OMG: धरती के इस इलाके में पारा लुढका -67डिग्री, टूट गया थर्मामीटर!
इस बार की सर्दियां धरती के उत्तरी हिस्से पर कहर बनकर टूटी हैं। चाहे अमेरिका हो, यूरोप या फिर रूस, भयानक सर्दी के सितम ने पूरी उत्तरी हिस्से को मानो बर्फ से ढक दिया है। धरती के सबसे ठंडे, आबादी...
इस बार की सर्दियां धरती के उत्तरी हिस्से पर कहर बनकर टूटी हैं। चाहे अमेरिका हो, यूरोप या फिर रूस, भयानक सर्दी के सितम ने पूरी उत्तरी हिस्से को मानो बर्फ से ढक दिया है। धरती के सबसे ठंडे, आबादी वाले इलाके में तो हाल इस कदर खराब हैं कि वहां के थर्मामीटर ने ही दम तोड़ दिया है।
आपको बता दें कि रूस के साइबेरिया में आने वाला छोटा सा गांव 'ओयमयाकोन' दुनिया का सबसे ठंडा आबादी वाला इलाका है। जनवरी के समय यहां का औसतन तापमान -51डिग्री के आसपास रहता है। लेकिन कुछ दिन पहले इस गांव में रिकॉर्ड तोड़ सर्दी पड़ी जिसके चलते पारा माइनस 62 डिग्री तक गिर गया। इसी के साथ गांव के बीचोंबीच लगा डिजिटल थर्मामीटर ठप्प पड़ गया।
अंटार्कटिका से कम नहीं यहां के हालात
आपको बता दें कि अधिकारियों ने कुछ दिन पहले यहां का तापमान -59डिग्री रिकॉर्ड किया। लेकिन गांव वालों का कहना था कि पारा -67डिग्री के करीब था जिसने थर्मामीटर को भी फेल कर दिया। बता दें कि यह तापमान किसी भी इंसान के लिए एक जगह पर स्थाई तौर पर बसने के लिए योग्य तापमान से भी एक डिग्री कम है। हालांकि अंटार्कटिका इलाके में इससे भी कम तापमान होता है लेकिन वहां कोई स्थायी बसेरा नहीं है।
'ठंडे नर्क' में कुछ इस तरह जिंदा हैं लोग
हमेशा चालू रहती हैं गाड़ियां
आपको बता दें कि ओयमयाकोन गांव में लगभग 500 की आबादी है। 1920-30 के दशक में यहां रेनडियर चलाने वाले जानवरों को पानी पिलाने के लिए रुका करते थे क्योंकि उस वक्त यहां गर्म पानी के कुंड थे। इसी कारण इसका नाम ओयमयाकोन पड़ा, जिसका अर्थ है वो पानी जो कभी नहीं जम सकता। यहां रोजमर्रा की जिंदगी में पेन की इंक दम जाने, चश्मे पर बर्फ जम जाने, कार की बैटरी का पीवर खत्म होने जैसी दिक्कतें आम हैं। यहां लोगों को अपनी गाड़ी हमेशा चालू रखनी पड़ती है ताकि गाड़ी स्टार्ट न होने का खतरा टल जाए।