भारत से चीनी और कपास के आयात को मंजूरी देने वाले फैसले को पाकिस्तान ने पलट दिया, जिसके बाद से वहां के कारोबारी हायतौबा मचाए हुए हैं और उनका कहना है कि इमरान सरकार के इस कदम से वे बर्बाद हो जाएंगे। इस बीच अमेरिका ने भारत से कपास और चीनी के आयात करने की योजना पर पाकिस्तान के यूटर्न पर टिप्पणी करने से सीधे तौर पर इनकार कर दिया। इस बारे में पूछे जाने पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि खासकर इस मुद्दे पर वह कुछ भी टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने पाकिस्तान द्वारा भारत से कपास और चीनी के आयात नहीं करने के फैसले पर कहा कि मैं उस पर विशेष रूप से टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा। मैं यह कहूंगा कि हम विवाद के मसलों पर भारत और पाकिस्तान के बीच सीधे संवाद का समर्थन करते हैं।
I wouldn’t want to comment on that specifically. What I would say is that we continue to support direct dialogue between India & Pakistan on issues of concern: US State Department spokesperson Ned Price on Pakistan cabinet rejecting a proposal to import cotton & sugar from India pic.twitter.com/m7Fe3bvcLj
— ANI (@ANI) April 7, 2021
बता दें कि बीते दिनों पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व में हुई कैबिनेट मीटिंग में सरकार पैनल के फैसले को पलटने पर मुहर लगी थी। इससे पहले पाकिस्तान की इकॉनमिक कॉर्डिनेशन कमिटी ने भारत से चीनी और कपास के आयात को मंजूरी दी थी। दरअसल पाकिस्तान में इन उत्पादों की महंगाई काफी बढ़ गई है। ऐसे में महंगाई से निपटने के लिए भारत से आयात फिर शुरू करने का फैसला लिया गया था। लेकिन इस पर भी राजनीति शुरू हो गई और दबाव में इमरान खान सरकार ने फैसले को पलट दिया।
पाकिस्तान की ओर से फैसले को पलटने को लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ कहा नहीं गया है। अगर इकॉनमिक कॉर्डिनेशन कमिटी का फैसला लागू होता तो दो साल बाद भारत और पाकिस्तान के बीच कारोबार की शुरुआत होती। दरअसल अगस्त 2019 में भारत की ओर से जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान ने भारत से कारोबार बंद करने का फैसला लिया था। बुधवार को ही पाकिस्तान के नए वित्त मंत्री हम्माद अजहर ने भारत के साथ कारोबार शुरू करने का ऐलान किया था। उन्होंने भारत से कपास और चीनी के आयात की बात कही थी। यही नहीं भारत से कारोबार शुरू करने के सवाल पर उन्होंने अपने फैसले का बचाव भी किया था।