तालिबान ने अफगानिस्तान से कहा- शांति से कर दो सरेंडर, काबुल पर जबरदस्ती नहीं करेंगे कब्जा
रविवार को जैसे ही तालिबान के लड़ाके अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के बाहरी इलाकों में दाखिल हुए, तालिबान नेतृत्व ने यह भी दावा किया कि काबुल के नागरिकों का जीवन सुरक्षित है। उनका कहना...
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रविवार को जैसे ही तालिबान के लड़ाके अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के बाहरी इलाकों में दाखिल हुए, तालिबान नेतृत्व ने यह भी दावा किया कि काबुल के नागरिकों का जीवन सुरक्षित है। उनका कहना है कि राजधानी काबुल पर बलपूर्वक कब्जा नहीं करेंगे। साथ ही उनका दावा है कि शांतिपूर्ण आत्मसमर्पण के लिए सरकार के साथ बातचीत जारी है। तालिबान के एक प्रवक्ता ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया है कि वे काबुल के शांतिपूर्ण आत्मसमर्पण के लिए अफगान सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं।
वहीं, अफगानिस्तान के कार्यवाहक आंतरिक मंत्री अब्दुल सत्तार मिर्जाकवाल ने कहा कि राजधानी काबुल पर हमला नहीं किया जाएगा। उन्होंने काबुल की जनता को आश्वासन दिया कि सुरक्षा बल शहर की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। टोलोन्यूज़ ने यह जानकारी दी है।
Taliban say in a statement they don't plan to take Kabul 'by force' as sporadic gunfire echoes in Afghan capital: The Associated Press
— ANI (@ANI) August 15, 2021
आपको बता दें कि अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी द्वारा अफगान नागरिकों को संबोधित करने के एक दिन बाद तालिबान ने राजधानी काबुल पर धाबा बोल दिया है। कल अशरफ गनी ने कहा था कि वे सेना को फिर से जुटा रहे हैं और स्थिति को और बढ़ने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय नेताओं के साथ बातचीत कर रहे हैं।
रविवार को काबुल में तालिबान की एंट्री
तालिबान के लड़ाकों ने राजधानी काबुल के बाहरी इलाकों में रविवार को प्रवेश कर लिया। चरमपंथियों की देश पर मजबूत होती पकड़ के बीच, घबराए सरकारी कर्मचारी दफ्तरों को छोड़कर भाग निकले। इसी दौरान अमेरिकी दूतावास पर हेलीकॉप्टर आ गए हैं। अफगानिस्तान के तीन अधिकारियों ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि तालिबान ने राजधानी काबुल के बाहरी इलाकों में रविवार को प्रवेश कर लिया है। अधिकारियों ने बताया कि तालिबान के लड़ाके कलाकान, काराबाग और पघमान जिलों में मौजूद हैं। चरमपंथियों ने इससे पहले जलालाबाद पर कब्जा किया था।
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काबुल में गोलीबारी की रूक-रूककर आ रही आवाज के बीच तालिबान ने काबुल को जबरदस्ती अपने कब्जे में नहीं लेने का संकल्प लिया। तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि वो शांतिपूर्ण हस्तांतरण का इंतजार कर रहे हैं। तालिबान ने कहा, ''किसी की भी जान, संपत्ति, सम्मान को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा और काबुल के नागरिकों की जिंदगी पर खतरा नहीं होगा।
दूतावास छोड़ भागे अमेरिकी अधिकारी
राजधानी काबुल के बाहरी इलाकों में प्रवेश से पूर्व रविवार सुबह चरमपंथी संगठन ने जलालाबाद पर कब्जा कर लिया था। इसके कुछ घंटे बाद रविवार को अमेरिका के बोइंग सीएच-47 हेलीकॉप्टर यहां अमेरिकी दूतावास पर उतरे। अमेरिकी दूतावास के निकट राजनयिकों के बख्तरबंद एसयूवी वाहन निकलते दिखे और इनके साथ ही विमानों की लगातार आवाजाही भी देखी गई। हालांकि अमेरिका सरकार ने अभी इस बारे में तत्काल कोई जानकारी नहीं दी है। दूतावास की छत के निकट धुआं उठता देखा गया जिसकी वजह अमेरिका के दो सैन्य अधिकारियों के मुताबिक राजनयिकों द्वारा संवेदनशील दस्तावेजों को जलाना है। अमेरिकी दूतावास के निकट सिकोरस्की यूएस-60 ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर भी उतरे। इन हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल आमतौर पर सशस्त्र सैनिकों को लाने-ले जाने के लिए किया जाता है।
काबुल के अलावा जलालाबाद ही ऐसा इकलौता प्रमुख शहर था जो तालिबान के कब्जे से बचा हुआ था। यह पाकिस्तान से लगती एक प्रमुख सीमा के निकट स्थित है। अब अफगानिस्तान की केंद्रीय सरकार के अधिकार में देश की 34 प्रांतीय राजधानियों में से काबुल के अलावा छह अन्य प्रांतीय राजधानी ही बची हैं।