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अमेरिका को पाकिस्तान के साथ मजबूत सैन्य संबंध बनाए रखने की जरूरत

अमेरिका के एक शीर्ष जनरल ने देश के सांसदों से कहा है कि वॉशिंगटन को पाकिस्तान के साथ मजबूत संबंध बनाने के साथ ही इस्लामाबाद पर अमेरिकी “अनुरोधों” पर कार्रवाई करने का दवाब भी बनाए रखना...

अमेरिका को पाकिस्तान के साथ मजबूत सैन्य संबंध बनाए रखने की जरूरत
एजेंसी,वॉशिंगटनFri, 12 Jul 2019 11:57 PM
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अमेरिका के एक शीर्ष जनरल ने देश के सांसदों से कहा है कि वॉशिंगटन को पाकिस्तान के साथ मजबूत संबंध बनाने के साथ ही इस्लामाबाद पर अमेरिकी “अनुरोधों” पर कार्रवाई करने का दवाब भी बनाए रखना होगा। 'ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टॉफ' के अध्यक्ष के तौर पर नामित जनरल मार्क मिल्ले का यह बयान ऐसे समय में आया है जब 22 जुलाई को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच व्हाइट हाउस में मुलाकात होनी है।

जनरल मिल्ले ने इस पद के लिए उनके नाम की पुष्टि संबंधी सुनवाई में सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति के समक्ष लिखित प्रश्नों के उत्तर में कहा, ''भले ही हमने सुरक्षा सहायता और बड़ी रक्षा वार्ताओं को रोक दिया है लेकिन हमें हमारे साझा हितों के आधार पर मजबूत सैन्य संबंध बनाए रखने की आवश्यकता है।

उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप की दक्षिण एशिया रणनीति अफगानिस्तान में राजनीतिक समाधान तलाशने, अलकायदा या आईएसआईएस से निपटने, अमेरिकी बलों को साजो-सामान उपलब्ध कराने और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ाने समेत अन्य अमेरिकी हितों को हासिल करने में पाकिस्तान को एक अहम सहयोगी मानती है। उन्होंने कहा, '' यदि अध्यक्ष के तौर पर मेरे नाम की पुष्टि होती है तो मेरा उद्देश्य अमेरिका और पाकिस्तान के बीच रक्षा संबंधों को बरकरार रखना होगा। साथ ही हम पाकिस्तान पर अमेरिका के अनुरोधों पर काम करने का दबाव बनाएंगे।"

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राष्ट्रपति ट्रंप आतंकवाद के खिलाफ जंग में पाकिस्तान की भूमिका की आलोचना करते रहे हैं, खासकर युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में इस्लामाबाद के कार्यों की। ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सुरक्षा एवं अन्य मददों पर यह कहते हुए रोक लगाई हुई है कि इस्लामाबाद ने बदले में केवल “झूठ और धोखा” दिया है। अमेरिका के कई शीर्ष अधिकारियों ने पाकिस्तान से उसकी सरजमीं से संचालित आतंकवादी समूहों के खात्मे के लिए कहा है। 

एक अन्य प्रश्न के उत्तर में मिल्ले ने कहा कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से सुलह के समर्थन में सकारात्मक योगदान दिया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि सुरक्षा सहायता के निलंबन के बाद से पाकिस्तान ने अपनी सुरक्षा एवं आर्थिक सहायता की जरूरतों को पूरा करने के लिए रूस एवं चीन समेत कई अन्य देशों तक अपनी पहुंच बनाई है। वर्तमान में सेना के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल मिल्ले ने अफगानिस्तान, इराक, सोमालिया और कोलंबिया में अपनी सेवाएं दी हैं। अफगानिस्तान में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा सहायता बल संयुक्त कमान के कमांडिंग जनरल और अमेरिकी बलों के डिप्टी कमांडिंग जनरल के तौर पर सेवा दी है।

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