Hindi Newsविदेश न्यूज़which mistake of Sheikh Hasina made her the villain of Bangladesh

छोड़ना पड़ा PM पद और देश, शेख हसीना की किस गलती ने उन्हें बना दिया बांग्लादेश का विलेन

  • बांग्लादेश में हाल ही में स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों के लिए 30 प्रतिशत नौकरी कोटा बहाल करने के उच्च न्यायालय के आदेश ने देश में गंभीर तनाव पैदा कर दिया है। इस मसले पर कई शेख हसीना द्वारा लिए चंद फैसलों ने उनको बांग्लादेश का विलेन बना दिया।

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तानMon, 5 Aug 2024 12:21 PM
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बांग्लादेश में लोगों के प्रदर्शन के बाद हालात बेकाबू हो गए हैं। परिस्थिति को देखते हुए बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और देश छोड़ दिया है। बांग्लादेश में अब अंतरिम सरकार सेना चलाएगी। पिछले दो दिनों में शेख हसीना सरकार के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों में 100 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। आखिर बांग्लादेश में ऐसी परिस्थिति क्यों आई आइए जानते हैं।

बांग्लादेश में हाल ही में स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों के लिए 30 प्रतिशत नौकरी कोटा बहाल करने के उच्च न्यायालय के आदेश ने देश में गंभीर तनाव पैदा कर दिया है। बता दें 170 मिलियन की जनसंख्या वाले इस देश में लगभग 32 मिलियन युवा बेरोजगार हैं। छात्रों ने स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों के लिए इस कोटा को समाप्त करने की मांग की है और इसके खिलाफ व्यापक विरोध किया।

प्रधानमंत्री शेख हसीना ने छात्रों की इस मांग को पूरी तरह से अस्वीकार कर दिया और चल रही अदालती कार्यवाही का हवाला देते हुए विरोध प्रदर्शन करने वाले छात्रों को 'रजाकार' करार दिया। उल्लेखनीय है कि 'रजाकार' उन लोगों को कहा जाता था जिन्होंने 1971 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान पाकिस्तानी सेना के साथ सहयोग किया था। उनकी टिप्पणियों ने विरोध प्रदर्शन को और उकसाया, जिससे ढाका विश्वविद्यालय में हजारों छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया।

इस तनाव ने देशभर में घातक और व्यापक नागरिक अशांति को जन्म दिया, जिसमें 120 से अधिक लोगों की जान चली गई। बांग्लादेश की शीर्ष अदालत ने अंततः नौकरी के आवेदकों के लिए विवादास्पद कोटा प्रणाली को वापस ले लिया, लेकिन इसे पूरी तरह से समाप्त नहीं किया।

वहीं प्रधानमंत्री हसीना ने विरोध प्रदर्शन को आतंकवादी गतिविधि करार देते हुए इन तत्वों को सख्ती से दबाने का निर्देश दिया। बांग्लादेशी मीडिया के मुताबिक, शेख हसीना ने एक सुरक्षा मामलों की राष्ट्रीय समिति की बैठक भी बुलाई। जिसमें सेना, नौसेना, वायु सेना, पुलिस, आरएबी, बीजीबी और अन्य शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने भाग लिया। बांग्लादेशी सरकार के इस रुख को देखते हुए प्रदर्शनकारियों के अंदर गुस्सा और भड़का दिया, जिसका नतीजा बांग्लादेश के मौजूदा हालात हैं।

 

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