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हिंदी न्यूज़ जम्मू और कश्मीरअमित शाह की रैली से पहले जम्मू और राजौरी में इंटरनेट बंद, डीजी जेल हेमंत लोहिया की हत्या से बढ़ा अलर्ट

अमित शाह की रैली से पहले जम्मू और राजौरी में इंटरनेट बंद, डीजी जेल हेमंत लोहिया की हत्या से बढ़ा अलर्ट

राजौरी में अमित शाह की रैली से पहले जम्मू-कश्मीर की सरकार ने जिले में इंटरनेट बंद कर दिया है। इसके अलावा पड़ोसी जिले जम्मू के भी कुछ इलाकों में इंटरनेट पर पाबंदी लगाई गई है ताकि उपद्रव को रोका जा सके।

अमित शाह की रैली से पहले जम्मू और राजौरी में इंटरनेट बंद, डीजी जेल हेमंत लोहिया की हत्या से बढ़ा अलर्ट
Surya Prakashलाइव हिन्दुस्तान,जम्मू श्रीनगरFri, 04 Nov 2022 01:25 PM
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होम मिनिस्टर अमित शाह के दौरे के बीच जम्मू-कश्मीर के डीजी जेल हेमंत लोहिया की हत्या के बाद प्रशासन बेहद सतर्क हो गया है। राजौरी में अमित शाह की रैली से पहले सरकार ने जिले में इंटरनेट बंद कर दिया है। इसके अलावा पड़ोसी जिले जम्मू के भी कुछ इलाकों में इंटरनेट पर पाबंदी लगाई गई है। यह पाबंदी आज शाम 7 बजे तक लगाई गई है ताकि किसी अराजक तत्व की ओर से उपद्रव फैलाने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल न किया जा सके। सोमवार देर रात अमित शाह जम्मू पहुंचे थे। इसी दिन जेल डीजी हेमंत लोहिया की उनके ही नौकर ने हत्या कर दी थी। फिलहाल पुलिस ने उनके घरेलू नौकर यासिर अहमद को अरेस्ट कर लिया है।

इस हत्या की आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फोर्स ने जिम्मेदारी ली है, लेकिन पुलिस का कहना है कि इस मामले में अब तक कोई टेरर लिंक नहीं पाया गया है। कल अमित शाह श्रीनगर में रहेंगे और सुरक्षा की समीक्षा करेंगे। इससे पहेल आज राजौरी में रैली को संबोधित करने वाले हैं। माना जा रहा है कि इस दौरान वह पहाड़ी समुदाय को एसटी आरक्षण देने का ऐलान कर सकते हैं। इसके अलावा वह बुधवार को उत्तर कश्मीर के बारामूला जिले में एक रैली को संबोधित करने वाले हैं। शिक्षा और नौकरियों में यह आरक्षण दिया जाएगा। जम्मू-कश्मीर के कुछ और समुदाय ऐसे ही आरक्षण की मांग कर रहे हैं। 

बता दें कि बीते दिनों ही जम्मू-कश्मीर में एसटी का दर्जा रखने वाले गुज्जर बकरवाल समुदाय के नेता को राज्यसभा भेजा गया है। भाजपा के लिए भी अमित शाह का यह दौरा अहम है। इसकी वजह यह है कि केंद्र शासित प्रदेश में अगले कुछ महीनों ही चुनाव कराए जाने की संभावना है। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने और दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजन के बाद से अब तक तीन साल बीत गए हैं। अब चुनाव कराए जाने की तैयारी है। इसके अलावा सरकार का कहना है कि आने वाले समय में जम्मू-कश्मीर को एक बार फिर से राज्य का दर्जा दिया जाएगा। लेकिन ऐसा फैसला कानून व्यवस्था की स्थिति से सुधरने के बाद ही लिया जाएगा।