भारतीय मूल के कारोबारी पर बेरहम हुआ US, 5 दिन तक एयरपोर्ट पर रखा; किस बात की दे रहा सजा?
परिवार के मुताबिक, गिरफ्तारी के बाद परमजीत सिंह को हवाई अड्डे के भीतर पांच दिन तक रखा गया। इस दौरान उनकी हालत इतनी बिगड़ गई कि उन्हें आपातकालीन वार्ड में ले जाना पड़ा। जानिए क्या है पूरा मामला?

अमेरिका में तीन दशक से कारोबार कर रहे भारतीय मूल के परमजीत सिंह को इमीग्रेशन एंड कस्टम्स एन्फोर्समेंट (ICE) ने एक महीने से अधिक समय से हिरासत में रखा हुआ है। परमजीत ग्रीन कार्ड होल्डर हैं और इंडियाना के फोर्ट वेन में पिछले 30 सालों से व्यापार कर रहे हैं। उन्हें 30 जुलाई को शिकागो ओ'हेयर एयरपोर्ट पर तब हिरासत में लिया गया, जब वे भारत यात्रा से लौट रहे थे।
परमजीत के वकील लुईस एंजेलिस ने न्यूजवीक को बताया कि यह हिरासत पूरी तरह गैरकानूनी है। उन्होंने कहा कि सरकार उनकी सेहत को गंभीर खतरे में डाल रही है क्योंकि सिंह को ब्रेन ट्यूमर और दिल की बीमारी है। यह घटना उनके परिवार और वकील के लिए एक दर्दनाक अनुभव साबित हुई है। परमजीत सिंह भारत की यात्रा साल में कई बार करते हैं। 30 जुलाई को भारत से लौटने पर एयरपोर्ट पर उन्हें रोक लिया गया।
क्यों की गई गिरफ्तारी?
वकील और परिवार का कहना है कि सरकार ने परमजीत सिंह की गिरफ्तारी का कारण दशकों पुराना एक मामूली मामला बताया है। उस घटना में परमजीत सिंह ने एक पे-फोन बिना भुगतान किए इस्तेमाल किया था। वकील एंजेलिस ने कहा, “यह एक बहुत छोटा उल्लंघन था जिसके लिए उन्होंने पहले ही सजा काट ली, जिम्मेदारी स्वीकार की और समाज के प्रति अपना कर्ज चुका दिया।”
हिरासत में बिगड़ी सेहत
परिवार के मुताबिक, गिरफ्तारी के बाद परमजीत सिंह को हवाई अड्डे के भीतर पांच दिन तक रखा गया। इस दौरान उनकी हालत इतनी बिगड़ गई कि उन्हें आपातकालीन कक्ष (ER) ले जाना पड़ा। परिवार को उनकी गंभीर स्थिति की जानकारी तब मिली जब अस्पताल का बिल उनके पास पहुंचा। उसके बाद उन्हें इंडियाना के एक डिटेंशन सेंटर में शिफ्ट किया गया, जहां वे लगभग 20 दिनों तक रहे। अब वे केंटकी के एक अन्य डिटेंशन सेंटर में हैं। न्यूजवीक की रिपोर्ट के अनुसार, सिंह की हिरासत अब छह सप्ताह से अधिक हो चुकी है।
"नियमों का पालन हमेशा किया"
वकील एंजेलिस ने कहा कि एक वैध स्थायी निवासी (ग्रीन कार्ड होल्डर) होने के नाते परमजीत सिंह को कभी भी हिरासत में नहीं लिया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा, “हम अक्सर सुनते हैं कि कानूनी दर्जा पाने के लिए नियमों का पालन करना जरूरी है। यही तो उन्होंने किया- कानूनी रूप से अमेरिका में प्रवेश किया, उचित तरीके से स्टेटस हासिल किया, कड़ी मेहनत से अपना अमेरिकन ड्रीम बनाया और समाज में योगदान दिया।”
परिवार की गुहार
परमजीत के भाई चरणजीत सिंह ने स्थानीय चैनल WPTA को बताया कि उन्होंने बॉन्ड सुनवाई जीत ली है, लेकिन होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (DHS) लगातार देरी कर रहा है। उन्होंने कहा, “हम बस बॉन्ड जमा करना चाहते हैं, किसी से बात करना चाहते हैं। हमें समझ नहीं आ रहा कि किससे संपर्क करें। हम बिल्कुल असहाय महसूस कर रहे हैं।”
अमेरिकी सरकार का पक्ष
कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (CBP) के एक प्रवक्ता ने न्यूजवीक को दिए बयान में कहा, "ग्रीन कार्ड एक विशेषाधिकार है, न कि अधिकार।" उन्होंने स्पष्ट किया कि पूर्व अपराधी रिकॉर्ड वाले स्थायी निवासियों को अमेरिकी प्रवेश द्वार पर अनिवार्य हिरासत का सामना करना पड़ सकता है या अतिरिक्त दस्तावेज प्रस्तुत करने पड़ सकते हैं।
परिवार की अपील
परमजीत के बेटे गुरकीरत सिंह ने बताया कि परिवार अब बॉन्ड पोस्ट करने और संघीय अदालत में चुनौती देने के बीच फंसा हुआ है। उन्होंने कहा, "वे हमें यह भी नहीं बताते कि क्या हो रहा है।" परिवार का कहना है कि परमजीत सिंह ने अमेरिका में अपना जीवन समर्पित कर दिया है- उनके बच्चे अमेरिका में पैदा हुए हैं, और वे स्थानीय समुदाय के एक सक्रिय सदस्य हैं। यह मामला अमेरिकी इमिग्रेशन नीतियों पर सवाल उठा रहा है, खासकर उन लोगों के लिए जो दशकों से कानूनी रूप से रह रहे हैं। परिवार और वकील उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही न्याय मिलेगा और परमजीत सिंह को रिहा किया जाएगा।
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