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Hindi News जम्मू और कश्मीरकश्मीरी पंडित की हत्या करने वाले 2 पाकिस्तानी आतंकवादी एनकाउंटर में ढेर, ऑफिस में घुसकर मारी थी गोली

कश्मीरी पंडित की हत्या करने वाले 2 पाकिस्तानी आतंकवादी एनकाउंटर में ढेर, ऑफिस में घुसकर मारी थी गोली

सुरक्षा बलों ने शुक्रवार को लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े दो पाकिस्तानी आतंकवादियों को मार गिराया। ये आतंकवादी एक दिन पहले जम्मू-कश्मीर में एक सरकारी कर्मचारी कश्मीरी पंडित की हत्या में शामिल थे।

कश्मीरी पंडित की हत्या करने वाले 2 पाकिस्तानी आतंकवादी एनकाउंटर में ढेर, ऑफिस में घुसकर मारी थी गोली
लाइव हिन्दुस्तान,श्रीनगर।Sat, 14 May 2022 06:10 AM

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सुरक्षा बलों ने शुक्रवार को लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े दो पाकिस्तानी आतंकवादियों को मार गिराया। ये आतंकवादी एक दिन पहले जम्मू-कश्मीर में एक सरकारी कर्मचारी कश्मीरी पंडित की हत्या में शामिल थे। मारे गए आतंकवादियों की पहचान पाकिस्तानी नागरिक फैसल उर्फ ​​सिकंदर उर्फ ​​मोहसिन और उकाशा के रूप में हुई है।

एक पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि सुरक्षा बलों ने शुक्रवार को उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा जिले के अरागाम इलाके के बरार में दो आतंकवादियों को मुठभेड़ में मार गिराया, जो हाल ही में जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ कर चुके थे और दो दिन पहले आतंकवाद विरोधी अभियान से भागने में सफल रहे थे।

पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि पिछले दो महीनों में श्रीनगर और बडगाम में आतंकी घटनाओं में शामिल लतीफ राथर उर्फ ​​ओसामा नाम के एक लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी की तलाशी के दौरान ये दोनों आतंकवादी सुरक्षा बलों की जांच के दायरे में आए। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह पहले बांदीपोरा के सालिंदर इलाके में राथर की गतिविधि की पुष्टि हुई थी। वह लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों के एक नए समूह को लेने गया था, जिन्होंने केंद्र शासित प्रदेश में घुसपैठ की।

कश्मीरी पंडितों का जम्मू से लेकर कश्मीर तक प्रदर्शन
कश्मीरी पंडित कर्मचारी राहुल भट्ट की हत्या के विरोध में जम्मू से लेकर कश्मीर घाटी तक प्रदर्शन किए जा रहे हैं। न्याय और सुरक्षा की मांग को लेकर कश्मीरी पंडित शुक्रवार को भी सड़कों पर उतरे। पुलिस ने श्रीनगर हवाई अड्डे की ओर बढ़ रहे कश्मीरी पंडितों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे। इस बीच बडगाम में प्रदर्शन के दौरान सुरक्षाबलों को हालत संभालने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा।

ऑफिस में घुसकर मारी थी गोली
आपको बता दें कि आतंकवादियों ने चडूरा शहर में तहसील कार्यालय के भीतर घुसकर राहुल भट को गोली मारी थी। भट को प्रवासियों के लिए विशेष नियोजन पैकेज के तहत 2010-11 में लिपिक के तौर पर सरकारी नौकरी मिली थी। भट लगभग चार हजार हिंदू कर्मचारियों के पहले दल में शामिल थे, जो 2010 के बाद सरकारी पुनर्वास योजना के तहत घाटी में लौटे थे। जिसने उन्हें नौकरी और आवास प्रदान किया था।

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