पुतिन पर मंडराया खतरा, मंगोलिया दौरे से पहले बढ़ी बेचैनी, अगले हफ्ते होंगे गिरफ्तार?
- व्लादिमीर पुतिन अगले हफ्ते मंगोलिया का दौरा करेंगे, जबकि उनके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) ने गिरफ्तारी का वारंट जारी किया हुआ है। ऐसे में सवाल है कि क्या पुतिन गिरफ्तार हो जाएंगे।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अगले हफ्ते मंगोलिया का दौरा करेंगे, जबकि उनके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) ने गिरफ्तारी का वारंट जारी किया हुआ है। मंगोलिया चूंकि आईसीसी का सदस्य है, ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि पुतिन को इस दौरे के दौरान गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इस सवाल के बीच क्रेमलिन की तरफ से कहा गया कि "मंगोलिया के राष्ट्रपति उखना खुरेलसुख के बुलावे पर 3 सितंबर 2024 को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन मंगोलिया की आधिकारिक यात्रा पर होंगे। यह यात्रा सोवियत और मंगोलियाई सेनाओं की जापानी सेनाओं पर खलखिन गोल नदी के किनारे मिली जीत की 85वीं वर्षगांठ के मौके पर हो रही है।"
पुतिन के दौरे और उनकी गिरफ्तारी से जुड़े सवाल इसलिए लाजमी हो गए क्योंकि पिछले साल आईसीसी ने पुतिन के खिलाफ बच्चों के अवैध तरीके से रूस में निर्वासन और युद्ध अपराधों के आरोप में गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। आईसीसी के अभियोजक करीम खान ने साफ कहा था कि अगर पुतिन किसी भी आईसीसी सदस्य देश की सरहद पर कदम रखते हैं, तो उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। बता दें आईसीसी के 120 से ज्यादा सदस्य देशों में ये वारंट लागू होता है और वहां पुतिन का जाना उनके लिए बड़ा खतरा हो सकता है।
हालांकि, रूस आईसीसी का सदस्य नहीं है इसलिए यह साफ नहीं है कि पुतिन को अदालत तक कैसे लाया जाएगा। इसके बावजूद, पुतिन इस साल के अंत में नई दिल्ली में होने वाले जी20 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भारत आने की तैयारी में हैं। भारत भी आईसीसी का सदस्य नहीं है इसलिए यहां उनके लिए कोई कानूनी समस्या नहीं होगी।
वहीं संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पुतिन और मारिया ल्वोवा-बेलोवा पर यूक्रेन से बच्चों के अवैध रूप से रूस भेजने का आरोप है। कुछ बच्चों को जबरदस्ती रूसी नागरिकता दी गई और उन्हें हमेशा के लिए वहां रख लिया गया। आईसीसी का मानना है कि पुतिन इन अपराधों के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं और उन्होंने अपने अधिकारियों पर सही तरीके से नियंत्रण नहीं रखा, जिससे ये घटनाएं हुईं।
अगर पुतिन आईसीसी के सदस्य देशों में जाते है तो यह वारंट सदस्य देशों को रूस के राष्ट्रपति को गिरफ्तार करने का आईसीसी का आदेश होगा। हालांकि, आईसीसी के पास खुद की कोई पुलिस नहीं है, जिससे वारंट लागू करना मुश्किल हो सकता है।
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