ट्रेंडिंग न्यूज़

अगला लेख

अगली खबर पढ़ने के लिए यहाँ टैप करें

हिंदी न्यूज़ विदेशसंकटमोचक बनकर सामने आया ये मुस्लिम देश, क्या IMF से अब कर्ज नहीं लेगा पाकिस्तान? 

संकटमोचक बनकर सामने आया ये मुस्लिम देश, क्या IMF से अब कर्ज नहीं लेगा पाकिस्तान? 

पाकिस्तान ने बुधवार को दावा किया कि उसे सऊदी अरब ने उसे अतिरिक्त ऋण के संकेत दिए हैं, जो अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ( IMF) के साथ जारी गतिरोध को तोड़ने में मददगार हो सकता है।

संकटमोचक बनकर सामने आया ये मुस्लिम देश, क्या IMF से अब कर्ज नहीं लेगा पाकिस्तान? 
Pramod Kumarलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीThu, 30 Mar 2023 03:15 PM
ऐप पर पढ़ें

घनघोर आर्थिक संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान को उम्मीद की एक नई किरण दिखाई पड़ी है। उसकी मदद के लिए अब दूसरे मुस्लिम देश सऊदी अरब ने आगे आने के संकेत दिए हैं। पाकिस्तान ने बुधवार को दावा किया कि सऊदी अरब ने उसे अतिरिक्त ऋण के संकेत दिए हैं, जो अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ( IMF) के साथ जारी गतिरोध को तोड़ने में मददगार हो सकता है। 

पाकिस्तान के अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त राज्य मंत्री डॉ आयशा पाशा ने एक संसदीय समिति की बैठक में भाग लेने के बाद ऋण राशि की व्याख्या किए बिना कहा, "हमें सऊदी अरब से कुछ मिलने का संकेत मिला है।"

उन्होंने वित्त पर सीनेट की स्थायी समिति को यह भी बताया कि एक दिन पहले ही एक मित्र देश के साथ बातचीत पर ठोस प्रगति हुई है। हालांकि, पाकिस्तान ने स्पष्ट तौर पर कहा कि  वह आईएमएफ के 6.5 अरब डॉलर के कार्यक्रम को समय से पहले छोड़ने की योजना नहीं बना रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि मंत्री ने कहा,"हम जल्द ही आईएमएफ के साथ स्टाफ लेवेल एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करने के लिए एकमंच पर पहुंचेंगे।"

बता दें कि आईएमएफ ने पाकिस्तान को 6 अरब डॉलर के अतिरिक्त ऋण की व्यवस्था करने के लिए कहा है। आईएमएफ ने उसकी कम से कम आधी राशि का इंतजाम बोर्ड बैठक से पहले करने को कहा है। आईएमएफ की शर्तों के मुताबिक, ये राशि सॉवरेन डिफॉल्ट से बचने और 1.7 महीने के आयात के लिए विदेशी मुद्रा भंडार को पर्याप्त स्तर तक बनाए रखने के लिए जरूरी है।

इस बीच, पाकिस्तान ने आईएमएफ से कहा है कि अतिरिक्त वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए उसे सऊदी अरब से 2 अरब डॉलर और संयुक्त अरब अमीरात से 1 अरब डॉलर का अतिरिक्त कर्ज मिलेगा। अखबार को सूत्रों ने बताया है कि आईएमएफ चाहता है कि द्विपक्षीय और वाणिज्यिक ऋणों के संयोजन से पाकिस्तान 3 अरब डॉलर की व्यवस्था करे।

आईएमएफ की इस शर्त को पूरा करने में दो मुस्लिम देश (सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात) पाकिस्तान के लिए संकटमोचक बनकर उभरे हैं। माना जा रहा है कि इस प्रक्रिया के पूरा होने पर आईएमएफ कर्ज की अगली किश्त पाकिस्तान को जारी कर सकता है। आईएमएफ के साथ पाकिस्तान की नौवें दौर की बातचीत बेनतीजा 9 फरवरी को खत्म हुई थी।