ढह गया पीडीपी का किला, परिवार की सबसे सेफ सीट पर बिजबेहड़ा पर हार गईं इल्तिजा मुफ्ती
Srigufwara Bijbehara live update: पीडीपी उम्मीदवार और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा को हार का सामना करना पड़ा है। नेशनल कांफ्रेंस के उम्मीदवार बशीर अहमद शाह वीरी ने उन्हें 9770 वोटों से शिकस्त दी।
Srigufwara Bijbehara Result: पीडीपी उम्मीदवार और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा को हार का सामना करना पड़ा है। नेशनल कांफ्रेंस के उम्मीदवार बशीर अहमद शाह वीरी ने उन्हें 9770 वोटों से शिकस्त दी। बशीर अहमद शाह को 33299 वोट मिले। वहीं, इल्तिजा मुफ्ती को 23529 वोट मिले। इससे पहले इल्तिजा मुफ्ती ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर अपनी हार स्वीकार कर ली थी। पीडीपी का गठन 1999 में होने से लेकर आज तक कभी भी पार्टी इस सीट से चुनाव नहीं हारी थी। लेकिन इल्तिजा की हार के साथ ही पीडीपी का यह किला धराशायी हो गया।
इल्तिजा (35) मंगलवार को इस सीट की मतगणना में सात चक्र के बाद नेशनल कांफ्रेस (नेकां) के बशीर अहमद वीरी से 3788 वोट से पीछे हो गई थीं। इस सीट पर पांचवें दौर की गिनती बाकी ही थी कि इल्तिजा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में हार मान ली। एक्स पर लिखी इस पोस्ट में इल्तिजा ने कहाकि मैंने जनता का फैसला मान लिया है। बिजबेहड़ा के लोगों ने मुझे जो मोहब्बत और प्यार दिया है वह मेरे साथ हमेशा बना रहेगा।
उन्होंने प्रचार में साथ देने के लिए पीडीपी के कार्यकर्ताओं के प्रति आभार जताया। जम्मू-कश्मीर की 90 सदस्यी विधान सभा के चुनाव की मतगणना में नेकां-कांग्रेस गठबंधन आगे रहा। दूसरे स्थान पर भारतीय जनता पार्टी है। नेशनल कांफ्रेंस ने उमर अब्दुल्ला को मुख्यमंत्री बनाने का ऐलान किया है।
गौरतलब है कि इल्तिजा इस चुनाव में अपने बेबाक अंदाज के लिए पहले ही अपनी पहचान बना चुकी हैं। उन्होंने नामांकन के आखिरी दिन इस सीट से अपना पर्चा भरा था। 37 वर्षीय इल्तिजा मुफ्ती ने दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातक और ब्रिटेन के वारविक विश्वविद्यालय से इंटरनेशनल रिलेशन में परास्नातक की पढ़ाई की है और काफी मुखर होकर राजनीति से जुड़े तमाम विषयों पर बोलती है।
बता दें कि बिजबेहड़ा विधानसभा सीट को मुफ्ती परिवार के लिए एक तरह से लांचिंग पैड की तरह देखा जाता है। सबसे पहले 1962 में इस सीट से मुफ्ती मोहम्मद सईद डेमोक्रेटिक नेशनल कांफ्रेंस के टिकट पर विधायक चुने गए थे। 996 में सईद की बेटी महबूबा मुफ्ती ने जब राज्य की राजनीति में कदम रखा तो उनकी भी लांचिग बिजबेहड़ा सीट पर ही हुई थी।
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