US Vice President hates protecting freeloaders anger on Europe what else was in leaked US war plan मुफ्तखोरों को बचाने से नफरत है, यूरोप पर भड़ास निकाल रहे थे उपराष्ट्रपति; US वॉर प्लान में और क्या था?, International Hindi News - Hindustan
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मुफ्तखोरों को बचाने से नफरत है, यूरोप पर भड़ास निकाल रहे थे उपराष्ट्रपति; US वॉर प्लान में और क्या था?

  • यह घटना उस समय सामने आई जब गोल्डबर्ग ने 24 मार्च को एक आर्टिकल पब्लिश किया, जिसमें उन्होंने इस असाधारण सुरक्षा उल्लंघन का जिक्र किया।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, वाशिंगटनTue, 25 March 2025 11:48 AM
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मुफ्तखोरों को बचाने से नफरत है, यूरोप पर भड़ास निकाल रहे थे उपराष्ट्रपति; US वॉर प्लान में और क्या था?

यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों पर हमले को लेकर अमेरिका का एक वॉर प्लान लीक होने से हड़कंप मच गया है। ये वॉर प्लान सिग्नल ऐप पर एक ग्रुप में लीक हुआ जिसमें कथिततौर पर अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, विदेश मंत्री मार्को रुबियो सहित कई शीर्ष मंत्री और अधिकारी जुड़े हुए थे। ये अधिकारी यूरोप पर अपनी भड़ास निकालते हुए उन्हें "मुफ्तखोर" तक कह रहे थे। रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों ने हूती विद्रोहियों पर हमले की योजनाओं को लेकर सिग्नल मैसेजिंग ग्रुप में बातचीत की थी, जिसमें गलती से "द अटलांटिक" मैग्जीन के प्रधान संपादक जेफ्री गोल्डबर्ग भी जुड़े हुए थे। यह घटना उस समय सामने आई जब गोल्डबर्ग ने 24 मार्च को एक आर्टिकल पब्लिश किया, जिसमें उन्होंने इस असाधारण सुरक्षा उल्लंघन का जिक्र किया। इस घटना ने अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा और गोपनीयता प्रोटोकॉल पर गंभीर सवाल उठाए हैं।

व्हाइट हाउस से पत्रकार तक कैसे पहुंचा वॉर प्लान?

गोल्डबर्ग ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट में बताया कि उन्हें 13 मार्च को सिग्नल ऐप पर "हूथी पीसी स्मॉल ग्रुप" नामक एन्क्रिप्टेड चैट ग्रुप में शामिल कर लिया गया था। इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज ने अपने डिप्टी एलेक्स वोंग को हूतियों पर अमेरिकी कार्रवाई के लिए "टाइगर टीम" तैयार करने का निर्देश दिया था। गोल्डबर्ग के अनुसार, 15 मार्च को यमन में हूथियों पर सैन्य हमले से कुछ घंटे पहले, अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने ग्रुप चैट में ऑपरेशन की जानकारी शेयर की, जिसमें लक्ष्यों, हथियारों और हमले की रणनीति से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां थीं। हालांकि, गोल्डबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में इन विवरणों को प्रकाशित नहीं किया, लेकिन उन्होंने इसे "चौंकाने वाली लापरवाही" करार दिया।

अधिकारियों के बीच क्या बातचीत हुई?

द अटलांटिक ने अपनी रिपोर्ट में इस ग्रुप चैट के स्क्रीनशॉट शेयर किए हैं। इनके मुताबिक, ग्रुप में अमेरिका के शीर्ष अधिकारी शामिल थे, जिनमें उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, विदेश मंत्री मार्को रुबियो, रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ, CIA निदेशक जॉन रैटक्लिफ, खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड, ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट और व्हाइट हाउस चीफ ऑफ स्टाफ सूजी वाइल्स प्रमुख हैं।

ग्रुप में उपराष्ट्रपति वेंस ने रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ से सवाल करते हुए पूछा कि क्या यूरोप को अमेरिकी समर्थन मिलना चाहिए? उनका कहना था कि इस क्षेत्र में समुद्री व्यापार में व्यवधान से सबसे ज्यादा यूरोप को नुकसान होगा। उन्होंने लिखा, "@PeteHegseth अगर आपको लगता है कि हमला करना सही है, तो चलिए करते हैं। लेकिन मुझे यूरोप को फिर से बचाने से नफरत है।" इसके जवाब में हेगसेथ ने लिखा, "VP (उपराष्ट्रपति): मैं भी यूरोप की मुफ्तखोरी से नफरत करता हूं। यह दयनीय है।"

"द अटलांटिक" ने बताया कि जे.डी. वेंस के रूप में पहचाने गए व्यक्ति ने हमलों के समय को लेकर चिंता जताई और कहा कि उन्हें एक महीने के लिए टालने के पक्ष में मजबूत तर्क हैं। उन्होंने लिखा, "मुझे यकीन नहीं है कि राष्ट्रपति को इस बात का अहसास है कि यह यूरोप पर उनके मौजूदा संदेश से कितना असंगत है। एक और जोखिम यह है कि हमें तेल की कीमतों में मध्यम से गंभीर उछाल देखने को मिल सकता है।" इसके बाद, उन्होंने कहा कि वह ग्रुप के आम सहमति का समर्थन करने को तैयार हैं।

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ट्रंप ने क्या कहा?

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस पूरे घटनाक्रम पर अनभिज्ञता जाहिर की। व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, "मुझे इसके बारे में कुछ नहीं पता। मैं द अटलांटिक का बड़ा फैन नहीं हूं।" हालांकि, व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि इस मामले की जांच जारी है और ट्रंप को इसकी जानकारी दे दी गई है।

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