टल गया तीसरा वर्ल्ड वार! पोलैंड मिसाइल हमले पर आया नाटो का बड़ा बयान, रूस की 'गलती' नहीं
पोलैंड पर कथित मिसाइल हमले के बाद से नाटो के सदस्य देश सतर्क हो गए थे। ऐसी आशंका जताई जाने की लगी कि अगर यह मिसाइल रूस की निकली तो तीसरा विश्व युद्ध भड़क सकता है।
पोलैंड और नाटो संगठन की ओर से जारी बयानों से फिलहाल के लिए तीसरे वर्ल्ड वार की आशंका टल गई है। दरअसल इससे पहले पोलैंड ने कहा था कि एक रूस निर्मित मिसाइल देश के पूर्वी हिस्से में गिरी, जिसकी चपेट में आने से दो लोगों की मौत हो गई। पोलैंड नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) का सदस्य देश है। पोलैंड पर कथित मिसाइल हमले के बाद से नाटो के सदस्य देश सतर्क हो गए थे। ऐसी आशंका जताई जाने की लगी कि अगर यह मिसाइल रूस की निकली तो तीसरा विश्व युद्ध भड़क सकता है।
फिर भी घटना की जिम्मेदारी रूस की है- पोलैंड
हालांकि गनीमत रही कि पोलिश सरकार ने बाद में खुद एक बयान जारी कर कहा कि मिसाइल रूस की नहीं थी। पोलैंड के राष्ट्रपति ने बुधवार को कहा कि इस बात के कोई संकेत नहीं हैं कि पोलैंड में मिसाइल विस्फोट ''जानबूझकर किया गया एक हमला'' था। उन्होंने कहा कि ज्यादातर संभावना है कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी। मिसाइल की चपेट में आने से दो लोगों की मौत हो गई थी। राष्ट्रपति आंद्रेजेज डूडा ने कहा कि यह यूक्रेनी मिसाइल हो सकती है जो पोलैंड में गिर गई थी लेकिन उन्होंने कहा कि घटना की जिम्मेदारी रूस की है जिसने मंगलवार को यूक्रेन पर कई मिसाइल हमले किए थे।
पोलैंड में गिरी मिसाइल संभवत: रूस द्वारा किया हमला नहीं: नाटो
पोलैंड के अलावा नाटो ने भी माना की मिसाइल संभवत: रूस द्वारा किया हमला नहीं था। नाटो महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग का कहना है कि यूक्रेन के साथ लगी पोलैंड की सीमा में एक मिसाइल विस्फोट शायद रूस द्वारा किया गया हमला नहीं था। उन्होंने बुधवार को कहा कि यह संभवत: यूक्रेन की वायु रक्षा मिसाइल थी जो भटक गई थी।
उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के राजदूतों के साथ आपातकालीन वार्ता के बाद स्टोल्टेनबर्ग ने संवाददाताओं को बताया, “इम मामले में जांच चल रही है और हमें उसके नतीजों का इंतजार करने की जरूरत है। लेकिन हमारे पास कोई संकेत नहीं है कि यह जानबूझकर किए गए एक हमले का परिणाम था।” उन्होंने हालांकि कहा कि यह घटना यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध की वजह से हुई। उन्होंने कहा, “यूक्रेन की गलती नहीं है, रूस की अंतिम जिम्मेदारी है।”
पोलैंड मिसाइल घटना के बाद अब तक क्या-क्या हुआ?
- पोलैंड ने कहा रूस निर्मित मिसाइल उसके पूर्वी इलाके में गिरी, दो की मौत
- पोलैंड में मिसाइल गिरने के बाद नाटो ने आपात वार्ता की
- US राष्ट्रपति बाइडन बोले: पोलैंड में दागी गई मिसाइल के रूस निर्मित होने की 'संभावना कम'
- बाइडन ने यूक्रेन की आपातकालीन सहायता के लिये 37 अरब अमेरिकी डॉलर की मांग की
पोलैंड मिसाइल घटना के बाद एक्टिव हुआ जर्मनी
जर्मन रक्षा मंत्रालय का कहना है कि वह पोलैंड को अपने हवाई क्षेत्र में गश्त के लिए मदद की पेशकश करेगा। प्रवक्ता क्रिश्चियन थिएल्स ने बुधवार को कहा, “गश्त जर्मन वायु सेना के ठिकानों से होगी - हम इस साल की शुरुआत में जुलाई तक पहले ही ऐसा कर चुके हैं, इसे आजमाया और परखा गया है।” उन्होंने कहा कि जर्मन रक्षा मंत्री प्रस्ताव के बारे में अपने पोलिश समकक्ष से बात करेंगी। थिएल्स ने कहा, “यह कल ही किया जा सकता है, अगर पोलैंड चाहे तो।”
फ्रांस बोला- जल्दबाजी नहीं करेंगे
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पोलैंड में मिसाइल के गिरने की अटकलों के बीच सावधानी बरतने का आग्रह करते हुए कहा कि यह जानना जल्दबाजी होगी कि क्या हुआ था। फ्रांसीसी नेता ने कहा कि यूक्रेन के साथ लगी पोलैंड की सीमा के पास विस्फोट के संबंध में “विश्लेषण चल रहा है”। मैक्रों ने कहा, “संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा साझा किए गए प्रारंभिक कार्य हैं लेकिन हमें सावधान रहना चाहिए।”
क्यों हो सकता था तीसरा वर्ल्ड वार?
इस साल फरवरी में यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर सबसे प्रमुख आशंका युद्ध का माहौल बढ़ने को लेकर है। रूस के लड़ाकू बयान और वहां अस्थिरता को देखते हुए इन आशंकाओं को जायज माना जा रहा है। परमाणु हमले को लेकर चिंताएं सुर्खियों में छाई हुई हैं, लेकिन नाटो के किसी भी सदस्य देश पर जाने-अनजाने में हमला बड़े युद्ध का सूचक होगा। अगर नाटो के सदस्य देश इसमें संलिप्त होते हैं तो रूस और यूरोप के पश्चिमी देशों के बीच अस्तित्व की होड़ शुरू हो सकती है। नाटो संधि के अनुच्छेद 5 में स्पष्ट कहा गया है कि किसी एक देश पर हमला सभी के खिलाफ हमला है। अमेरिका में 2001 में 11 सितंबर को हुए हमले के बाद अनुच्छेद 5 लागू किया गया था।
पोलैंड ने टाला युद्ध का खतरा, नहीं तो...
अगर पोलौंड मानता कि उस पर गिरी मिसाइल सीधा रूसी हमला है तो वह नाटो संधि के अनुच्छेद 4 को पूरी तरह लागू करने की संभावना पर आगे बढ़ सकता है। वह अपने क्षेत्र में हमले की जानकारी देने के लिए सैन्य गठबंधन की तत्काल बैठक का अनुरोध कर सकता है। वह नाटो की सामूहिक कार्रवाई के लिए बैठक में अनुच्छेद 5 पर जवाब पर जोर दे सकता है।