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खत्म नहीं हो रही तुर्की की मुश्किल, 24 घंटे के अंदर भूकंप का तीसरा झटका; 6 रही रिक्टर स्केल पर तीव्रता

तुर्की के लिए मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। 24 घंटे से भी कम समय के अंदर तीसरी बार तुर्की की धरती हिली है। इस बार रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6 की मापी गई। यूएसजीएस ने जानकारी दी।

खत्म नहीं हो रही तुर्की की मुश्किल, 24 घंटे के अंदर भूकंप का तीसरा झटका; 6 रही रिक्टर स्केल पर तीव्रता
Deepakलाइव हिंदुस्तान,अंकाराMon, 06 Feb 2023 07:23 PM

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तुर्की के लिए मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। 24 घंटे से भी कम समय के अंदर तीसरी बार तुर्की की धरती हिली है। इस बार रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6 की मापी गई है। यूएसजीएस ने इसकी जानकारी दी है। बता दें कि सोमवार भोर में आए तेज भूकंप के चलते तुर्की में तबाही का मंजर दिखाई दे रहा है। वहीं, शाम को एक और भूकंप का झटका आया था। यहां पर करीब 1000 लोगों की जान जा चुकी है।

 

बता दें कि सोमवार को भोर में तुर्की में भीषण भूकंप आया। भूकंप से कई इमारतें ध्वस्त हो गई हैं और भूकंप उपरांत झटके अब भी महसूस किए जा रहे हैं। विभिन्न शहरों में बचावकर्मी और निवासी ध्वस्त हुई इमारतों से जिंदा लोगों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं। भूकंप में ध्वस्त हुए एक अस्पताल और सीरिया के गिने-चुने अस्पतालों से नवजातों सहित मरीजों को सुरक्षित बाहर निकालना पड़ा।

अदाना शहर के एक निवासी ने बताया कि उसके आसपास की तीन इमारतें ध्वस्त हो गई हैं। पत्रकारिता के छात्र मुहम्मद फतीह युवस ने बताया कि मलबे में जिंदा फंसे एक व्यक्ति ने बचावकर्मियों द्वारा निकाले जाने की कोशिश के दौरान कहा कि अब मुझमें कोई ताकत नहीं बची है। सुदूर पूर्वी शहर दियारबकीर में क्रेन और बचावकर्मी भूकंप से ध्वस्त हुए अपार्टमेंट इमारत से जिंदा बचे लोगों को निकालकर स्ट्रेचर के माध्यम से अस्पताल पहुंचा रहे हैं। भूकंप के झटके काहिरा तक महसूस किए गए। इसका केंद्र सीरियाई सीमा से करीब 90 किलोमीटर दूर गजियांतेप शहर के उत्तर में था।

भूकंप सीरिया के उस क्षेत्र में आया जहां एक दशक से अधिक समय से गृह युद्ध जारी है और प्रभावित इलाका सरकार और विद्रोहियों में बंटा हुआ तथा उनके चारों ओर रूस समर्थित सरकारी सेनाएं तैनात हैं। वहीं, तुर्की वाले इलाके में संघर्ष की वजह से लाखों शरणार्थी बसे हुए हैं। विरोधियों के कब्जे वाले सीरियाई इलाके में लड़ाई की वजह से विस्थापित 40 लाख लोग रह रहे हैं। इनमें से कई उन इमारतों में रह रहे थे जो पहले से ही बमबारी की वजह से क्षतिग्रस्त थे। व्हाइट हेलमेट नामक विपक्षी आपात संगठन ने एक बयान में 

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