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चीन से घातक कोरोना वायरस के असल नमूने पाने की कोशिश कर रहा है अमेरिका

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा है कि अमेरिका, चीन से नोवेल कोरोना वायरस के ''वास्तविक" नमूने पाने का अब भी प्रयास कर रहा है क्योंकि इस संक्रमण से जुड़े कई सवाल अब भी अनुत्तरित...

चीन से घातक कोरोना वायरस के असल नमूने पाने की कोशिश कर रहा है अमेरिका
लाइव हिन्दुस्तान टीम,वॉशिंगटनFri, 24 Apr 2020 04:03 PM
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अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा है कि अमेरिका, चीन से नोवेल कोरोना वायरस के ''वास्तविक" नमूने पाने का अब भी प्रयास कर रहा है क्योंकि इस संक्रमण से जुड़े कई सवाल अब भी अनुत्तरित हैं। घातक कोरोना वायरस से सवार्धिक प्रभावित अमेरिका हुआ है। यह संक्रमण पिछले वर्ष चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ था। 

जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में कोविड-19 के इस संक्रमण के कम से कम 8,42,376 मामले सामने आए हैं और करीब 49,800 लोगों की मौत हो चुकी है। इससे पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले सप्ताह कहा था कि अमेरिका इन रिपोर्टों को बारीकी से देख रहा है कि नोवेल कोरोना वायरस वुहान शहर की एक विषाणु विज्ञान प्रयोगशाला से पनपा था।

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पोम्पियो ने कहा कि कोरोना वायरस से जुड़े अनेक सवाल अब भी अनुत्तरित हैं। पोम्पियो ने बृहस्पतिवार (23 अप्रैल) को लैरी ओ कोन्नर शो पर कहा, ''स्पष्ट कहूं तो हम अब भी वायरस के (चीन से) वास्तविक नमूने पाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने जो नमूने दिए हैं वह पूर्ण अवस्था में और सही नहीं हैं।"

अमेरिकी संसद ने करीब 500 अरब डॉलर की और सहायता को दी मंजूरी
वहीं, अमेरिकी संसद ने कोरोना वायरस महामारी के कारण देश में बेरोजगारी की तेजी से बढ़ रही दर के बीच आर्थिक नुकसान झेल रहे नियोक्ताओं और अस्पतालों को राहत देने के लिए करीब 500 अरब डॉलर की और सहायता देने का प्रावधान किया है। कोरोना वायरस संकट से सबसे बुरी तरह प्रभावित देशों में शामिल अमेरिका में बेरोजगारी दर बढ़ रही है और ऐसा माना जा रहा है कि बेरोजगारी की यह दर 1930 के दशक में आई महामंदी के स्तर तक पहुंच गयी है।

बेरोजगारी पर नए आंकड़ों के मुताबिक कोरोना वायरस के कारण प्रत्येक छह अमेरिकी कर्मचारियों में से एक को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। गहराते आर्थिक संकट के बीच सदन ने करीब 500 अरब डॉलर का व्यय पैकेज पारित किया है जिससे संकटग्रस्त कारोबारों एवं अस्पतालों की मदद की जा सके।

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