वेनेजुएला के राष्ट्रपति चुनाव पर क्यों मचा बवाल, अमेरिका को भी ऐतराज; निकोलस मादुरो पर धांधली का आरोप
वेनेजुएला में रविवार को हुए राष्ट्रपति चुनाव में निकोलस मादुरो को विजेता घोषित किया गया। हालांकि, विपक्षी नेता नतीजों का विरोध करने की तैयारी कर रहे हैं। कई देशों ने नतीजों पर ऐतराज जताया है।
वेनेजुएला में रविवार को हुए राष्ट्रपति चुनाव में निकोलस मादुरो को विजेता घोषित किया गया। हालांकि, विपक्षी नेता नतीजों का विरोध करने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं अमेरिका समेत कई अन्य देशों ने भी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों पर ऐतराज जताया है। मध्यरात्रि के बाद राष्ट्रीय चुनाव परिषद ने बताया कि मादुरो को 51 प्रतिशत वोट मिले हैं, जबकि मुख्य विपक्षी उम्मीदवार एडमुंडो गोंजालेज के खाते में 44 फीसदी वोट गए हैं। मादुरो के वफादारों द्वारा नियंत्रित चुनाव प्राधिकरण ने अभी तक 30,000 मतदान केंद्रों के आधिकारिक मतदान आंकड़े जारी नहीं किए हैं, जिससे विपक्ष नतीजों की पुष्टि नहीं कर पा रहा है।
विदेशी नेताओं ने अभी परिणामों को मान्यता नहीं दी है। वजह चुनाव परिषद ने आगामी घंटों में आधिकारिक आंकड़े जारी करने का वादा किया है। चिली के वामपंथी नेता गैब्रियल बोरिक ने कहा कि मादुरो सरकार को यह समझना चाहिए कि जो नतीजे उसने प्रकाशित किए हैं, उन पर विश्वास कर पाना मुश्किल है। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने टोक्यो में कहा कि उनके देश को गंभीर चिंता है कि घोषित किए गए नतीजे वेनेजुएला के लोगों की इच्छा या वोटों को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं। जब मादुरो अंततः नतीजों का जश्न मनाने के लिए बाहर आए, तो उन्होंने अज्ञात विदेशी दुश्मनों पर मतदान प्रणाली को हैक करने की कोशिश करने का आरोप लगाया
मादुरो ने राष्ट्रपति आवास में मौजूद अपने समर्थकों से कहा कि यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने इस देश की शांति भंग करने की कोशिश की है। उन्होंने अपनी जीत के समर्थन में कोई सबूत नहीं दिया लेकिन वेनेजुएला में हिंसा भड़काने की कोशिश करने वालों को सजा देने का वादा किया। विपक्षी प्रतिनिधियों ने बताया कि उन्होंने मतदान केंद्रों पर जो आंकड़े जुटाए थे, उससे पता चलता है कि गोंजालेज, मादुरो को हरा रहे हैं। इस बीच, चुनाव परिषद के प्रमुख ने कहा कि वह आगामी कुछ घंटों में आधिकारिक मतदान आंकड़े जारी करेंगे।
राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने तीसरे कार्यकाल के लिए गोंजालेज की कड़ी चुनौती का सामना किया। विपक्षी नेताओं को गोंजालेज की जीत का पूरा भरोसा था और उन्होंने कुछ मतदान केंद्रों के बाहर जश्न मनाना शुरू भी कर दिया था। निकोलस मादुरो एक स्वघोषित मार्क्सवादी और क्रिश्चियन हैं। युवावस्था में वह कराकास मेट्रो के वर्कर्स के यूनियन लीडर बने। साल 1980 में उन्होंने पॉलिटिकल एजुकेशन के लिए कम्यूनिस्ट देश क्यूबा की यात्रा की। वेनेजुएला के सियासी फलक पर मादुरो का उभार पूर्व राष्ट्रपति ह्यूगो शावेज के उत्तराधिकारी के तौर पर हुआ। कैंसर के चलते शावेज की मौत के बाद मादुरो ने 2013 में पहला राष्ट्रपति चुनाव जीता। तब से लगातार वह इस पद पर बने हुए हैं।
लेटेस्ट Hindi News, बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर ,और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।