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अमेरिका ने पाकिस्तान से एफएटीएफ की शर्तों को पूरी तरह से लागू करने को कहा

अमेरिकी राजदूत एलिस वेल्स ने शुक्रवार (24 जनवरी) को कहा कि वॉशिंगटन ने इस्लामाबाद से अपनी वित्तीय कार्रवाई टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की कार्य-योजना लागू करने का आग्रह किया है और जोर दिया है कि...

अमेरिका ने पाकिस्तान से एफएटीएफ की शर्तों को पूरी तरह से लागू करने को कहा
आईएएनएस,इस्लामाबादSun, 26 Jan 2020 01:53 AM
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अमेरिकी राजदूत एलिस वेल्स ने शुक्रवार (24 जनवरी) को कहा कि वॉशिंगटन ने इस्लामाबाद से अपनी वित्तीय कार्रवाई टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की कार्य-योजना लागू करने का आग्रह किया है और जोर दिया है कि कार्य-योजना में बताई गई जरूरतों को पूरा किया जाना है। उन्होंने हाल ही में पाकिस्तान की यात्रा पर अमेरिकी विदेश विभाग की एक ब्रीफिंग के दौरान यह टिप्पणी की।

इस दौरान एलिस से पूछा गया कि क्या अमेरिका पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के उस अनुरोध का जवाब देगा, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान को ग्रे सूची से बाहर करने के लिए हस्तक्षेप की मांग की थी। इस पर उन्होंने कहा, “यह एक राजनीतिक प्रक्रिया नहीं है, लेकिन हम निश्चित रूप से समर्थन करते हैं और पाकिस्तान की मदद के लिए तैयार हैं, क्योंकि वह इन दायित्वों को लागू कर रहा है।”

इसी सवाल का जवाब देते हुए एलिस वेल्स ने कहा, “एफएटीएफ एक तकनीकी प्रक्रिया है। पाकिस्तान को एक कार्य योजना पेश की गई है। यह उन जरूरतों को पूरा करने का सवाल है, जिन्हें पूरी तरह समझाया जा चुका है और यह अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली में सभी देशों के लिए है।”

उन्होंने कहा, “मैंने एफएटीएफ के तहत अपने आतंकवाद विरोधी वित्तपोषण दायित्वों को पूरा करने के लिए पाकिस्तान द्वारा प्रयासों का स्वागत किया है। हम पाकिस्तान को एफएटीएफ और अंतरार्ष्ट्रीय समुदाय के साथ काम करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, ताकि वह अपनी कार्य योजना को पूरा कर सके।”

वेल्स ने कहा कि एफएटीएफ की कार्य-योजना को पूरा करना पाकिस्तान के आर्थिक सुधार के प्रयासों के लिए भी महत्वपूर्ण है, जिसमें इसके अंतरार्ष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) कार्यक्रम शामिल हैं।

यह पूछे जाने पर कि अगर पाकिस्तान एफएटीएफ नियमों को पूरा नहीं करता है तो क्या आईएमएफ फंडिंग प्रभावित हो सकती है, इस पर राजदूत वेल्स ने जवाब दिया कि पाकिस्तान अपने एफएटीएफ दायित्वों को पूरा नहीं करता है या अगर उसे ब्लैकलिस्ट किया जाता है तो यह पाकिस्तान के आर्थिक सुधार कार्यक्रम के साथ ही निवेशकों को आकर्षित करने के संबंध में भी विनाशकारी होगा। हालांकि उन्होंने कहा कि वॉशिंगटन एफएटीएफ दायित्वों को पूरा करने की दिशा में पाकिस्तान की प्रगति को देखकर प्रसन्न है।

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