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SCO बैठक के लिए बिश्केक पहुंचीं सुषमा स्वराज, किर्गिस्तान के विदेश मंत्री से की मुलाकात

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के मद्देनजर किर्गिस्तान के अपने समकक्ष चिंगिज एदारबेकोव के साथ ''उपयोगी चर्चा" की। एससीओ बैठक के दौरान आतंकवाद के खतरे समेत...

SCO बैठक के लिए बिश्केक पहुंचीं सुषमा स्वराज, किर्गिस्तान के विदेश मंत्री से की मुलाकात
एजेंसी,बिश्केकTue, 21 May 2019 09:10 PM
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विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के मद्देनजर किर्गिस्तान के अपने समकक्ष चिंगिज एदारबेकोव के साथ ''उपयोगी चर्चा" की। एससीओ बैठक के दौरान आतंकवाद के खतरे समेत कई मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि बिश्केक में पहली मुलाकात में स्वराज ने राजनीति और रक्षा, व्यापार और निवेश, स्वास्थ्य, क्षमता निर्माण तथा लोगों के बीच आपसी संबंध समेत द्विपक्षीय रिश्ते के सभी आयामों पर एदारबेकोव के साथ उपयोगी चर्चा की।

भारत 2017 में इस समूह का पूर्णकालिक सदस्य बना था। भारत एससीओ तथा इसके क्षेत्रीय आतंकवाद रोधी ढांचे (आरएटीएस) के साथ सुरक्षा संबंधी सहयोग को गहरा करना चाहता है। आरएटीएस के दायित्वों में सुरक्षा एवं रक्षा संबंधी मुद्दों का समाधान करना शामिल है।

एससीओ के विदेश मंत्रियों की परिषद की दो दिवसीय बैठक में शामिल होने के लिए मंगलवार को किर्गिस्तान की राजधानी पहुंचीं स्वराज को यहां पहुंचने पर पारंपरिक स्वागत दिया गया। नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि विदेश मंत्रियों की परिषद (सीएफएम) अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय महत्व के प्रासंगिक मुद्दों पर विचार साझा करेगी। इसके अलावा 13-14 जून से बिश्केक में एससीओ सम्मेलन के लिए तैयारी की समीक्षा की जाएगी।

भारत 2017 में चीन के प्रभुत्व वाले समूह का पूर्ण सदस्य बना था और भारत के इसमें शामिल होने से क्षेत्रीय भू-राजनीति में समूह का महत्व बढ़ गया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी बैठक में शामिल होंगे। पिछले माह रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिश्केक में एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लिया था। 2017 में भारत के साथ साथ पाकिस्तान को भी एससीओ की सदस्यता प्रदान की गई थी। एससीओ की स्थापना 2001 में शंघाई में संपन्न एक शिखर सम्मेलन में रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाखस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने की थी।

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