Hindi Newsविदेश न्यूज़Troubled by the deadly protest Hasinas only support is India she has taken refuge earlier also spent so many years

जान बचाकर भागीं शेख हसीना पहले भी ले चुकी हैं भारत में शरण, तब क्यों आई थीं

  • भारत के पड़ोसी बांग्लादेश में चल रहे प्रदर्शनों ने कई दिनों से हिंसक रुख अख्तियार कर रखा है। हालत यहां तक बिगड़ चुके हैं कि 2009 से लगातार पीएम पद पर बनीं शेख हसीना को इस्तीफा देकर बांग्लादेश से भागना पड़ गया है।

Upendra Thapak लाइव हिन्दुस्तानMon, 5 Aug 2024 04:54 PM
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बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन और आगजनी के बीच हालात लगातार खराब हो गए हैं। पूरे देश में लगभग हर शहर में लोगों के द्वारा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों के द्वारा सरकार से संबंधित सभी सामानों सभी लोगों पर हमला किया जा रहा है। हालात इतने बेकाबू हो चुके हैं कि 2009 से सत्ता पर काबिज प्रधानमंत्री शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा है। बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार पीएम हसीना इस्तीफा देकर भारत के लिए रवाना हो चुकी है। उनके साथ उनकी बहन भी भारत के लिए निकल गई है। पीएम हसीना के इस्तीफे के बाद बांग्लादेश के आर्मी चीफ जनरल वकार-उज- जमानी ने एक अंतरिम सरकार के गठन का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि पीएम हसीना ने इस्तीफा दे दिया है और वह अंतरिम सरकार को गठित करने में मदद करेंगी।

इससे पहले बांग्लादेश में हजारों प्रदर्शनकारी छात्रों ने देशव्यापी कर्फ्यू को धता बताते हुए लगभग हर शहर में प्रदर्शन करना जारी रखा। रविवार को हुई हिंसा में करीब 100 लोग अपनी जान से हाथ धो चुके हैं। प्रदर्शनकारी छात्रों ने ढाका के शाहबाग चौहारे पर एकत्रित होकर अपने प्रदर्शन को आगे बढ़ाया। बांग्लादेशी मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार प्रदर्शन कारियों ने बांग्लादेश के प्रधानमंत्री आवास को भी निशाना बनाया और जबरन आवास में घुस गए। प्रदर्शनकारी लगातार आवामी लीग के कार्यकर्ताओं और नेताओं को निशाना बना रहे हैं। शेख हसीना के बेटे ने देश के सुरक्षाबलों से अपील की है कि वह संभावित तख्तापलट के प्रयासों को सफल नहीं होने दें। देश का मुख्य विपक्षी दल बीएनपी के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में इस प्रदर्शन में शामिल होकर तख्तापलट की कोशिश में लगे हुए हैं।

पहले भी भारत में शरण ले चुकी हैं शेख हसीना

हालांकि यह पहली बार नहीं है जब शेख हसीना को शरण लेने के लिए भारत की तरफ देखना पड़ा हो, इससे पहले भी वह भारत में शरण लेकर लगभग 6 साल गुजार चुकी है।

बांग्लादेश की आजादी के बाद शेख हसीना के पिता शेख मुजीबुर्रहमान देश के पीएम बने लेकिन उस समय पाकिस्तान समर्थित सेना की कुछ टुकड़ियों को यह पसंद नहीं आया। 1975 में उन्होंने विद्रोह कर दिया और शेख मुजीब और उनके परिवार के सभी सदस्यों को मौत के घाट उतार दिया गया। परिवार के सदस्यों के साथ-साथ बांग्लादेश में मौजूद शेख मुजीब के हर करीबी सहयोगी और रिश्तेदार को मौत के घाट उतार दिया गया।

शेख हसीना उस वक्त अपने पति के साथ जर्मनी में थीं इसलिए उनकी और उनकी बहन की जान बच गई। भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें भारत में शरण दे दी। 1975 से 1981 तक वह भारत की राजधानी दिल्ली में विदेशी मेहमान के तौर पर रहीं। उसके बाद जब बांग्लादेश में हालात स्थिर हुए तो वह वहां अपने देश वापस लौटीं और वहां की पीएम बनीं और अब एक बार फिर यह हालात बन चुके हैं कि उन्हें भारत में शरण लेने की राह देखनी पड़ रही है।

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