव को पाकिस्तानी झंडे में लपेटा गया था। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस वीडियो के सामने आने के बाद जम्मू कश्मीर पुलिस ने UAPA के तहत केस दर्ज किया है। इस वीडियो को लेकर यह भी कहा जा रहा है कि सैयद शाह गिलानी के शव के चारों तरफ कई अन्य लोग भी मौजूद हैं, जिनमें ज्यादातर महिलाएं हैं। 

कि अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के निधन के बाद कश्मीर घाटी के ज्यादातर हिस्सों में लोगों के एकत्रित होने पर पाबंदी लगा दी गयी थी,वहीं मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गयी थी। पाकिस्तान समर्थक अलगाववादी नेता को उनके आवास के समीप ही एक मस्जिद में सुपुर्द-ए-खाक किया गया था। कट्टरपंथी अलगाववादी नेता का गुरुवार से पहले ही अंतिम संस्कार कर दिया गया था। हालांकि, इसके बाद परिवार ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने उनके शव को जबरन उठा लिया था और उन्हें अंतिम अधिकारों में हिस्सा भी नहीं लेने दिया गया था। 

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