Hindi Newsविदेश न्यूज़who is Nobel laureate Mohammad Yunus advisor to the interim government of Bangladesh has gone to jail

जानें कौन हैं नोबेल विजेता मोहम्मद युनुस, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के बनेंगे सलाहकार, गबन के आरोप में जा चुके हैं जेल

who is Muhammad Yunus: पूर्व पीएम शेख हसीना के इस्तीफे के बाद बांग्लादेश की कमान बांग्लादेशी सेना के हाथों में है। सेना ने ऐलान किया है कि अंतरिम सरकार का गठन किया जाएगा। प्रदर्शनकारी छात्रों ने नोबेल विजेता मोहम्मद युनुस को सरकार का सलाहकार बनाने की मांग की है।

जानें कौन हैं नोबेल विजेता मोहम्मद युनुस, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के बनेंगे सलाहकार, गबन के आरोप में जा चुके हैं जेल
Upendra Thapak लाइव हिन्दुस्तानTue, 6 Aug 2024 02:23 PM
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पड़ोसी देश बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल का दौर जारी है। शेख हसीना के 15 साल लंबे शासन का अंत बहुत ही नाटकीय ढंग से हुआ उन्हें देश छोड़ने के लिए केवल 45 मिनट दिए गए, जिसके बाद हसीना ने इस्तीफा देकर भारत के लिए उड़ान भरी। फिलहाल वह भारत में हैं। उधर बांग्लादेश की सेना ने कमान अपने हाथों में ले ली। सेना प्रमुख की तरफ से ऐलान किया गया कि जल्दी ही अंतरिम सरकार का गठन किया जाएगा। प्रदर्शनकारी छात्रों की तरफ से मांग की गई है कि नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री मोहम्मद युनुस को अंतरिम सरकार का सलाहकार बनाया जाए।

कौन हैं मोहम्मद युनुस?

मोहम्मद युनुस का जन्म अविभाजित भारत के चटगांव में 1940 में हुआ था। युनुस एक सोशल वर्कर, बैंकर, अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार विजेता हैं। चटगांव की ही यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पढ़ाई करने के बाद उन्होंने पीएचडी के दौरान ही छोटे लोन देकर लोगों की मदद करना शुरू कर दिया। उनका यह काम लगातार बढ़ता गया और उन्होंने बांग्लादेश ग्रामीण बैंक की स्थापना की। छोटे व्यापारियों और छोटे किसानों की मदद करने के लिए उन्हें और उनके बैंक को अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार मिला। इस पहल के जरिए उन्होंने लोगों को लंबे बैंकिग चक्करों से भी छुटकारा दिलाने में मदद की। उन्हें न केवल नोबेल पुरस्कार बल्कि यूनाइटेड स्ट्टस प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम से भी सम्मानित किया गया। नोबेल मिलने के अगले ही साल उन्होंने नागरिक शक्ति के नाम से पार्टी बनाई लेकिन ज्यादा सफलता मिली नहीं। 2012 में उन्हें स्कॉलैंड के ग्लासगो केलेडोनियन यूनिवर्सिटी में चांसलर का पद दिया गया। इस पद पर वह 2018 तक रहे।

प्रोफेसर मोहम्मद युनुस एक अच्छे खासे शैक्षणिक बैकग्राउंड से आते हैं। ढाका यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान उन्हें स्कॉलरशिप मिली जिससे उन्होंने वेंडरविल्ट यूनिवर्सिटी में जाकर पढ़ाई की। यहां पर उन्होंने 1969 में पीएचडी की डिग्री हासिल की। कुछ दिन वहां पर काम करने के बाद वह बांग्लादेश लौट आए और यहां आकर चटगांव यूनिवर्सिटी में इकॉनमिक्स डिपार्टमेंट के हेड बन गए। इसके साथ ही उन्होंने लगातार अपने ग्रामीण बैंक के काम को जारी रखा जिससे उन्होंने लाखों लोगों गरीबी से बाहर निकाला और उनके जीवन को बेहतर बनाया।

मोहम्मद युनुस के ऊपर है गबन का आरोप, वैश्विक नेता लगा चुके हैं माफ करने की गुहार

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मोहम्मद युनुस के ऊपर पैसों के गबन के भी आरोप हैं। समाचार एजेंसियों के मुताबिक मोहम्मद युनुस और 13 अन्य लोगों पर 2 मिलियन डॉलर के गबन का आरोप है। हालांकि इन आरोपों को खारिज करते हुए युनुस ने कहा था कि उन्हें और उनके साथियों को परेशान करने की कोशिश की जा रही है। इसके बाद युनुस पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप भी लगाए जाते रहे।

बाद में मोहम्मद युनुस के ऊपर लगे यह आरोप साबित हो गए और युनुस को इस मामले से अलग श्रम कानून उल्लंघन मामले में भी सजा सुनाई गई, फिर बाद में उन्हें जमानत पर छोड़ दिया गया। दुनियाभर के वैश्विक नेताओं और नोबेल विजेताओं ने उनकी सजा कम करने और उन्हें माफ करने के लिए बांग्लादेशी सरकार से गुहार भी लगाई थी।

फिलहाल पेरिस में हैं मोहम्मद युनुस, जल्द ही बांग्लादेश लौटने की संभावना

मोहम्मद युनुस फिलहाल पेरिस ओलंपिक में बतौर मेहमान शामिल हो रहे हैं। पहले उनके नई अंतरिम सरकार में प्रधानमंत्री बनाए जाने के कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन बाद में उन्हें सलाहकार बनाए जाने पर सहमति बनीं। युनुस ने इस पर कहा कि उन्हें राजनीति में आने को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं थी लेकिन जब छात्रों ने अपनी पूरी ऊर्जा लगाकर अपनी जिम्मेदारी को निभाया है तो अब मैं भी पीछे नहीं हट सकता, मैं अपनी पूरी शक्ति के साथ इस काम को पूरा करने का प्रयास करूंगा।

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