कराची को संकट से बचा लेती है गाजी की दरगाह? चक्रवात भी नहीं मचा पाए तबाही
- पाकिस्तान के लोगों का मानना है कि अब्दुल्लाह शाह गाजी कराची शहर की हिफाजत करते हैं। अब्दुल्लाह शाह गाजी एक सूफी संत थे जो कि सिंध में रहते थे। उनकी दरगाह कराची शहर में है।
अरब सागर में बन रहे चक्रवाती तूफान 'असना' से गुजरात को राहत मिल रही है तो वहीं पाकिस्तान के शहर कराची पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। शुक्रवार को ही भारी बारिश की वजह से कराची के प्रशासन ने स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने का आदेश दे दिया। वहीं पाकिस्तान के लोगों को यह भी भरोसा है कि पहले की तरह इस बार भी चक्रवात के प्रकोप से कराची शहर बच जाएगा। आखिर पाकिस्तान के लोगों को इतना विश्वास क्यों है? आइए जानते हैं।
कराची के संररक्षक संत के रूप में जाने जाने वाले अब्दुल्लाह शाह गाजी की दरगाह में विश्वास रखने वालों का मामला है कि वह शहर पर आने वाली हर बला को टाल देते हैं। कराची शहर की सुरक्षा को लेकर एक तरफ धर्म पर विश्वास रखने वालों की राय है तो दूसरी तरफ विज्ञान की।
कौन थे अब्दुल्लाह शाह गाजी
अब्दुल्लाह शाह गाजी 18वीं शताब्दी के एक सूफी संत थे। कहा जाता है कि वह अरब से आए थे और सिंध प्रांत में अपने भाई सैयद मिसरी शाह के साथ रुक गए थे। वहीं बहुत सारे लोगों का कहना है कि वह सऊदी अरब के मदीना के रहने वाले थे। कुछ लोग यह भी कहते हैं कि वह इराक से आए थे। कहा जाता कि उनके कुछ दुश्मन बन गए थे और सिंध में ही घने जंगलों में उनकी हत्या कर दी गई। इसके बाद बालू के एक टीले पर उन्हें दफन कर दिया गया। यह जगह कराची शहर में स्थित है और यहां से समंदर का भी नजारा दिखता है।
अब यह दरगाह वास्तु और श्रद्धा के लिहाज से काफी फेमस है। पाकिस्तान से ही नहीं बल्कि दुनियाभर से लोग गाजी की दुआ लेने के लिए यहां पहुंचते हैं। कहा जाता है कि एक बार एक मुछआरा चक्रवात में फंस गया था। तब गाजी ने अपने खाने के कटोरे को पानी से भरकर दुआ की और फिर चक्रवात रुक गया। अब जब भी कराची पर चक्रवात का खतरा आता है तो उनको मानने वाले कहते हैं कि गाजी इसे जरूर रोक लेंगे और शहर को सुरक्षित रखेंगे।
क्या कहते हैं वैज्ञानिक
अरब सागर में बनने वाले तूफा फेट (2010), निलोफर (2014) तौउते ()2021 और बिपरजॉय (2023) ने भी कराची पहुंचने से पहले ही अपना रास्ता बदल लिया था। कराची पहुंचते-पहुंचते चक्रवात कमजोर पड़ जाते हैं। जानकारों का कहना है कि कराची शहर अंदर की ओर कर्व है। 2021 में ताउते तूफान में कराची में पांच लोगों की मौत हो गई थी।
कराची शहर की आबादी करीब 1.5 करोड़ है। यहां ऐसी इमारतें हैं जो कि बेहद असुरक्षित हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि कराची के चक्रवात से बचे रहने की सबसे बड़ी वजह है अरब सागर का शांत जल। इस इलाके में भयंकर चक्रवात बनने लायक कंडीशन नहीं हैं। ऐसे में कराची पहुंचते-पहुंचते चक्रवात कमजोर पड़ जाता है। अगर इतिहास की बात करें तो अगस्त के महीने में अरब सागर में केवल तीन चक्रवातों का रिकॉर्ड है। हालांकि तीनों ही तट पर पहुंचने से पहले ही कमजोर पड़ गए थे।
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