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सिर से हटाई टोपी, फिर कश्मीरी में लगे जोर-जोर से बोलने; मेरी इज्जत आपके हाथ... उमर अब्दुल्ला क्यों हुए भावुक

आमतौर पर उर्दू में जनसभा को संबोधित करने वाले उमर ने कश्मीरी में कहा कि आज मैं सिर्फ एक बात कहूंगा। मेरी पगड़ी, मेरी इज्जत और यह टोपी आपके हाथों में है। जब उमर सिर से टोपी उतारकर लोगों से यह भावुक अपील कर रहे थे, तब वहां मौजूद भीड़ ने जोर-जोर से कहा कि उन्हें अपनी टोपी उतारने की जरूरत नहीं है।

सिर से हटाई टोपी, फिर कश्मीरी में लगे जोर-जोर से  बोलने; मेरी इज्जत आपके हाथ... उमर अब्दुल्ला क्यों हुए भावुक
Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, श्रीनगरWed, 4 Sep 2024 01:58 PM
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जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को मध्य कश्मीर की गांदरबल विधानसभा सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इस दौरान उनके बेटे भी साथ थे। उससे पहले एक जनसभा को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला भावुक हो उठे। उन्होंने सभा के दौरान अपने सिर से टोपी उतारी और मतदाताओं से हाथ जोड़कर गांदरबल विधानसभा सीट से जिताने की अपील की। ​​उन्होंने लोगों से अपील की कि उन्हें लोगों की सेवा करने का एक मौका दें और जम्मू-कश्मीर के आगामी विधानसभा चुनावों में गांदरबल से उन्हें जिताएं।

आमतौर पर उर्दू में बात करने वाले और जनसभा को संबोधित करने वाले उमर ने कश्मीरी में कहा, "आज मैं सिर्फ़ एक बात कहूंगा। मेरी पगड़ी, मेरी इज्जत और यह टोपी आपके हाथों में है।" जब उमर सिर से टोपी उतारकर लोगों से यह भावुक अपील कर रहे थे, तब वहां मौजूद भीड़ ने जोर-जोर से कहा कि उन्हें अपनी टोपी उतारने की जरूरत नहीं है। उमर ने जब अपनी टोपी सिर से उतारी और पार्टी कार्यकर्ताओं से इज्जत बचाने की अपील की तो कुछ पार्टी कार्यकर्ता रोते हुए भी नजर आए।

उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से अनुरोध किया कि वे उन्हें 'एक मौका' दें ताकि वे सही मायनों में विधानसभा क्षेत्र के लोगों की सेवा कर सकें। उमर ने कहा, "आज मैं आपसे हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि चुनाव में मेरी जीत के लिए हर दरवाजे तक पहुंचें।" उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से चुनावी जीत के लिए एक रस्सी थामे रहने और अल्लाह पर भरोसा रखने का आग्रह किया। उमर ने कहा, “अगर हम एक रस्सी थामे रहेंगे और अल्लाह पर अपना भरोसा कायम रखेंगे तो निश्चित रूप से जीत हमारी होगी।”

बता दें कि गांदरबल में 25 सितंबर को मतदान होना है। अब्दुल्ला ने 2009 से 2014 तक इस सीट का प्रतिनिधित्व किया था। उन्होंने 2014 का विधानसभा चुनाव मध्य कश्मीर के बडगाम जिले की बीरवाह विधानसभा सीट से लड़ा था और जीत हासिल की थी। अब्दुल्ला ने श्रीनगर की सोनवार सीट से भी चुनाव लड़ा था, लेकिन वहां उन्हें पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के तत्कालीन नेता मोहम्मद अशरफ मीर ने हरा दिया था।

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गांदरबल नेशनल कॉन्फ्रेन्स और अब्दुल्ला परिवार का गढ़ रहा है। नेशनल कॉन्फ्रेन्स के संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला और वर्तमान अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला कई बार इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। शेख मोहम्मद अब्दुल्ला ने 1977 में यह सीट जीती थी, उसके बाद उनके बेटे फारूक अब्दुल्ला ने 1983, 1987 और 1996 में जीत हासिल की। उमर अब्दुल्ला बाद में 2008 में इस निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए। 

2014 में शेख इश्फाक जब्बार ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के टिकट पर गंदेरबल सीट जीती थी। उमर अब्दुल्ला ने इस साल उत्तर कश्मीर की बारामुला सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन शेख अब्दुल रशीद उर्फ ​​इंजीनियर रशीद से हार गए थे। रशीद आतंकवाद को वित्त पोषण के आरोप में तिहाड़ जेल में बंद हैं। जम्मू-कश्मीर की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान 18, 25 सितंबर और एक अक्टूबर को होगा।

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