Hindi Newsविदेश न्यूज़Those involved in violence in Nepal will be investigated Sushila Karki gave a message to Gen-Z as soon as she became PM
नेपाल हिंसा में शामिल लोगों की होगी जांच, मारे गए लोग शहीद; सुशीला कार्की देंगी 10 लाख का मुआवजा

नेपाल हिंसा में शामिल लोगों की होगी जांच, मारे गए लोग शहीद; सुशीला कार्की देंगी 10 लाख का मुआवजा

संक्षेप: कार्की के सामने सबसे बड़ी चुनौती राजनीतिक स्थिरता बहाल करना और देश को चुनाव तक ले जाना है। हाल के वर्षों में नेपाल ने बार-बार सरकार बदलने का रिकॉर्ड बनाया है। 

Sun, 14 Sep 2025 01:48 PMHimanshu Jha लाइव हिन्दुस्तान
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नेपाल की राजनीति एक बार फिर अस्थिरता के दौर से गुजर रही है। हाल ही में हुए संसद भंग और सड़कों पर भड़की हिंसा के बीच देश की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रह चुकीं सुशीला कार्की ने रविवार को अंतरिम प्रधानमंत्री का कार्यभार संभाला। कार्की ने साफ कहा कि उनकी सरकार केवल संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए है न कि सत्ता में लंबे समय तक टिके रहने के लिए। प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद कार्की ने अपने पहले संबोधन में Gen-Z को बड़ा झटका दिया है। उन्होंने साफ-साफ कहा है कि नेपाल में हाल में हुए हिंसक प्रदर्शन की जांच कराई जाएगी।

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प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद कार्की ने अपने पहले संबोधन में कहा, “तोड़फोड़ की घटना में शामिल लोगों की जांच होगी। मेरा दल और मैं सत्ता का स्वाद चखने नहीं आए हैं। हम छह महीने से ज्यादा नहीं रुकेंगे और नई संसद के चुने जाने के बाद जिम्मेदारी सौंप देंगे। जनता के सहयोग के बिना हम सफल नहीं होंगे।”

नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद सुशीला कार्की ने कहा, "8 सितंबर की घटना में मारे गए सभी लोगों को शहीद घोषित किया गया है और उन्हें दस-दस लाख रुपये दिए जाएंगे। घायलों का खर्च सरकार उठाएगी और उन्हें मुआवजा भी दिया जाएगा। शवों को काठमांडू से दूसरे जिलों में भेजने की व्यवस्था सरकार करेगी। हम आर्थिक संकट में हैं। हमें पुनर्निर्माण पर चर्चा और काम करना चाहिए। निजी संपत्तियां भी जला दी गईं। हम उन्हें नहीं छोड़ेंगे। सरकार उन्हें कुछ मुआवजा देने के उपायों पर काम करेगी। यह आसान ऋण या किसी अन्य उपाय के माध्यम से हो सकता है।"

नेपाल में यह राजनीतिक संकट तब गहराया जब सत्ता में चल रही गठबंधन सरकार आंतरिक मतभेदों और भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण गिर गई। संसद भंग होने के बाद विपक्षी दलों और नेपाल के युवाओं जिन्हें Gen-Z कहा गया, ने व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए। कई जगहों पर हिंसक झड़पें और सरकारी संपत्तियों की तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आईं। इन्हीं हालातों को नियंत्रित करने और अगले आम चुनाव तक व्यवस्था चलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट और संवैधानिक निकायों की सिफारिश पर कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया गया।

कौन हैं सुशीला कार्की?

सुशीला कार्की नेपाल की राजनीति और न्यायपालिका दोनों में ही एक चर्चित चेहरा रही हैं। वह 2016 में नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनीं और अपने कार्यकाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े फैसलों के लिए जानी गईं। कार्की की नियुक्ति को नेपाल की राजनीति में साफ-सुथरी छवि और महिला नेतृत्व को आगे लाने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।

कार्की के सामने सबसे बड़ी चुनौती राजनीतिक स्थिरता बहाल करना और देश को चुनाव तक ले जाना है। हाल के वर्षों में नेपाल ने बार-बार सरकार बदलने का रिकॉर्ड बनाया है। केवल पिछले 10 वर्षों में देश में एक दर्जन से अधिक प्रधानमंत्रियों ने पदभार संभाला। इससे जनता का विश्वास कमजोर हुआ है और लोकतांत्रिक संस्थाएं दबाव में आई हैं।

साथ ही, नेपाल इस समय आर्थिक संकट, बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई से भी जूझ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि नई सरकार को सिर्फ राजनीतिक संक्रमण संभालने तक सीमित न रहकर जनहित से जुड़े तात्कालिक मुद्दों पर भी ध्यान देना होगा।

कार्की ने अपने बयान में कहा कि उनकी सरकार का प्राथमिक उद्देश्य निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराना है। उन्होंने नागरिक समाज और युवाओं से अपील की कि वे लोकतंत्र की रक्षा के लिए जिम्मेदारी निभाएं। नेपाल की जनता अब इस इंतजार में है कि क्या सुशीला कार्की का कार्यकाल वास्तव में राजनीतिक स्थिरता की दिशा में एक कदम साबित होगा या फिर यह भी नेपाल की राजनीति के अस्थिर अध्यायों में से एक बनकर रह जाएगा।

Himanshu Jha

लेखक के बारे में

Himanshu Jha
कंप्यूटर साइंस में पोस्ट ग्रैजुएट हिमांशु शेखर झा करीब 9 वर्षों से बतौर डिजिटल मीडिया पत्रकार अपनी सेवा दे रहे हैं। बिहार और उत्तर प्रदेश के अलावा राष्ट्रीय राजनीति पर अच्छी पकड़ है। दिसंबर 2019 में लाइव हिन्दुस्तान के साथ जुड़े। इससे पहले दैनिक भास्कर, न्यूज-18 और जी न्यूज जैसे मीडिया हाउस में भी काम कर चुके हैं। हिमांशु बिहार के दरभंगा जिला के निवासी हैं। और पढ़ें

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