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यूएस की पहली हिंदू सांसद तुलसी गेबार्ड 2020 में लड़ सकती हैं राष्ट्रपति चुनाव

अमेरिका की पहली हिंदू सांसद तुलसी गेबार्ड 2020 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में उतर सकती है। अगर वह अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में उतरती हैं तो वह इस दौड़ में शामिल होने वाली पहली हिंदू उम्मीदवार...

यूएस की पहली हिंदू सांसद तुलसी गेबार्ड 2020 में लड़ सकती हैं राष्ट्रपति चुनाव
लाइव हिन्दुस्तान टीम,वाशिंगटनTue, 13 Nov 2018 04:44 AM
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अमेरिका की पहली हिंदू सांसद तुलसी गेबार्ड 2020 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में उतर सकती है। अगर वह अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में उतरती हैं तो वह इस दौड़ में शामिल होने वाली पहली हिंदू उम्मीदवार होंगी। तुलसी की पहचान यूएस कांग्रेस में हवाई से पहली हिंदू सांसद के रूप में है। 

लॉस एंजेलिस के मेडट्रॉनिक कांफ्रेंस में शुक्रवार को प्रतिष्ठित भारतीय-अमेरिकी डॉक्टर संपत शिवांगी ने 37 वर्षीय तुलसी का परिचय कराया। संपत ने कहा कि तुलसी 2020 में अमेरिका की नई राष्ट्रपति हो सकती हैं। इस संक्षिप्त परिचय का स्वागत लोगों ने खड़े हो कर तालियों की गड़गड़ाहट से की। खुद तुलसी ने भी इस कांफ्रेंस को संबोधित किया, लेकिन उन्होंने न तो राष्ट्रपति उम्मीदवार होने की बात को न तो स्वीकार किया और न ही इससे इनकार किया। हालांकि, बताया जा रहा है कि वह इस पर क्रिसमस के बाद फैसला ले सकती हैं।

हालांकि, इसे अगले साल तक भी लंबित रखा जा सकता है। ऐसा भी कहा जा रहा है कि तुलसी और उनकी टीम चुनाव के लिए प्रभावशाली अभियान खड़ा करने के लिए खामोशी से संभावित दानदाताओं से संपर्क कर रही हैं, इसमें कई भारतवंशी शामिल हैं। तुलसी भारतवंशियों के बीच काफी चर्चित हैं। उनकी टीम ने भारतवंशियों के बीच पैठ बनाने का काम शुरू कर दिया है। जो कि अमेरिका में यहूदियों के बाद सबसे अमीर एथनिक समुदाय माना जाता है।

तुलसी गबार्ड भारतवंशी नहीं
तुलसी गबार्ड भारतीय नहीं हैं। गबार्ड का जन्म अमेरिका के समोआ में एक कैथोलिक परिवार में हुआ था। उनके पिता समोआ मूल के कैथोलिक माइक गबार्ड हैं। वह हवाई राज्य के सीनेटर रहे हैं। उनकी मां काकेशियाई मूल की करोल पोर्टर गबार्ड हैं, जो हिंदू धर्म का पालन करती हैं. खुद गबार्ड ने युवावस्था में हिंदू धर्म अपनाया।

2012 से सदन की सदस्य
अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा के लिए पिछले हफ्ते हुए चुनाव में तुलसी फिर निर्वाचित हुई। वह साल 2012 से इस सदन की सदस्य हैं। इस बार उनका लगातार चौथा कार्यकाल है। अमेरिका में रहने वाले भारतीय समुदाय में वह काफी लोकप्रिय हैं।

हाथों में गीता लेकर शपथ ली थी 
अमेरिका के इतिहास में तुलसी पहली ऐसी सांसद हैं जिन्होंने हाथों में गीता लेकर संसद की सदस्यता की शपथ ली थी। इस समय वह सदन की प्रभावशाली सशस्त्र सेवा समिति और विदेश मामलों की समिति की सदस्य हैं। वह डेमोक्रेटिक पार्टी की राष्ट्रीय समिति की उपाध्यक्ष भी रह चुकी हैं। 

डा. शिवांगी ने चंदा जुटाया था
तुलसी के राष्ट्रपति चुनाव में उतरने का दावा करने वाले डॉ. संपत शिवांगी सत्तारूढ़ रिपब्लिकन पार्टी से जुड़े हैं। शिवांगी ने उनके लिए उस समय भी चंदा जुटाया था, जब वह 2012 में पहली बार संसद पहुंचने की दौड़ में शामिल हुई थीं।

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