Hindi Newsविदेश न्यूज़UN rights office recorded 798 killings within past six weeks at aid points in Gaza

भोजन-पानी भी नहीं हो रहा नसीब, गाजा में सहायता केंद्रों के पास 798 लोगों की मौत; रिपोर्ट ने चौंकाया

OHCHR के अनुसार, अधिकांश घायलों को गोली लगने से चोटें आईं। यह स्थिति मानवीय निष्पक्षता के मानकों का उल्लंघन करती है। संयुक्त राष्ट्र ने GHF के सहायता मॉडल को असुरक्षित करार दिया है और इसे अत्याचार अपराधों से जोड़ा है।

Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तानSat, 12 July 2025 07:07 AM
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भोजन-पानी भी नहीं हो रहा नसीब, गाजा में सहायता केंद्रों के पास 798 लोगों की मौत; रिपोर्ट ने चौंकाया

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय (OHCHR) ने गाजा में मचे कत्लेआम पर ताजा रिपोर्ट जारी की है। इसमें बताया गया कि गाजा में पिछले छह हफ्ते में सहायता वितरण केंद्रों और काफिलों के पास 798 लोगों की मौत हुई है। इनमें से 615 मौतें अमेरिका और इजरायल समर्थित गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन (GHF) के केंद्रों के आसपास हुईं। 183 मौतें अन्य राहत समूहों के काफिलों के रास्ते में हुईं। OHCHR के अनुसार, अधिकांश घायलों को गोली लगने से चोटें आईं। यह स्थिति मानवीय निष्पक्षता के मानकों का उल्लंघन करती है। संयुक्त राष्ट्र ने GHF के सहायता मॉडल को स्वाभाविक रूप से असुरक्षित करार दिया है और इसे अत्याचार अपराधों से जोड़ा है।

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जीएचएफ ने संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों को झूठा और भ्रामक बताते हुए खारिज कर दिया। इसने दावा किया कि सबसे घातक हमले संयुक्त राष्ट्र के काफिलों से जुड़े हैं। GHF का कहना है कि उसने पांच सप्ताह में गाजा में 7 करोड़ से अधिक भोजन पैकेट बांटे गए हैं, जबकि अन्य मानवीय समूहों की सहायता को हमास या आपराधिक गिरोहों ने लूट लिया। दूसरी ओर, संयुक्त राष्ट्र ने सहायता लूट की घटनाओं की पुष्टि की है। विश्व खाद्य कार्यक्रम ने बताया कि गाजा में भोजन ले जाने वाले ज्यादातर ट्रकों को भूखे लोगों ने रोक लिया।

सुरक्षा के उठाए गए कदम मगर…

इजरायल ने कहा कि वह अपने सैन्य अभियानों के दौरान सहायता आपूर्ति को हमास के हाथों में जाने से रोकने के लिए कदम उठा रहा है, जिसमें बाड़ और संकेत लगाना शामिल है। हालांकि, गाजा में 21 महीने से चल रही सैन्य कार्रवाई के कारण भोजन और अन्य बुनियादी आपूर्तियों की भारी कमी हो गई है। 23 लाख की आबादी में से अधिकांश विस्थापित हो चुके हैं। OHCHR ने सहायता प्राप्त करने की कोशिश में मारे गए लोगों की जांच की मांग की है, ताकि इन हिंसक घटनाओं की वजहों का पता लगाया जा सके।

Niteesh Kumar

लेखक के बारे में

Niteesh Kumar
नीतीश 7 साल से अधिक समय से मीडिया इंडस्ट्री में एक्टिव हैं। जनसत्ता डिजिटल से बतौर कंटेंट प्रोड्यूसर शुरुआत हुई। लाइव हिन्दुस्तान से जुड़ने से पहले टीवी9 भारतवर्ष और दैनिक भास्कर डिजिटल में भी काम कर चुके हैं। खबरें लिखने के साथ ग्राउंड रिपोर्टिंग का शौक है। लाइव हिन्दुस्तान यूट्यूब चैनल के लिए लोकसभा चुनाव 2024 की कवरेज कर चुके हैं। पत्रकारिता का पढ़ाई IIMC, दिल्ली (2016-17 बैच) से हुई। इससे पहले दिल्ली यूनिवर्सिटी के महाराजा अग्रसेन कॉलेज से ग्रैजुएशन किया। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के रहने वाले हैं। राजनीति, खेल के साथ सिनेमा में भी दिलचस्पी रखते हैं। और पढ़ें

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