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क्या है Leopard-2 टैंक, जिसे यूक्रेन को देने पर जर्मनी ने साध ली है चुप्पी; दो फाड़ होता दिख रहा NATO 

1970 के दशक के अंत में अमेरिकी M48 पैटन टैंक को बदलने के लिए लेपर्ड-2 टैंक को पहली बार तैयार किया गया था और जल्द ही इसने अपनी मारक क्षमता,गतिशीलता और मजबूत सुरक्षा कवच के लिए प्रसिद्धि पा ली।

क्या है Leopard-2 टैंक, जिसे यूक्रेन को देने पर जर्मनी ने साध ली है चुप्पी; दो फाड़ होता दिख रहा NATO 
Pramod Kumarलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीSun, 22 Jan 2023 03:04 PM
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Leopard 2 tanks supply to Ukraine: रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध अब दूसरे साल में प्रवेश करने वाला है। इस बीच अमेरिका समेत कई पश्चिमी देशों ने सोवियत रूस के खिलाफ लड़ाई में यूक्रेन का साथ देने के लिए युद्धक टैंक और हथियारों की सप्लाई समेत आर्थिक मदद की है। इसी बीच पश्चिमी सहयोगी देश जर्मनी पर यूक्रेन को अपना लेपर्ड-2 टैंक उपलब्ध कराने का भारी दबाव है। यह टैंक रूसी आक्रमण के खिलाफ महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है।

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की लगातार रूस के खिलाफ लड़ाई में और अधिक उन्नत सैन्य उपकरणों की मांग पश्चिमी देशों से करते रहे हैं। अमेरिका ने इसी हफ्ते 90 कॉम्बैट वाहनों समेत 2.5 अरब डॉलर की सैन्य सहायता यूक्रेन को दी है। माना जा रहा था कि जर्मनी भी अपना लेपर्ड-2 टैंक यूक्रेन को मुहैया कराएगा लेकिन अभी तक जर्मनी ने उस पर चुप्पी साध रखी है।

यूक्रेन ने जताई निराशा:
यूक्रेन के उप विदेश मंत्री एंड्री मेलनीक ने CNN  को दिए एक इंटरव्यू में लेपर्ड-2 टैंक यूक्रेन को भेजने के जर्मनी के अनिर्णय पर निराशा व्यक्त की है। मेलनीक ने कहा कि जर्मनी ने पहले यूनाइटेड किंगडम से कहा था कि वह लेपर्ड-2 टैंक भेजेगा लेकिन अब उसके अनिर्णय से निराशा हुई है। इससे अन्य देशों का कदम भी प्रभावित होगा। NATO के सदस्य देशों में जर्मनी के इस कदम से खलबली है।

संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके सहयोगी देश भी ये टैंक यूक्रेन को दिला पाने में असफल रहे क्योंकि रूस लगातार धमकी देता रहा है कि ऐसे युद्धक टैंकों और हथियारों के खेप से यूरोप में संघर्ष बढ़ सकता है। लेपर्ड-2 टैंकों को दुनिया भर में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला टैंक माना जाता है। पूरे यूरोप में इसका व्यापक रूप से उपयोग किया जाता रहा है।

लेपर्ड-2 टैंक इतना खास क्यों हैं?
1970 के दशक के अंत में अमेरिकी M48 पैटन को बदलने के लिए लेपर्ड-2 टैंक को पहली बार  तैयार किया गया था और जल्द ही इसने अपनी मारक क्षमता,गतिशीलता और मजबूत सुरक्षा कवच के लिए प्रसिद्धि पा ली। जर्मन अखबार फ्रैंकफर्टर ऑलगेमाइन ज़िटुंग के अनुसार, लेपर्ड-2 टैंक जर्मन टैंक उद्योग  [वोक्सवैगन] के गोल्फ की तरह है, जिसे पूरी दुनिया में ऑल-राउंडर की मान्यता मिली हुई है।

जर्मन हथियार निर्माता क्रॉस-मफेई वेगमैन (KMW) ने अब तक 60 टन भार वाले इस युद्धक टैंक की लगभग 3,500 यूनिट का उत्पादन किया है।

यह टैंक 120 मिमी स्मूथबोर तोप से लैस है। यह 70 किलोमीटर (44 मील) प्रति घंटे की रफ्तार से 500 किमी (310 मील) की दूरी तक चल सकता है। इसके मैन्यूफैक्चर्स के मुताबिक, यह टैंक अपने सैनिकों को माइन्स विस्फोट, एंटी टैंक फायर और IED ब्लास्ट जैसे खतरों से सर्वांगीण सुरक्षा दे सकता है। अंतिम रूप से उत्पादित चार  मॉडल 2A4 से 2A7 तक सभी मौजूदा समय में उपयोग में हैं। 

जर्मनी क्यों नहीं ले पा रहा निर्णय?
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अपनाई गई सैन्य-विरोधी स्थिति के कारण जर्मनी यूक्रेन को टैंक प्रदान करने के लिए अनिच्छुक रहा है। हालाँकि, जर्मनी पर दबाव बढ़ रहा है और इसे एक कठिन स्थिति में डाल दिया गया है।

पोलैंड ने अंतरराष्ट्रीय गठबंधन के हिस्से के रूप में यूक्रेन को 14 लेपर्ड-2 टैंक भेजने की इच्छा जाहिर की है। फ़िनलैंड ने कहा कि वह इस शिपमेंट का विरोध नहीं करेगा लेकिन जर्मनी की मंजूरी के बिना पोलैंड ये टैंक नहीं भेज सकता क्योंकि उन्हें जर्मन लाइसेंस के तहत ही आपूर्ति करनी होगी। हालांकि, पोलिश प्रधान मंत्री माटुस्ज़ मोराविकी ने कहा है कि पोलैंड जर्मनी की अनुमति के बिना भी यूक्रेन को टैंक भेज सकता है।

बहरहाल, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि कोई टैंक कितनी जल्दी यूक्रेन पहुंचेगा। जर्मन हथियार निर्माता राइनमेटॉल, जो लेपर्ड की तोप और इलेक्ट्रॉनिक्स का उत्पादन करती है और उसके पास दर्जनों पुराने मॉडल के टैंक हैं, ने कहा है कि वह 2024 तक किसी भी टैंक को डिलीवर नहीं कर पाएगा क्योंकि उन्हें भेजने से पहले नवीनीकरण और मरम्मत की आवश्यकता होगी।

कुछ विश्लेषकों का मानना है कि लेपर्ड-2 टैंक की यूक्रेन को आपूर्ति रूस के साथ संघर्ष को और बढ़ा सकती है,और इसे युद्ध में नाटो देशों की प्रत्यक्ष भागीदारी के रूप में देखा जा सकता है। रूस ने पहले ही चेतावनी दे दी है कि अगर NATO उच्च तकनीक वाले हथियारों को तैनात करता है तो यह "बेहद खतरनाक" स्थिति होगी।

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