शी जिनपिंग ने सेना पर नियंत्रण किया और कड़ा, प्लान 2050 पर चल रहा काम
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पीपल्स लिबरेशन आर्मी पर अपना नियंत्रण और कड़ा कर लिया है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के डॉक्यूमेंट्स बताते हैं कि शी जिनपिंग के पहले के नेताओं का सेना पर स्पष्ट रूप से अभाव...
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चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पीपल्स लिबरेशन आर्मी पर अपना नियंत्रण और कड़ा कर लिया है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के डॉक्यूमेंट्स बताते हैं कि शी जिनपिंग के पहले के नेताओं का सेना पर स्पष्ट रूप से अभाव रहा है। डॉक्यूमेंट में बॉर्डर सुरक्षा पर प्रमुख ऑपरेशंस के बारे में भी बात की गई है लेकिन उन ऑपरेशंस के बारे में नहीं बताया गया है।
कहा गया है कि कुछ समय के लिए सेना पर पार्टी के नेतृत्व में साफ तौर पर कमी थी। अगर इस समस्या का समाधान न किया गया होता तो यह न सिर्फ सेना की युद्ध क्षमता को कम कर देती बल्कि उस प्रमुख राजनीतिक सिद्धांत को भी कमजोर कर देती कि पार्टी कमान संभालती है। कहा गया है कि जिनपिंग के नेतृत्व में सैनिक प्रशिक्षण और युद्ध की तैयारी को बढ़ावा देने सहित सेना पर कड़ी निगरानी रखी गई है। 2035 तक सेना के आधुनिकीकरण को पूरा करने और 2050 तक वर्ल्ड क्लास सेना बनाने के प्लान पर काम जारी है।
नए प्रस्ताव में शी जिनपिंग का जयगान किया गया है। माओ तक की आलोचना की गई है। माना गया है कि माओ के शासनकाल में कुछ गलतियां की गईं हैं। शी जिनपिंग के लिए समर्थन को और मजबूत करने की बात कही गई है।
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रस्ताव में कहा गया है कि सेना बाहरी ताकतों द्वारा सैन्य उकसावे का मुकाबला करने के लिए लचीले तरीके से सैन्य संघर्ष को प्रतिबद्ध है। ताइवान की आजादी की मांग करने वाली अलगाववादी गतिविधियों के खिलाफ एक मजबूत निवारक बनाया है।