क्यों फेल हो रहा इजरायल का आयरन डोम, हिजबुल्लाह ने पकड़ी यह कमजोरी; सच हुई US की भविष्यवाणी
हिजबुल्लाह ने इजरायल के कब्जे वाले गोलान हाइट्स पर मिसाइल से हमला कर दिया। यह मिसाइल एक फुटबॉल ग्राउंड में जारी गिरी, जिसमें एक दर्जन बच्चे मारे गए। इसके बाद आयरन डोम पर सवाल उठा रहे हैं।
इजरायल पर बीते साल अक्टूबर में हमास ने भीषण आतंकी हमला किया था। इस हमले में करीब 1200 इजरायली मारे गए थे और 250 लोगों को अगवा कर लिया गया था। उस अटैक के बाद से ही इजरायल और हमास के बीच जंग जारी है और करीब 40 हजार लोग अब तक मारे जा चुके हैं। यही नहीं इस बीच रविवार सुबह इजरायल पर एक बार फिर से भारी गुजरी। लेबनान में सक्रिय उग्रवादी संगठन हिजबुल्लाह ने उसके इलाके वाले गोलान हाइट्स पर हमला बोला और एक मिसाइल दागी। यह मिसाइल फुटबॉल ग्राउंड में जारी, जहां 10 से 20 साल की उम्र के 12 बच्चों की मौत हो गई।
ऐसे में यह सवाल भी उठने लगे हैं कि जिस आयरन डोम की पूरी दुनिया में मिसाइल दी जाती है, वह डिफेंस सिस्टम हमले रोकने में कैसे नाकाम हो रहा है। 7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद यही सवाल उठा था और अब हिजबुल्लाह के अटैक ने फिर चिंताएं बढ़ाई हैं। दरअसल इसी साल की शुरुआत में अमेरिकी सेना के तीन अधिकारियों ने आयरन डोम पर सवाल उठाए थे। इन अधिकारियों ने सीएनएन से बातचीत में कहा था कि आयरन डोम अब कमजोर हो रहा है और उसकी बैटरियां पुरानी पड़ रही हैं। इसकी वजह से राडार सिस्टम कम चल रहा है और कई बार चूक भी हो सकती है।
यही नहीं अमेरिकी अधिकारियों का कहना था कि हिजबुल्लाह ने बड़े पैमाने पर ऐसे हथियार जुटा लिए हैं, जो मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भी मात दे सकते हैं। उसने बीते कई सालों में ईरान से ऐसे हथियारों का जखीरा जुटा लिया है। यही वजह थी कि अमेरिका की ओर से इजरायल को यह चेतावनी भी दी जा रही थी कि वह लेबनान के साथ युद्ध में न उतरे। एक अमेरिकी अधिकारी का कहना है कि आयरन डोम की बैटरियों पर काफी दबाव है और अब धीरे-धीरे सिस्टम पुराना हो रहा है। एक इजरायली अधिकारी ने भी नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया था कि यदि हिजबुल्लाह व्यापक हमला कर दे तो फिर मुश्किल होगी।
क्यों हिजबुल्लाह के आगे फेल हो रहा राडार सिस्टम
मिसाइल डिफेंस सिस्टम के लिए कुछ हथियारों को इंटरसेप्ट करने में मुश्किल हो सकती है। आयरन डोम की जो तकनीक है उसके मुताबिक राडार सिस्टम के जरिए वह किसी भी हमले को इंटरसेप्ट कर लेता है और फिर मिसाइलें दागता है, जिससे दुश्मन के वार को आसमान में ही नष्ट कर दिया जाता है। लेकिन अब यह सिस्टम थोड़ा पुराना हो रहा है। एक तरफ बैटरियां कमजोर हो रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ हिजबुल्लाह जैसे आतंकी संगठनों ने तमाम आधुनिक हथियार भी जुटा लिए हैं।
हिजबुल्लाह के पास डेढ़ लाख से ज्यादा मिसाइलें और रॉकेट
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार हिजबुल्लाह के पास अब बड़े पैमाने पर ऐसे रॉकेट और मिसाइल हैं, जो किसी राडार सिस्टम को मात दे सकते हैं। खासतौर पर उसकी शॉर्ट रेंज मिसाइलें ऐसी हैं, जो इजरायल के अंदर जाकर मार करती हैं। खुद इजरायली सेना का ही अनुमान है कि हिजबुल्लाह के पास डेढ़ लाख मिसाइलें और रॉकेट हैं। बता दें कि हिजबुल्लाह को दुनिया का सबसे बड़ा सशस्त्र उग्रवादी समूह माना जाता है, जिसे ईरान से समर्थन प्राप्त है। गौरतलब है कि हिजबुल्लाह की ओर से रुक-रुक कर हमले इजरायल के खिलाफ होते रहे हैं।