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चीन-भारत के साथ नाटो को भी लपेटा, फिलिस्तीन पर क्लियर कट; UNGA में ट्रंप की बड़ी बातें

चीन-भारत के साथ नाटो को भी लपेटा, फिलिस्तीन पर क्लियर कट; UNGA में ट्रंप की बड़ी बातें

संक्षेप: Donald Trump UN Speech: ट्रंप ने जोर देकर कहा कि उनके दूसरे कार्यकाल में अमेरिका ने विश्व स्तर पर अपनी मजबूत स्थिति को फिर से हासिल कर लिया है। उन्होंने वैश्विक संस्थानों को विश्व व्यवस्था को कमजोर करने वाला बताया और अमेरिका को शांति, संप्रभुता तथा स्वतंत्रता का प्रतीक घोषित किया।

Tue, 23 Sep 2025 08:48 PMDevendra Kasyap लाइव हिन्दुस्तान, न्यूयॉर्क
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Trump UN Speech: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र में अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान पहली बार वैश्विक नेताओं को संबोधित किया। उनका भाषण मुख्य रूप से अमेरिकी विदेश नीति पर केंद्रित रहा। ट्रंप ने जोर देकर कहा कि उनके दूसरे कार्यकाल में अमेरिका ने विश्व स्तर पर अपनी मजबूत स्थिति को फिर से हासिल कर लिया है। उन्होंने वैश्विक संस्थानों को विश्व व्यवस्था को कमजोर करने वाला बताया और अमेरिका को शांति, संप्रभुता तथा स्वतंत्रता का प्रतीक घोषित किया। इस अवसर पर उन्होंने चीन और भारत के साथ कई नाटो देशों को भी लपेटा।

ट्रंप ने अपने शासन के पिछले आठ महीनों को ऐतिहासिक बताया, जिसमें शांति समझौतों और संघर्षों को समाप्त करने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने दावा किया कि उनके प्रशासन ने कई लंबे खींचे युद्धों को सुलझा लिया है। खासतौर पर, ट्रंप ने स्पष्ट रूप से कहा कि दूसरे कार्यकाल में उन्होंने सात युद्धों को समाप्त कर दिया है, जिसमें भारत-पाकिस्तान तनाव भी शामिल है। भाषण में उन्होंने यूक्रेन, गाजा और ईरान जैसे संवेदनशील मुद्दों पर भी अपनी बात रखी।

चीन, भारत और नाटो की आलोचना

यूएनजीए में बोलते हुए ट्रंप ने कहा कि यूक्रेन में रूस का युद्ध रूस की अंतरराष्ट्रीय छवि को धूमिल कर रहा है। उन्होंने रूसी तेल खरीदकर इस संघर्ष को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए चीन और भारत की निंदा की। साथ ही, रूस की प्रमुख ऊर्जा आपूर्ति में कटौती न करने के लिए नाटो सदस्य देशों को जिम्मेदार ठहराया।

फिलिस्तीनी राज्य को किया खारिज

संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए ट्रंप ने फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने के विचार को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देना हमास के लिए बहुत बड़ी जीत होगी। उनका तर्क था कि शांति चाहने वाले लोगों को सबसे पहले सभी बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए एकजुट होना चाहिए। ट्रंप ने जोर देकर कहा कि गाजा का युद्ध तत्काल समाप्त हो जाना चाहिए और सभी 20 बंधकों को बिना किसी विलंब के मुक्त किया जाए।

जैविक हथियारों पर वैश्विक रोक का आह्वान

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सभी राष्ट्रों से जैविक हथियारों के निर्माण को तत्काल रोकने की अपील की। उन्होंने जैविक हथियार संधि को मजबूती से लागू करने के लिए एक वैश्विक अभियान का नेतृत्व करने का वादा किया। ट्रंप ने अपनी योजना में AI आधारित उन्नत सत्यापन तकनीकों का समावेश बताया, जो संधि के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पालन की गारंटी देगी।

परमाणु खतरे पर कड़ी चेतावनी

ट्रंप ने यूएनजीए में परमाणु हथियारों को वैश्विक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा करार दिया। उन्होंने साफ लफ्जों में कहा कि ईरान कभी भी परमाणु हथियार प्राप्त नहीं कर सकता। तेहरान के प्रति अपने प्रशासन की सख्त नीति को रेखांकित करते हुए उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सतर्क रहने की सलाह दी।

संयुक्त राष्ट्र पर प्रहार

अपने संबोधन में ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र की आलोचना करते हुए कहा कि युद्धों को समाप्त करने के लिए संगठन पर निर्भर रहने के बजाय प्रत्यक्ष कार्रवाई पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र हमारे लिए नहीं है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि यदि सदस्य देश संगठन का प्रभावी उपयोग करने को तैयार हों, तो इसमें असीमित क्षमता निहित है।

जलवायु परिवर्तन: इतिहास का सबसे बड़ा छलावा

ट्रंप ने जलवायु परिवर्तन को इतिहास की सबसे बड़ी धोखेबाजी बताते हुए इसे खारिज कर दिया। उन्होंने तर्क दिया कि अमेरिका पर उत्सर्जन घटाने का दबाव डाला जा रहा है, जबकि अन्य राष्ट्र प्रदूषण के हर मानदंड को तोड़ रहे हैं। ट्रंप ने स्पष्ट किया कि अमेरिका को वैश्विक जलवायु दिशानिर्देशों का अनुचित भार नहीं ढोना चाहिए, जब उसके प्रतिद्वंद्वी अनियंत्रित औद्योगिक प्रदूषण फैला रहे हों।

संयुक्त राष्ट्र की पुरानी जलवायु भविष्यवाणी पर ट्रंप का प्रहार

ट्रंप ने 1982 में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक द्वारा की गई चेतावनी की निंदा की, जिसमें 2000 तक जलवायु परिवर्तन से 'अटल' वैश्विक विनाश की भविष्यवाणी की गई थी। उन्होंने इन अनुमानों को गलत और मूर्खतापूर्ण बताते हुए कहा कि ऐसी नीतियों ने राष्ट्रों को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है।

हमले के लिए धन मुहैया कराने का आरोप

संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए ट्रंप ने इस संगठन पर जोरदार प्रहार किया, कहा कि यह न केवल वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने में नाकाम रहा है, बल्कि नई परेशानियां भी खड़ी कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि संयुक्त राष्ट्र पश्चिमी देशों और उनकी सीमाओं पर हो रहे हमलों को धन उपलब्ध करा रहा है। ट्रंप ने जोर देकर कहा कि संगठन को आक्रमणों को रोकना चाहिए, न कि उन्हें जन्म देना या समर्थन करना चाहिए।

अमेरिका का स्वर्ण युग

ट्रंप ने गर्व से कहा कि अमेरिका को दुनिया की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था, सबसे सुरक्षित सीमाएं, सबसे शक्तिशाली सेना, सबसे मजबूत मित्रता और किसी भी राष्ट्र से बेहतर राष्ट्रीय भावना का आशीर्वाद प्राप्त है। उन्होंने इस दौर को अमेरिका का स्वर्णिम युग बताया।

नशीली दवाओं के तस्करों को ट्रंप की सख्त धमकी

संयुक्त राष्ट्र महासभा में ट्रंप ने ड्रग तस्करों को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि अमेरिका में नशीली दवाओं की तस्करी करने वाले हर अपराधी और आतंकवादी गुंडे को स्पष्ट चेतावनी दी जाती है- हम तुम्हें बर्बाद कर देंगे।

सात महीनों में सात युद्धों का अंत

ट्रंप ने यूएनजीए में खुलासा किया कि अपने दूसरे कार्यकाल के मात्र सात महीनों में उन्होंने ऐसे सात युद्ध समाप्त कर दिए हैं, जिनका अंत असंभव प्रतीत हो रहा था। बिना किसी विशिष्ट नाम लिए उन्होंने भारत-पाकिस्तान जैसे क्षेत्रों का जिक्र किया, जहां उनकी सरकार ने तनाव कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

अवैध प्रवासियों की 'आक्रमणकारी सेना' से यूरोप पर खतरा

ट्रंप ने चिंता जताई कि यूरोप एक गंभीर विपत्ति से जूझ रहा है, जहां अवैध विदेशियों की भारी संख्या ने महाद्वीप पर अभूतपूर्व आक्रमण कर दिया है। उन्होंने यूरोपीय नेताओं को निष्क्रिय बताते हुए आरोप लगाया कि राजनीतिक सिद्धांतवाद के चलते वे इस खतरे का मुकाबला करने में असमर्थ साबित हो रहे हैं।

यूरोप की खुली सीमाओं की आलोचना

ट्रंप ने अपने संबोधन में दावा किया कि 2024 तक जर्मनी की जेलों में करीब 50 प्रतिशत कैदी विदेशी मूल के या प्रवासी होंगे, जबकि स्विट्जरलैंड में यह संख्या 72 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है। उन्होंने कहा कि जब जेलें उन कथित शरणार्थियों से पट चुकी हों, जो दया का जवाब अपराधों से दे रहे हैं, तो खुलेपन वाली सीमा नीतियों के असफल मॉडल को अब समाप्त करने का समय आ गया है।

अनियंत्रित प्रवासन समकालीन युग का प्रमुख संकट

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अनियंत्रित प्रवासन को वर्तमान काल का सर्वोच्च खतरा बताते हुए संयुक्त राष्ट्र पर वैश्विक प्रवासी संकट को प्रोत्साहित और वित्तीय सहायता प्रदान करने का इल्जाम लगाया। संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण के दौरान ट्रंप ने अवैध सीमा पार करने को नियंत्रित करने हेतु सख्त वैश्विक कदम उठाने की मांग की।

अवैध प्रवासन पर कड़ा रुख

ट्रंप ने अवैध आव्रजन पर सख्ती का संकल्प दोहराया। उन्होंने कहा कि हमारी आव्रजन नीति बिल्कुल स्पष्ट है। यदि आप अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करते हैं, तो आपको जेल की सजा मिलेगी, या आपको वापस उसी जगह भेज दिया जाएगा जहां से आप आए थे, या शायद उससे भी आगे।

Devendra Kasyap

लेखक के बारे में

Devendra Kasyap
देवेन्द्र कश्यप, लाइव हिंदुस्तान में चीफ कंटेंट प्रोड्यूसर। पटना से पत्रकारिता की शुरुआत। महुआ न्यूज, जी न्यूज, ईनाडु इंडिया, राजस्थान पत्रिका, ईटीवी भारत और नवभारत टाइम्स ऑनलाइन जैसे बड़े संस्थानों में काम किया। करीब 11 साल से डिजिटल मीडिया में कार्यरत। MCU भोपाल से पत्रकारिता की पढ़ाई। पटना व‍िश्‍वविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस से ग्रेजुएशन। फिलहाल लाइव हिन्दुस्तान में नेशनल, इंटरनेशनल डेस्क पर सेवा दे रहे हैं। और पढ़ें

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