धरती से 400 किलोमीटर ऊपर रहकर वोट देंगी सुनीता विलियम्स, US इलेक्शन को लेकर नासा का खास प्लान
- अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन धरती से 400 किलोमीटर से अधिक की ऊंचाई पर स्थित है। यह पृथ्वी की निचली कक्षा में घूमता है और इस ऊंचाई पर एक चक्कर लगाने में लगभग 90 मिनट का समय लेता है।
अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर मौजूद नासा वैज्ञानिक सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर ने शुक्रवार को कहा कि वे अमेरिका के आगामी चुनाव में अंतरिक्ष से ही अपना वोट डालेंगे। उन्होंने कहा कि वे इसके लिए खासा उत्साहित हैं। नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने फैसला किया है कि बोइंग के नए ‘कैप्सूल’ से भारतीय-अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स समेत दो अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी पर लाना बेहद जोखिम भरा हो सकता है, इसलिए उन्हें अगले साल ‘स्पेसएक्स’ यान से वापस लाया जाएगा। यानी ISS पर उनका कुछ हफ्तों का कार्यक्रम अब पूरे 8 महीनों के लिए टल गया है। इस बीच वे आईएसएस से ही मतदान करने की योजना बना रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन धरती से 400 किलोमीटर से अधिक की ऊंचाई पर स्थित है। यह पृथ्वी की निचली कक्षा में घूमता है और इस ऊंचाई पर एक चक्कर लगाने में लगभग 90 मिनट का समय लेता है।
वोटिंग से संबंधित एक सवाल का जवाब देते हुए बुच विलमोर ने कहा, "मैंने आज ही अपना बैलट भेजने की प्रक्रिया शुरू की है। यह एक महत्वपूर्ण ड्यूटी है और नासा सुनिश्चित करता है कि हम मतदान कर सकें।" सुनीता विलियम्स ने भी इससे सहमति जताते हुए कहा कि वह अंतरिक्ष से वोट देने को लेकर उत्साहित हैं। ये दोनों अंतरिक्ष यात्री अब एलन मस्क की स्पेसएक्स कैप्सूल के जरिए अगले साल लौटेंगे। इससे पहले, इन्हें ले जाने वाली बोइंग स्टारलाइनर कैप्सूल तकनीकी समस्याओं के कारण सुरक्षित नहीं मानी गई, जिस वजह से उनकी वापसी में देरी हो गई।
सुनीता ने कहा कि वह और बुच दोनों इस बात से अवगत थे कि यह एक टेस्ट फ्लाइट थी और इसमें अपेक्षा से अधिक समय लग सकता है। उन्होंने कहा, "यह समझना मुश्किल नहीं था कि हमें आईएसएस पर अधिक समय तक रहना पड़ सकता है।" बुच विलमोर ने कहा, "हम हर प्रकार की कठिनाइयों का सामना करते हैं, चाहे वो आठ दिन हों या आठ महीने। हम अपना सबसे अच्छा काम करेंगे। यही हमारा दृष्टिकोण है।"
सुनीता ने भी यह स्वीकार किया कि उन्हें इस बात की थोड़ी चिंता थी कि वह जल्द घर नहीं लौट पा रही हैं। उन्होंने कहा, "मेरे मन में परिवार के साथ समय बिताने का विचार चल रहा था, खासकर मेरी मां के साथ। हमने कुछ योजनाएं बनाई थीं जो अब रुक गई हैं, लेकिन सब लोग इससे सहमत थे और इसने हमें तैयार किया।"
विलमोर और विलियम्स अब अंतरिक्ष स्टेशन के नियमित क्रू सदस्यों के रूप में काम कर रहे हैं और नियमित रखरखाव और प्रयोगों में भाग ले रहे हैं। दोनों अंतरिक्ष यात्री फरवरी के अंत तक आईएसएस पर रहेंगे और स्पेसएक्स कैप्सूल के जरिए पृथ्वी पर लौटेंगे। परीक्षण उड़ान के तहत एक सप्ताह के लिए अंतरिक्ष में गए दोनों यात्रियों को अब वहां आठ महीने से अधिक समय रुकना होगा। वे जून की शुरुआत से ही अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर फंसे हुए हैं।
नए कैप्सूल में ‘थ्रस्टर’ के काम नहीं करने और हीलियम रिसाव के कारण अंतरिक्ष स्टेशन तक उनकी यात्रा में बाधा उत्पन्न हुई, जिसके बाद उन्हें वापस पृथ्वी पर लाने में मुश्किल आ रही है। लगभग तीन महीने के बाद, अंततः शनिवार को नासा के उच्च अधिकारियों ने उनकी वापसी को फरवरी तक टालने का निर्णय लिया। बुच विल्मोर और विलियम्स फरवरी में ‘स्पेसएक्स’ के अंतरिक्ष यान के जरिए पृथ्वी पर वापस आएंगे। नासा के प्रमुख बिल नेल्सन ने कहा, “परीक्षण उड़ान न तो सुरक्षित होती है और न ही नियमित होती है। लिहाजा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है।” नासा के सहायक प्रशासक जिम फ्री ने कहा, “यह आसान फैसला नहीं है, लेकिन बिल्कुल सही निर्णय है।”
फिलहाल बोइंग का पहला अंतरिक्ष यात्री मिशन शुक्रवार की रात अंतरिक्ष यात्रियों को लाए बिना यान के धरती पर लौटने के साथ ही समाप्त हो गया। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से रवाना होने के छह घंटे बाद ‘स्टारलाइनर’ यान मेक्सिको के ‘व्हाइट सैंड्स मिसाइल रेंज’ पर उतरा। ‘स्टारलाइनर’ ने लंबे इंतजार के बाद जून में अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी थी। हालांकि, यान के ‘थ्रस्टर’ में समस्या आने और हीलियम लीक होने के कारण वह अंतरिक्ष यात्रियों को धरती पर वापस लाने में नाकाम रहा।
(इनपुट एजेंसी)
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