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क्या है फिलाडेल्फी कॉरिडोर, जिसने उड़ा दी नेतन्याहू की नींद; इजरायल क्यों चाह रहा फिर से कब्जा?

Israel_Hamas War: इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने शनिवार को कहा कि यह कॉरिडोर बंद होना चाहिए। यह स्पष्ट है कि कोई भी अन्य व्यवस्था उस विसैन्यीकरण को सुनिश्चित नहीं करेगी जो हम चाहते हैं।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 3 Jan 2024 10:21 AM
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दक्षिण गाजा पर भीषण हमलों के बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि वह गाजा और मिस्र के बीच के सीमाई क्षेत्र पर नियंत्रण चाहते हैं। इसके पीछे उन्होंने तर्क दिया है कि अभी गाजा पर हमास के खिलाफ आक्रमण लंबा चलने वाला है। नेतन्याहू ने एक साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि फिलाडेल्फी कॉरिडोर "हमारे हाथों में होना चाहिए" और तेल अवीव की इच्छानुसार सुरक्षा परिणाम सुनिश्चित करने के लिए इसे बंद कर दिया जाना चाहिए। नेतन्याहू ने कहा कि कोई भी दूसरी ताकत इस क्षेत्र को निशस्त्र करने की गारंटी नहीं दे सकता, जबकि वह ऐसा चाहते हैं।

नेतन्याहू ने शनिवार को कहा, “यह बंद होना चाहिए। यह स्पष्ट है कि कोई भी अन्य व्यवस्था उस विसैन्यीकरण को सुनिश्चित नहीं करेगी जो हम चाहते हैं।" उन्होंने यह भी संकेत दिया कि गाजा में युद्ध कई महीनों तक चल सकता है।

क्या है फिलाडेल्फी कॉरिडोर?
मिस्र और गाजा पट्टी के बीच 14 किलोमीटर लंबा सीमाई क्षेत्र है। इसके उत्तर में भू मध्य सागर है, जबकि दक्षिण और पूरब में इजरायल का अबू सालेम क्षेत्र और पश्चिम में मिस्र स्थित है। 14KM लंबी इस संकीर्ण पट्टी को फिलाडेल्फी कॉरिडोर या फिलाडेल्फी रूट के नाम से जाना जाता है।

मिस्र और इजरायल के बीच 1979 में हुई शांति संधि के तहत इस कॉरिडोर को बफर जोन घोषित कर दिया गया था और इस हिस्से पर इजरायली सशस्त्र बलों का नियंत्रण स्थापित हो गया था।  इसके बाद सिनाई प्रायद्वीप पर इजरायल का कब्जा समाप्त हो गया था और स्वेज नहर को फिर से खोल दिया गया था। साल 2005 में इजरायल ने इस क्षेत्र को खाली कर दिया था। 

मिस्र ने सीमा पर तैनात किए अफसर
तब प्रोटोकॉल के तहत मिस्र ने गाजा सीमा पर 750 अधिकारी तैनात कर दिए थे। ये पुलिस के अधिकारी थे, जिनका मकसद आतंकवाद से निपटना और गकाजा में घुसपैठ को रोकना था। दो साल बाद गाजा पर हमास का कंट्रोल हो गया। इसके बाद फिलिस्तीनियों की ओर से कॉरिडोर पार कर मिस्र आने-जाने का सिलसिला तेज हो गया। इस पट्टी के नीचे सैकड़ों सुरंगें बनाई गई हैं।

फिलाडेल्फ़ी रूट का एक उद्देश्य इजरायल के कब्जे वाले गाजा पट्टी के अंदर फिलिस्तीनियों के हाथों में  हथियार और गोला-बारूद सहित अवैध सामग्री की पहुंच रोकना और गाजा पट्टी में लोगों की आवाजाही को रोकना था। फिलीस्तीनी तस्करों ने अवैध  सामग्री गाजा पट्टी में ले जाने के लिए फिलाडेल्फी मार्ग के तहत ही तस्करी सुरंगें बनाई हैं।

मिस्र की स्थिति क्या?
2005 में, अंतर्राष्ट्रीय दबाव में इजरायल गाजा पट्टी से हट गया और इसके बजाय उसने घनी आबादी वाले फिलिस्तीनी भूमि को दुनिया की सबसे बड़ी खुली हवा वाली जेल में बदल दिया। इधर, मिस्र फिलाडेल्फी कॉरिडोर को कंट्रोल करने वाला मुख्य खिलाड़ी बन गया। यह एकमात्र रास्ता है जो तेल अवीव को भी बाहरी दुनिया से जोड़ता है क्योंकि तेल अवीव अन्य सभी तरफ से भूमि, समुद्र और वायु नाकाबंदी बनाए रखता है।

जब मिस्र ने इस पट्टी के नीचे फिलिस्तीनियों द्वारा बनाई गई सुरंगों को ध्वस्त करने की बात कही तो इजरायल ने उसका विरोध किया। इस बीच हमास ने उन सुरंगों का व्यापक इस्तेमाल किया है। अब इजरायल उस सीमाई क्षेत्र में अपना पूर्ण नियंत्रण चाहता है।

हमास ने बढ़ाई ताकत
इजरायल-हमास युद्ध के बीच देखा गया है कि हमास ने अपनी सैन्य क्षमता में उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी की है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि हमास को इन सुरंगों के जरिए ही विदेशों से हथियार मुहैया करवाए गए हैं। बता दें कि मिस्र और फिलिस्तीन के बीच रफाह क्ऱॉसिंग ही केंद्रीय मार्ग है, जिस पर इजरायल का कब्जा है। 70 दिन से अधिक तक क्रॉसिंग बंद रखने के बाद इसरायल ने रविवार को राहत सामग्री भेजने के लिए करम अबू सालेम क्रॉसिंग खोली थी।

अब, इजरायल कथित तौर पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सीमाई क्षेत्र पर पूर्ण नियंत्रण चाहता है, जिसमें महत्वपूर्ण राफा क्रॉसिंग भी शामिल है लेकिन यह वास्तव में गाजा पट्टी पर पूर्ण कब्ज़ा करने जैसा होगा, जिस पर इज़रायल और अमेरिका सार्वजनिक रूप से असहमत हैं। दूसरी तरफ, मिस्र और हमास भी इजरायल के इस मंसूबे को विरोध करते रहे हैं। मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतेह अल सीसी कई बार कह चुके हैं कि वह फिलिस्तीनियों को उनकी भूमि से विस्थापित होने नहीं दे सकते हैं।

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