बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों से अमेरिका भी व्यथित, कहा- यूनुस सरकार शांति चाहती है लेकिन...
- अमेरिका ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा पर नई सरकार के ध्यान केंद्रित करने का स्वागत किया और कहा कि वहां के हालात पर नजर रखने के लिए भारत तथा क्षेत्र के दूसरे देशों से संपर्क बनाए हुए है। अमेरिका ने बांग्लादेश में हिंसा खत्म करने का आह्वान भी किया।
US on Bangladesh violence: बांग्लादेश में लगातार हिंदुओं समेत अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा पर अब अमेरिका ने भी चिंता जताई है। उसका कहना है कि वह बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा पर नई सरकार के ध्यान केंद्रित करने का स्वागत करता है और वहां के हालात पर नजर रखने के लिए भारत तथा क्षेत्र के दूसरे देशों से संपर्क बनाए हुए है। अमेरिका ने बांग्लादेश में हिंसा खत्म करने का आह्वान भी किया। इससे पहले भारत भी बांग्लादैश में हिंदुओं पर हमलों को लेकर चिंता चुका है। स्वतंत्रता दिवस पर भी पीएम नरेंद्र मोदी ने लालकिले से देश को संबोधित करते हुए बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा की आलोचना की।
पांच अगस्त को शेख हसीना के इस्तीफा देने और भारत जाने के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं के मंदिरों और उनकी संपत्तियों पर हमलों की खबरों के बीच कई प्रभावशाली अमेरिकी सांसदों ने बाइडन प्रशासन से इन घटनाओं पर गौर करने का अनुरोध किया है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने मंगलवार को ढाका के प्रसिद्ध ढाकेश्वरी मंदिर में पीड़ित समुदाय से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी सरकार अपराधियों को दंडित करेगी।
बांग्लादेश में हिंसा से अमेरिका भी व्यथित
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने बुधवार को अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम बांग्लादेश में हिंसा को समाप्त करने, जवाबदेही और कानून के शासन के सम्मान के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।’’
वह शेख हसीना सरकार को बेदखल किए जाने के बाद बांग्लादेश की स्थिति पर भारत और अमेरिका के बीच संवाद के बारे में एक सवाल का जवाब दे रहे थे। पटेल ने कहा, ‘‘हम बांग्लादेश में हाल की घटनाओं पर चर्चा करने के लिए अपने भारतीय भागीदारों के साथ-साथ क्षेत्र के अन्य देशों के संपर्क में हैं।’’
उन्होंने बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के उस बयान का भी स्वागत किया जिसमें उन्होंने हिंसा को समाप्त करने और शांति बनाए रखने का आह्वान किया है। पटेल ने कहा, ‘‘हम अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की सुरक्षा और संरक्षण बहाल करने संबंधी नयी सरकारों के लक्ष्यों का स्वागत करते हैं।’’
इस बीच, ‘हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन’ ने बुधवार को व्हाइट हाउस से बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की सुरक्षा के लिए कार्रवाई करने का आग्रह किया। फाउंडेशन ने कहा, ‘‘ताजा खबरों के अनुसार राष्ट्रपति (जो बाइडन) हमलों की लगातार खबरों के बावजूद बांग्लादेशी हिंदुओं की दुर्दशा पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं।’’
फाउंडेशन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा ‘‘अभी कार्रवाई की मांग है! बांग्लादेशी हिंदुओं के खिलाफ अत्याचारों पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की चुप्पी अस्वीकार्य है। जान चली गई, घर और मंदिर नष्ट हो गए - फिर भी हमारी अमेरिकी सरकार की ओर से कोई निंदा नहीं की गई।’’
वाशिंगटन स्थित एनजीओ ‘हिंदूएक्शन’ ने दावा किया कि बांग्लादेश के ग्रामीण इलाकों में हिंदुओं को सबसे ज्यादा निशाना बनाया जा रहा है। एनजीओ ने ‘एक्स’ पर कहा ‘‘उनकी दूर-दराज की स्थिति उन्हें निशाना बनाने के लिए अधिक छूट और समय देती है। अब जबकि मोहम्मद यूनुस नए कार्यवाहक नेता हैं, तो उपराष्ट्रपति और विदेश मंत्रालय को जमीनी स्तर पर शिक्षा और जागरूकता के लिए काम करना चाहिए जो यह सुनिश्चित करेगा कि देश के मदरसा पाठ्यक्रम और आम सोच से हिंदू विरोधी धारणा हटें’’ इस एनजीओ ने यह भी कहा ‘‘हमें उम्मीद है कि राष्ट्रपति और उनके सलाहकारों को यह एहसास होगा कि अगर बांग्लादेश अपने आखिरी आठ प्रतिशत हिंदुओं को खो देता है तो वह एक तालिबान देश होगा।’’
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