Hindi Newsजम्मू और कश्मीर न्यूज़Jaish and Lashkar are attacking from different fronts getting instructions from Pakistan

जैश और लश्कर अलग-अलग फ्रंट से कर रहे हमले, पाकिस्तान से निर्देश; आतंकियों की मॉडस ऑपरेंडी

  • जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में शनिवार को सुरक्षाबलों पर हमले में धुंध और खराब मौसम आतंकियों के लिए मददगार बना। इसका फायदा उठाकर आतंकियों ने जवानों पर अचानक से गोलीबारी की।

जैश और लश्कर अलग-अलग फ्रंट से कर रहे हमले, पाकिस्तान से निर्देश; आतंकियों की मॉडस ऑपरेंडी
Himanshu Jha हिन्दुस्तानSun, 11 Aug 2024 06:48 AM
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जम्मू कश्मीर में आतंकी सेना और सुरक्षाबलों के साथ लुकाछिपी और भ्रम फैलाकर हमले की रणनीति पर काम कर रहे हैं । कभी घाटी के इलाकों को तो कभी जम्मू को आतंकी वारदातों से दहलाने की कोशिश होती है। सुरक्षाबलों का मानना है कि इन सभी आतंकी वारदात के पीछे पाकिस्तान में बैठे जैश और लश्कर जैसे आतंकी समूह के आकाओं का ही हाथ है।

छद्म नाम के सहारे सुरक्षा बलों को निशाना बनाकर यह साबित करने की कोशिश हो रही है कि हमलों के पीछे स्थानीय आतंकी हैं। लेकिन ताजा हमले और मुठभेड़ के अलावा पिछले कई हमलों से मिले इनपुट से साफ है कि जैश और लश्कर जैसे आतंकी समूह की कोशिश है कि अलग-अलग फ्रंट बनाकर सुरक्षाबलों को निशाना बनाया जाए। सुरक्षा एजेंसियों के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, इन सभी आतंकी घटनाओं के पीछे पाकिस्तान का हाथ है।

विधानसभा चुनाव से पहले माहौल बिगाड़ने की कोशिश
पाकिस्तान हताशा में विधानसभा चुनाव से पहले माहौल खराब करने के लिए जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग इलाके में हमलों को अंजाम दे रहा है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठनों को लगता है कि लोकसभा चुनाव में भारी मतदान के बाद अगर विधानसभा चुनाव भी राज्य में शांति से संपन्न होते हैं तो कश्मीर में पाकिस्तान का एजेंडा पूरी तरह समाप्त हो जाएगा। इससे पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तान का भारत विरोधी तंत्र और नैरेटिव पूरी तरह ध्वस्त होगा।

भारतीय एजेंसियां आतंकियों को कर रहीं ट्रैक
सूत्रों के अनुसार, भारतीय एजेंसियां लगातार सीमा पार से आर रहे आतंकियों को ट्रैक कर रही है। वहीं, घाटी में स्थानीय लोगों की मदद से सुरक्षाबल घुसपैठियों पर नजर रख रहे है। सघन जंगल और पहाड़ी इलाकों से लैस दुरूह भौगोलिक क्षेत्रों में आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करना सेना के लिए चुनौती है। घने जंगलों में आतंकियों पर नजर बनाए रखना काफी मुश्किल होता है। वहीं, अक्सर घाटी में छिपने के लिए आतंकी स्थानीय लोगों की मदद लेते रहते हैं।

आतंकियों को धुंध और खराब मौसम का मिल रहा फायदा
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में शनिवार को सुरक्षाबलों पर हमले में धुंध और खराब मौसम आतंकियों के लिए मददगार बना। इसका फायदा उठाकर आतंकियों ने जवानों पर अचानक से गोलीबारी की। सेना के अधिकारी ने बताया कि जिस इलाके में यह मुठभेड़ हो रही है, वहां मौसम खराब, इसलिए आतंकियों को मार गिराने में समय लग रहा है। आतंकियों के बच निकलने के सभी रास्तों को बंद किया जा रहा है।

इस साल सुरक्षाबलों पर छह हमले
जम्मू क्षेत्र में 2022 और 2023 में सुरक्षा बलों पर तीन-तीन हमले हुए। जबकि इस साल अब तक छह हमले दर्ज किए गए हैं। गौरतलब है कि 2022 में अलग-अलग हमलों में सुरक्षा बल के छह जवान शहीद हुए। पिछले साल यह संख्या बढ़कर 21 हो गई और इस साल 12 हो गई है। इस साल अब तक इस क्षेत्र में पांच आतंकी मारे गए हैं। नागरिकों की भी जान गई है।

जून से आतंकी हमलों में आई तेजी

9 जून : रियासी में शिव खोड़ी से कटरा जा रही बस पर आतंकियों ने हमला किया, नौ लोगों की मौत।

11 जून : कठुआ के हीरानगर में मुठभेड़ में एक सीआरपीएफ का जवान शहीद हो गया, दो आतंकी मारे गए।

11 जून : डोडा में चत्तरगाला चेक प्वांइट पर हमले में एक एसपीओ और पांच सैनिक घायल हुए थे।

12 जून : डोडा के गंडोह में सर्च टीम पर हमला हुआ, इस दौरान एक पुलिसकर्मी घायल हो गया।

26 जून: डोडा के गंडोह में सुरक्षाबलों तीन आतंकियों को मार गिराया, एक जवान शहीद हुआ।

7 जुलाई : राजौरी के मंजाकोट में सेना के कैंप के पास आतंकी हमला, एक जवान घायल।

8 जुलाई : कठुआ में सेना के वाहन पर ग्रेनेड से हमला, पांच जवान शहीद, पांच घायल।

9 जुलाई : डोडी के गढ़ी में आंतकियों और सुरक्षाबलों के बीच कई घंटे मुठभेड़ चली।

15 जुलाई : डोडा में सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकियों की फायरिंग में पांच जवान शहीद।

10 अगस्त : अनंतनाग में सर्च ऑपरेशन के दौरान मुठभेड़ में दो सेना के जवान शहीद हो गए।

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