जब अमेरिका और यूरोप को सुब्रमण्यम जयशंकर ने दिखाया आईना, पढ़ें कब-कब दी विदेश मंत्री ने सीख
भारत के विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर ने भारत को रूस-यूक्रेन मसले में जबरदस्ती घसीटने पर कड़ा जवाब दिया है। उन्होंने अमेरिका द्वारा भारत के घरेलू मसलों पर कमेंट करने पर भी अपनी बात रखी है।
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भारत के विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर हाल ही में अमेरिका में थे। इन दिनों रूस से तेल के आयात पर बहस छिड़ी हुई है। इसको लेकर जयशंकर का एक बयान वायरल हुआ है। उन्होंने भारत को इस मसले में जबरदस्ती घसीटने पर कड़ा जवाब दिया है। इसके साथ ही उन्होंने अमेरिका द्वारा भारत के घरेलू मसलों पर कमेंट करने पर भी अपनी बात रखी है।
पहला वाकया: जब रूसी तेल खरीद पर यूरोप पर उठाए सवाल
एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि आप तेल खरीद के बारे में बात कर रहे हैं। यदि आप रूस से ऊर्जा खरीद देख रहे हैं तो मैं सुझाव दूंगा कि आपका ध्यान यूरोप पर भी केंद्रित होना चाहिए। हम कुछ ऊर्जा खरीदते हैं, जो हमारी ऊर्जा सुरक्षा के लिए जरूरी है लेकिन आंकड़ों को देखते हुए मुझे संदेह है कि एक महीने में हमारी कुल खरीद यूरोप की एक दोपहर में हुई खरीद की तुलना में कम होगी।
जब जयशंकर ने दी अमेरिका को चेतावनी
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा था कि अमेरिका भारत में हुईं हालिया घटनाओं पर नजर रख रहा है। भारत में कुछ राज्यों, पुलिस और जेल के अधिकारियों द्वारा मानवाधिकारों के हनन में बढ़ोतरी हुई है।
अमेरिका के इस बयान पर जयशंकर ने कड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि लोगों को हमारे बारे में विचार रखने का अधिकार है। हमें भी उनकी लॉबी और वोट बैंक के बारे में भी विचार करने का अधिकार है। हम चुप नहीं रह सकते। हमारे पास अन्य लोगों के मानवाधिकारों पर भी विचार हैं, खासकर जब यह हमारे समुदाय से संबंधित है।
उन्होंने कहा कि हम अमेरिका सहित अन्य देशों के मानवाधिकारों की स्थिति पर भी अपने विचार रखते हैं। इसलिए, जब हम इस देश में मानवाधिकार के मसलों को उठाते हैं, खासकर जब वे हमारे समुदाय से संबंधित होते हैं। और वास्तव में हमारे पास कल एक ऐसा मामला था।
सोशल मीडिया पर लोगों ने की जयशंकर की तारीफ
सोशल मीडिया पर लोग सुब्रमण्यम जयशंकर के इस अवतार को देखकर अचंभित और खुश हैं। लोगों ने कहा है कि हमें लगता था कि जयशंकर बहुत कम बोलते हैं और बहुत विनम्र होकर अपनी बात रखते हैं लेकिन अबकी उन्होंने दिखाया है कि अगर भारत को जबरदस्ती किसी मसले में घसीटा जाएगा या भारत के घरेलू मसलों पर किसी भी देश की टिप्पणी आएगी तो वह कड़ा जवाब देने से नहीं चूकेंगे।