ट्रंप भारत से सुधार रहे रिश्ते, लेकिन सलाहकार नवारो हुए बेलगाम; फिर उगला जहर
संक्षेप: पिछले कुछ हफ्तों में नवारो ने भारत पर लगातार हमला बोला है। उन्होंने भारत को ‘टैरिफ महाराजा’ करार दिया और चेतावनी दी कि अगर नई दिल्ली व्यापार वार्ता में ‘समझौता’ नहीं करती तो ‘इसका अंत भारत के लिए अच्छा नहीं होगा।
जहां एक तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के साथ रिश्तों को फिर से पटरी पर लाने की कोशिश कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ उनके सलाहकार बेलगाम नजर आ रहे हैं। वाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने एक बार फिर भारत के साथ अमेरिका के व्यापार संबंधों पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने दावा किया कि अमेरिका को भारत के साथ ‘अनुचित’ व्यापार की कोई आवश्यकता नहीं है, जबकि नई दिल्ली अमेरिकी बाजारों, स्कूलों और नौकरियों तक पहुंचने के लिए ‘बेहद बेताब’ है।

पिछले कुछ सप्ताह में नवारो ने भारत के खिलाफ खासकर रूस से कच्चे तेल की खरीद जारी रखने के लिए, कई आलोचनात्मक टिप्पणियां की हैं। वाइट हाउस के व्यापार सलाहकार की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि भारत और अमेरिका व्यापार बाधाओं को दूर करने के लिए बातचीत जारी रखे हुए हैं।
ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि वह आने वाले हफ्तों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करने के लिए उत्सुक हैं। ट्रंप ने कहा, ‘‘मुझे पूरा यकीन है कि हमारे दोनों महान देशों के लिए एक सफल निष्कर्ष पर पहुंचने में कोई कठिनाई नहीं होगी।’’
हालांकि, नवारो ने ‘एक्स’ पर कई पोस्ट में भारत पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका को भारत के साथ अनुचित व्यापार की जरूरत नहीं है। लेकिन भारत को अमेरिकी बाजारों तक पहुंच की सख्त जरूरत है और वह अमेरिकी नौकरियां छीनता रहेगा।’’ उन्होंने भारत की ‘आसमान छूती’ टैरिफ नीतियों को अमेरिकी नौकरियों के लिए खतरा बताते हुए कहा कि भारत रूस का तेल सस्ते में खरीदकर लाभ कमाता है, जो सीधे पुतिन की युद्ध मशीन को ईंधन प्रदान करता है। नवारो ने यह भी आरोप लगाया कि अमेरिका भारत के साथ 50 अरब डॉलर का बड़ा व्यापार घाटा चला रहा है।
ट्रंप प्रशासन के अधिकारी ने अपने पिछले आरोपों को भी दोहराया कि भारत, रूस की युद्ध मशीनरी को ईंधन दे रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत, रूस के युद्ध कोष को ईंधन देता है। भारत संरक्षणवादी है और उसके शुल्क आसमान छू रहे हैं। अमेरिका का भारत के साथ भारी व्यापार घाटा है।’’ नवारो ने यह भी दावा किया कि ‘भारत के आसमान छूते शुल्क’ के कारण अमेरिकियों को अपनी नौकरियां गंवानी पड़ रही हैं।
(इनपुट एजेंसी)

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