Hindi Newsविदेश न्यूज़Western nations were desperate for Korean babies many believe they were stolen

मेरी चोरी हुई थी, 40 साल बाद शिकायत करने पहुंची महिला; गजब है जबरन गोद लेने की कहानी

दक्षिण कोरिया से बड़ी संख्या में बच्चों को पश्चिमी देशों में भेजा जाता है। उन्हें गलत तरीके से अनाथ घोषित कर दिया जाता है और फिर एजेंसियां पश्चिमी देश भेज देती हैं।

Ankit Ojha लाइव हिन्दुस्तानFri, 20 Sep 2024 06:43 AM
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पश्चिमी देशों में दक्षिण कोरियाई बच्चों को गोद लेने का फैशन चल गया गया है। इसे देखते हुए दक्षिण कोरिया के अस्पतालों में जबरन बच्चों को विदेश भेज देने का काला धंधा भी चल रहा है। यूरी किम नाम की एक महिला ने 40 साल बाद जबरन गोद लेने की शिकायत दर्ज करवाई है। उन्होंने कहा कि उन्हें दुनिया के दूसरे कोने से उठाकर फ्रांस लाया गया था। उन्होंने बताया कि वह अपने देश में स्कूल में पढ़ती थीं। पढ़ाई में वह काफी तेज थीं। वह अपने माता-पिता को बेहद प्यार करती थीं। हालांकि 1984 में उन्हें अनाथ घोषित कर दिया गया। इसके बाद उन्हें फ्रांस भेज दिया गया।

यूरी ने कहा कि जिन लोगों ने उन्हें गोद लिया वे बेहद लापरवाह थे। उन्होंने कोई सवाल नहीं किया। यह भी जानने की कोशिश नहीं की कि वह कहां की रहने वाली हैं। मेरे माता-पिता जीवित हैं या नहीं। यूरी किम एक अडॉप्शन मशीन में फंस गई थीं जिसके माध्यम से कोरिया के बच्चों को उनके परिवारों से अलग करके यूएस, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया भेज दिया जाता है। बालिग होने के बाद बहुत सारे लोगों को पता चला कि उनका अडॉप्शन सर्टिफिकेट भी जाली था।

असोसिएट प्रेस ने कहा कि दक्षिण कोरिया भी इस गोरखधंधे को लेकर लापरवाह है और अपनी आंखें बंद किए हुए हैं। दस्तावेज बताते हैं कि दक्षिण कोरिया की अडॉप्शन एजेंसियां भी आपस में होड़ लगाती है। ऐसे में वे किसी तरह से फर्जी दस्तावेज बनवाकर, मां-बाप को बरगलाकर बच्चों को विदेश भेज देती हैं। कई बार अस्पताल रिश्वत लेते हैं। या फिर बच्चों की मां से झूठ बोल दिया जाता है। पश्चिमी देशों में बच्चों को गोद लेने की संख्या लगातार बढ़ रही है।

एपी की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के 80 से ज्यादा गोद लिए गए लोगों से बात की गई। पता चला कि इनमें से ज्यादातर लोगों को किडनैप या फिर लापता घोषित कर दिया गया था। इसके बाद उनके मां बाप बदल गए। कई केसों में बच्चो के मां बाप को बताया गया कि उनका बच्चा बेहद बीमार था और उसकी मौत हो गई। नीदरलैंड्स ने इसका संज्ञान लेते हुए ऐलान किया है कि अब वह अपने नागरिकों को विदेश से गोद लेने की अनुमति नहीं देगा। इसके अलावा डेनमार्क की अडॉप्शन एजेंसी ने भी इसपर रोक लगाया है। स्वीडन का कहना है कि दक्षिण कोरिया से गोद लेने पर रोक लगाई जाएगी।

किम का मानना है कि पश्चिमी देश दिखाना चाहता हैं कि वे जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दक्षिण कोरिया में इस तरह की गरीबी नहीं है कि इतने बच्चे अनाथ हों या फिर सड़कें भिखारियों से भरी हों। यह एक गोरखधंधा है। उन्होंने कहा, हमारे साथ बिकने वाले सामान की तरह व्यवहार किया गया। बाजार की मांग पूरी करने के लिए हमें जबरन अनाथ घोषित कर दिया गया।

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