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तालिबान के समर्थन पर पछता रहा होगा पाकिस्तान, 51 फीसदी बढ़े हमले; आखिर क्यों है नाराज

अफगानिस्तान के खामा प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान राज की वापसी के बाद से पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों में 51 फीसदी का इजाफा हुआ है। इससे दोनों देशों के रिश्ते निचले स्तर पर पहुंच गए हैं।

तालिबान के समर्थन पर पछता रहा होगा पाकिस्तान, 51  फीसदी बढ़े हमले; आखिर क्यों है नाराज
Surya Prakashलाइव हिन्दुस्तान,इस्लामाबाद काबुलMon, 02 Jan 2023 01:22 PM

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अफगानिस्तान में तालिबान का राज लौटे करीब डेढ़ साल बीत गए हैं। इस बीच अफगानिस्तान से लेकर पाकिस्तान तक में तस्वीर काफी बदल गई है। 15 अगस्त, 2021 को अमेरिकी सेना की वापसी के ऐलान और तालिबान के राज स्थापित करने पर जिस पाकिस्तान ने खुशी का इजहार किया था, वह अब उससे ही खुद को परेशान बता रहा है। अफगानिस्तान के खामा प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान राज की वापसी के बाद से पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों में 51 फीसदी का इजाफा हुआ है। खामा प्रेस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है इसकी वजह पाकिस्तान की ही अफगानिस्तान को लेकर पॉलिसी है। 

रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा तय करने वाली डूरंड लाइन को तालिबान ने खारिज कर दिया है। इसे लेकर कई बार सीमा पर झड़पें हुई हैं और पाकिस्तानी सेना के जवान मारे गए हैं। यही नहीं रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान ने टीटीपी के आतंकियों को पाकिस्तान में खुली छूट दे दी है। अब ये आतंकी पाकिस्तान में हमलों को अंजाम दे रहे हैं। खासतौर पर खैबर पख्तूनख्वा में इन हमलों को अंजाम दिया जा रहा है, जहां पाकिस्तानी सेना को पहले से ही चुनौती मिलती रही है। इन हालातों ने पाकिस्तान की टेंशन बढ़ा दी है, जहां कुछ वक्त पहले भीषण बाढ़ आई थी और अर्थव्यवस्था खस्ताहाल है। 

हिना रब्बानी बैरंग लौटीं, नहीं मिले तालिबान के मंत्री

अब हालात ऐसे बदले हैं कि तालिबान का सत्ता आने पर तत्कालीन पीएम इमरान खान ने खुशी जाहिर की थी। इसके बाद उसके आईएसआई के अफसर फैज हमीद काबुल भी गए थे। हालांकि अब हालात ऐसे बिगड़े हैं कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कई देशों की यात्रा की है, लेकिन काबुल से दूर ही रहे हैं। उन्होंने डिप्टी विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार को भेजा भी, लेकिन तालिबान के ही विदेश मंत्री ने मिलने से इनकार कर दिया। दोनों देशों के रिश्तों को समझने वाले कहते हैं कि इसकी वजह अलकायदा के सरगना अयमान अल-जवाहिरी का मारा जाना है।

इस एक वाकये ने तालिबान को और भड़काया, अब क्या होगा

तालिबान इस बात पर खफा है कि कैसे पाकिस्तान ने अमेरिकी सेनाओं को अपने एयरस्पेस के इस्तेमाल की मंजूरी दी। बता दें कि जवाहिरी को ड्रोन अटैक से अमेरिका ने मार गिराया था। इसके लिए उसने पाकिस्तान के एयरस्पेस का इस्तेमाल किया था। इसी बात ने तालिबान के गुस्से को पाकिस्तान के प्रति और बढ़ा दिया। भारत जैसे देशों से रिश्तों को लेकर भी पाकिस्तान की अकसर नसीहतों से भी तालिबान उखड़ा हुआ है। बीते दिनों उसने कहा भी था कि विदेश नीति के मामले में हम स्वतंत्र फैसले लेंगे और अपनी धरती का इस्तेमाल किसी तीसरे देश के खिलाफ नहीं होने देंगे।

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