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वायु प्रदूषण से बड़ा खतरा, WHO ने बताया- हर साल 70 लाख लोगों की मौत

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि वायु प्रदूषण के कारण होने वाली बीमारी का बोझ अस्वास्थ्यकारी आहार और धूम्रपान के बराबर है। संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने अब वायु प्रदूषण को धूम्रपान या...

वायु प्रदूषण से बड़ा खतरा, WHO ने बताया- हर साल 70 लाख लोगों की मौत
डॉयचे वेले,दिल्लीThu, 23 Sep 2021 02:22 PM

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विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि वायु प्रदूषण के कारण होने वाली बीमारी का बोझ अस्वास्थ्यकारी आहार और धूम्रपान के बराबर है। संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने अब वायु प्रदूषण को धूम्रपान या अस्वास्थ्यकारी आहार के बराबर माना है। नतीजतन विश्व स्वास्थ्य संगठन ने नए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। संगठन का दावा है कि इससे लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती है। डब्ल्यूएचओ ने 22 सितंबर को कहा कि वायु प्रदूषण अब मानव जीवन के लिए सबसे बड़े पर्यावरणीय खतरों में से एक है, जिससे हर साल 70 लाख लोगों की अकाल मृत्यु होती है।

संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने यह भी कहा कि तत्काल कार्रवाई की जरूरत को पहचानने के बाद वह अपने वायु गुणवत्ता दिशानिर्देशों को मजबूत कर रही है। नए दिशानिर्देश लाखों लोगों की जान बचा सकते हैं। नए दिशानिर्देश ओजोन, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड समेत पदार्थों पर लागू होते हैं। डब्ल्यूएचओ ने एक बयान में कहा, "डब्ल्यूएचओ ने लगभग सभी वायु गुणवत्ता दिशानिर्देश स्तरों को नीचे की ओर समायोजित किया है।

यह चेतावनी देते हुए कि नए स्तर से अधिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण जोखिम से जुड़ा है।" एजेंसी का कहना है, "उनका पालन करने से लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती है।" दिशानिर्देशों का उद्देश्य लोगों को वायु प्रदूषण के प्रतिकूल प्रभावों से बचाना है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि वह सरकारों से अपील करती है कि दिशानिर्देशों का पालन करे। जितना सोचा जाता था उससे ज्यादा खतरनाक डब्ल्यूएचओ ने आखिरी बार 2005 में वायु गुणवत्ता दिशानिर्देश जारी किए थे, जिसका दुनिया भर में पर्यावरण नीतियों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा था।

हालांकि संगठन का कहना है कि पिछले 16 सालों में ऐसे सबूत सामने आए हैं जिनसे पता चलता है कि वायु प्रदूषण सेहत को प्रभावित करता है। उसका कहना है कि पहले की तुलना में वायु प्रदूषण इंसान की सेहत पर कहीं अधिक प्रभाव डाल रहा है। डब्ल्यूएचओ ने कहा, "न सिर्फ खास देशों या क्षेत्रों में बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रमुख वायु प्रदूषकों को कम करने के लिए इकट्ठा सबूत कार्रवाई को सही ठहराने के लिए पर्याप्त हैं।"  नए दिशानिर्देश COP26 वैश्विक जलवायु शिखर सम्मेलन से पहले जारी किए गए हैं, जो 31 अक्टूबर से 12 नवंबर के बीच ग्लासगो में आयोजित होना है।

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