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खालिस्तानियों का स्वर्ग बना कनाडा गरीबी-भुखमरी से बेहाल, फूड बैंक की रिपोर्ट ने उड़ाई ट्रूडो की नींद

साल 2015 के नवंबर से ही जस्टिन ट्रूडो कनाडा के प्रधानमंत्री हैं। इसलिए फूड बैंक ऑफ कनाडा की नई रिपोर्ट ने उनकी नींद उड़ा दी है। इस रिपोर्ट में 13 मानकों पर कनाडा सरकार फेल रही है। उसे डी कैटगरी मिली ह

खालिस्तानियों का स्वर्ग बना कनाडा गरीबी-भुखमरी से बेहाल, फूड बैंक की रिपोर्ट ने उड़ाई ट्रूडो की नींद
Pramod Kumarलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीWed, 27 Sep 2023 01:43 PM
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Canada Food Bank Report: खालिस्तानी आतंकियों की खिदमत में जुटी कनाडा की जस्टिन ट्रूडो की सरकार के निकम्मेपन की पोल पूरी दुनिया के सामने खुल गई है। कनाडा के ही फूड बैंक ने एक रिपोर्ट जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि देश में गरीबी, भुखमरी और बेरोजगारी के आंकड़ों में जबर्दस्त उछाल आया है। फूड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा में 2.8 मिलियन लोग गरीबी में जी रहे हैं, जबकि 70 लाख लोगों के पास खाने-पीने का संकट आ खड़ा हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश की 18 फीसदी आबादी खाद्यान्न संकट झेल रही है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कनाडा के राज्य नोवा स्कोशिया में सबसे बुरे हालात हैं। फ़ूड बैंक्स कनाडा की नई रिपोर्ट के अनुसार, नोवा स्कोशिया उन लोगों को खाना मुहैया कराने में विफल रहा है जो गरीबी में जी रहे हैं। रिपोर्ट में 13 मानकों पर चर्चा की गई है। नोवा स्कोशिया को सभी मानकों में सबसे निचले पायदान पर एफ कैटगरी में रखा गया है। मंगलवार को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा को सभी मानकों को मिलाकर उसके प्रयासों के लिए डी रैंक हासिल हुआ है।

फूड बैंक्स कनाडा के सीईओ कर्स्टन बियर्डस्ले ने एक साक्षात्कार में कनाडा की टीवी चैनल CTVNews को बताया, "कनाडा सरकार गरीबी कम करने के अपने दृष्टिकोण में स्पष्ट रूप से विफल साबित हुई हैं। हमें हर जगह और अधिक और प्रभावी कार्रवाई करने की ज़रूरत है।" इस रिपोर्ट में कनाडा की पूर्वर्ती सरकारों के कामकाज की भी तुलना की गई है।

रिपोर्ट ने प्रत्येक सरकार का चार भागों में विश्लेषण किया है। इसके तहत गरीबी का अनुभव, गरीबी उपाय, भौतिक अभाव (जीवन स्तर) और उससे निपटने के उपायों की प्रगति को स्टडी का आधार बनाया गया है। सरकारी और सार्वजनिक डेटा और सर्वेक्षणों का मिश्रण उपयोग करके, शोध संगठन ने हर मानक पर ग्रेड आवंटित किया है। इस रिपोर्ट में प्रांतों और संघीय सरकार के बीच तुलना भी करना है और यह समझना भी कि कनाडा में कौन सी नीतियां काम कर रही हैं और क्या बेअसर रही हैं।

फूड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा में लोगों को अपने आवास के लिए अपनी आय का 30 फीसदी से ज्यादा रकम खर्च करना पड़ रहा है। इस पैमाने पर कनाडा को कैटगरी डी प्लस में रखा गया है। इसके अलावा गरीबी दर, बेरोजगारी दर, असमान जीवनयापन के मामले में भी डी प्लस रैंकिंग दी गई है। लोगों ने सर्वे में बताया है कि पिछले साल की तुलना में महंगाई, गरीबी, खाद्यान्न संकट, बेरोजगारी सभी बढ़ी हैं। 

रिपोर्ट के मुताबिक, 52 फीसदी लोगों ने कहा कि पिछले साल की तुलना में कनाडा में जीवनयापन कठिन हुआ है। 35 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें अपनी आय का 30 फीसदी से ज्यादा हिस्सा घर के किराए के लिए चुकाना पड़ रहा है। सरकारी सहायता को नाकाफी बताते हुए  सिर्फ 38 फीसदी लोगों ने सरकारी उपायों से संतुष्टि जताई है। सिर्फ 22 फीसदी लोगों ने कहा कि विकलांगता की समस्या के समाधान में सरकारी प्रयास उपयुक्त हैं।

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