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जेनेवा समिट: हाथ मिले, क्या दिल भी मिलेंगे? पुतिन और बाइडेन ने की पहली बार मुलाकात

वैश्विक राजनीति में एक-दूसरे के कट्टर प्रतिद्वंद्वी के तौर पर चर्चित अमेरिका और रूस के राष्ट्रपतियों की बुधवार को जेनेवा समिट के दौरान मुलाकात हुई। इस समिट के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और...

जेनेवा समिट: हाथ मिले, क्या दिल भी मिलेंगे? पुतिन और बाइडेन ने की पहली बार मुलाकात
एएफपी,जेनेवाWed, 16 Jun 2021 05:48 PM
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वैश्विक राजनीति में एक-दूसरे के कट्टर प्रतिद्वंद्वी के तौर पर चर्चित अमेरिका और रूस के राष्ट्रपतियों की बुधवार को जेनेवा समिट के दौरान मुलाकात हुई। इस समिट के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन की साथ में कई तस्वीरें सामने आई हैं। इन तस्वीरों में दोनों एक-दूसरे से हाथ मिलाते दिख रहे हैं। हालांकि अब तक दोनों नेताओं के बीच किसी अहम करार या समझौते की खबर नहीं आई है। ऐसे में यह सवाल जरूर उठता है कि हाथ तो मिले हैं, लेकिन क्या दिल भी मिलेंगे? पहले से ही इस समिट को लेकर ज्यादा उम्मीदें नहीं रखी जा रही थीं। हालांकि दोनों देशों के बीच तनाव कम होने के लिए इसे अहम माना जा रहा है। 

जेनेवा समिट से पहले ही दोनों ने उम्मीद जताई थी कि इस वार्ता के जरिए रिश्ते स्थिर हो सकेंगे। अमेरिकी चुनाव में रूस के दखल के आरापों और यूक्रेन के मामले को लेकर दोनों देशों के बीच कई बार तनाव देखने को मिला है। एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच 4 से 5 घंटे तक की मुलाकात हो सकती है। हालांकि उन्होंने कहा कि हमें इस मीटिंग से किसी बड़े परिणाम की ज्यादा उम्मीद नहीं है। बुधवार की दोपहर को ही बाइडेन और पुतिन समिट में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे हैं। वहीं व्लादिमीर पुतिन के विदेश सलाहकार यूरी उशाकोव ने कहा कि उन्हें इस बात का भरोसा नहीं है कि इस समिट में किसी नतीजे तक पहुंचा जा सकेगा। 

यूक्रेन पर हमला कर क्रीमिया में रूस की ओर से 2014 में दखल बढ़ाए जाने के बाद से ही दोनों देशों के बीच रिश्ते निचले स्तर पर पहुंच गए थे। इसके अलावा 2015 में सीरिया में रूस के दखल और फिर 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की मदद के आरोप भी रूस पर लगे थे। हालांकि व्लादिमीर पुतिन प्रशासन ने इन आरोपों को लगातार खारिज किया था। दोनों देशों के बीच रिश्ते इसी साल मार्च तब और बिगड़ गए थे, जब अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने पुतिन को किलर बताया था। इसके बाद रूस ने वॉशिंगटन से अपने राजदूत को वापस बुलाय था। इसके जवाब में अप्रैल में अमेरिका ने रूस से अपने राजनयिक को बुला लिया था।

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