रूस पर क्या है ट्रंप की नई पॉलिसी-180? और भड़क सकती है यूक्रेन जंग; टॉमहॉक मिसाइलों पर भी बड़ा अपडेट
संक्षेप: डेढ़ माह पहले 16 अगस्त को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का अलास्का में स्वागत करने के लिए रेड कार्पेट बिछाया गया था। उस दिन ट्रंप और पुतिन के बीच करीब पांच घंटे की मुलाकात हुई थी लेकिन अब ट्रंप की पॉलिसी 180 डिग्री पर घूम चुकी है।
भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष को रोकने का अनगिनत बार दावा करने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म कराने में विफल रहे हैं। वह इसके लिए दोनों ही पक्षों से कई दौर की बैठकें और फोन पर वार्ता कर चुके हैं। बावजूद इसके राष्ट्रपति ट्रंप के हाथ कुछ ठोस हाथ नहीं लग सका है। ऐसे में ट्रंप ने रूस पर अब अपनी पॉलिसी बदल ली है। 180 डिग्री पर घूम चुकी ट्रंप की नई पॉलिसी के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और उनके उपराष्ट्रपति जेडी वेंस यूक्रेन को टॉमहॉक मिसाइलें देने पर विचार कर रहे हैं, ताकि कीव रूस में अंदर तक घुसकर हमला कर सके।
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में जेडी वेंस ने फॉक्स न्यूज़ से बातचीत में ट्रंप सरकार की नई पॉलिसी के बारे में जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि ट्रंप सरकार यूक्रेन को टॉमहॉक मिसाइल देने के मुद्दे पर बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि ट्रंप इस पर जल्द ही अंतिम निर्णय लेंगे।
बयान क्यों अहम?
यह बयान इसलिए भी अहम है क्योंकि यूक्रेन में ट्रंप के दूत कीथ केलॉग ने भी उसी दिन कहा था कि उनका मानना है कि यूक्रेन के पास रूस में अंदर घुसकर हमला करने का अधिकार है। उन्होंने कहा, "यूक्रेन गहरी मार करने की क्षमता का इस्तेमाल करे। युद्ध में पनाहगाह जैसी कोई चीज़ नहीं होती।" हालांकि बाद में केलॉग ने अपनी टिप्पणी को स्पष्ट करते हुए कहा कि उनकी टिप्पणी सिर्फ़ जेडी वेंस और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के सार्वजनिक बयानों का संदर्भ था, न कि वाइट हाउस की सोच पर किसी नई जानकारी के संदर्भ में थी।
क्या है पॉलिसी-180?
बहरहाल, रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रंप की टीम टॉमहॉक मिसाइलों की आपूर्ति पर गंभीरता से विचार कर रही है। यह ट्रंप के डेढ़ महीने पहले उठाए गए कदम के ठीक उलट है। बता दें कि 43 दिन पहले 16 अगस्त को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का अलास्का में स्वागत करने के लिए रेड कार्पेट बिछाया गया था। उस दिन ट्रंप और पुतिन के बीच करीब पांच घंटे की मुलाकात हुई थी। हालांकि, यह मीटिंग बिना किसी नतीजे पर पहुंचे अचानक खत्म हो गई थी।
अब अमेरिका क्रेमलिन के सबसे बड़े दुश्मन यानी यूक्रेन को रूस के अंदर घुसकर मार करने वाली टॉमहॉक मिसाइल देने पर गंभीरता से विचार कर रहा है। इसके बारे में सिर्फ़ सात महीने पहले ट्रंप ने कहा था कि उसके पास ऐसा कोई हथियार नहीं है। ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट पर यह भी कहा है कि यूक्रेन सभी कब्ज़े वाले क्षेत्रों को वापस ले सकता है। बता दें कि यूक्रेन-रूस जंग पर ट्रंप की यह भी एक नई पॉलिसी-180 है, जो उनके नीतिगत बदलाव को दर्शाता है। इनके दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं।
क्या है टॉमहॉक मिसाइल?
टॉमहॉक अमेरिकी नौसेना का एक सबोनिक क्रूज मिसाइल है, जिसकी मारक क्षमता 2500 किलोमीटर तक है। यानी कीव से लॉन्च होने के बाद यह मॉस्को समेत रूस के कई शहरों में टारगेट पर हमला कर सकता है। यह अपने साथ 450 किलो वॉरहेड ले जाने में सक्षम है। यह जहाजों, पनडुब्बियों और जमीनी लॉन्चरों से दागी जा सकती है और 1,000 मील दूर लक्ष्य को सटीक निशाना बना सकती है। यह कम ऊंचाई पर उड़ान भरकर दुश्मनों के राडार से बचने में भी सक्षम है।
टॉमहॉक का ब्लॉक IV (TACTOM) संस्करण सबसे एडवांस है, जिसमें दो-तरफा डेटा लिंक है, जो उड़ान के दौरान लक्ष्य बदलने की अनुमति देता है। 1991 के खाड़ी युद्ध के दौरान पहली बार टॉमहॉक मिसाइल प्रसिद्ध हुआ था। अमेरिका ने अपने सबसे करीबी सहयोगियों ब्रिटेन और जापान के लिए इसे सुरक्षित रखा है।

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